वर्ल्ड हार्ट डे यानी विश्व हृदय दिवस हर साल 29 सितंबर को मनाया जाता है। दिल हमारे शरीर का सबसे ज्यादा संवेदनशील और महत्वपूर्ण अंग है। आजकल की अनियमित जीवनशैली, अस्वस्थ खानपान और शारीरिक मेहनत की कमी की वजह से इंसान तमाम तरह की बीमारियों से ग्रस्त हो रहा है। इनमें दिल की बीमारियों को इसलिए ज्यादा खतरनाक माना जाता है क्योंकि ये कई बार इंसान को संभलने तक का मौका नहीं देती हैं।
शरीर में क्या करता है दिल
दिल हमारे शरीर का एक छोटा सा हिस्सा है मगर बहुत महत्वपूर्ण है। इसका आकार एक वयस्क की बंद मुट्ठी जितना बड़ा होता है और अंदर से खोखला होता है। ये हमारे शरीर में बह रहे खून को अपने अंदर भरता है और फिर बाहर निकाल देता है। इंसान की सांसे शुरू होने से इंसान की सांस रुकने तक इस दिल का यही इतना काम है। अब इतने से काम में भी अगर कोई बाधा आ जाए, तो दिल अपना काम करना बंद कर सकता है या उसका काम प्रभावित हो सकता है। दिल में आने वाला खून तीन धमनियों के सहारे आता है, जिन्हें कोरोनरी आर्टरीज यानि कोरोनरी धमनियां कहते हैं। दिल की सभी बीमारियों की जड़ इन्हीं धमनियों में होती है। इन धमनियों में आने वाला खून अगर अवरुद्ध होता है तो ये बीमारियां होती हैं, जिनका जिक्र हम ऊपर कर चुके हैं।
क्या है हार्ट अटैक और कैसे आता है
हार्ट अटैक वो है जिसमें किसी ब्लॉकेज के कारण दिल को खून नहीं मिल पाता है। जब दिल रक्त नलिकाओं में किसी तरह के अवरोध के कारण हृदय की धमनियों को खून नहीं मिल पाता या पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाता तो वो मर जाती हैं।
सीने का हर दर्द नहीं होता हार्ट अटैक
सीने में होने वाला हर दर्द हार्ट अटैक नहीं होता है। कई बार सीने में अन्य कई कारणों से भी दर्द की समस्या हो सकती है। हार्ट बर्न भी ऐसी ही समस्या है जिसके कारण सीने में तेज दर्द उठता है। हार्ट बर्न का हृदय से संबंध नहीं होता, बल्कि यह समस्या पेट में बनने वाले एसिड की वजह से पैदा होती है। सीने या गले में जलन और दर्द, खट्टी डकार आना, उल्टी का मन करना, पेट भारी-भारी लगना…यह सब हर्ट बर्न के लक्षण हैं। यदि एक ही बार में जरूरत से ज्यादा भोजन करते हैं, तो पेट और इसोफिजेस के बीच में एक वाल्व द्वारा बन जाता है। यह वाल्व पेट में बनने वाले एसिड को इसोफिजेस की तरफ धकेलता है।
इससे सीने में दर्द और जलन महसूस होने लगती है। शरीर के अन्य अंगों की तरह हमारे हृदय को भी लगातार काम करने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है। रक्त वाहिनियां रक्त के साथ ऑक्सीजन को हृदय तक पहुंचाती हैं। हृदय तक रक्त ले जाने वाली रक्त वाहिकाओं को कोरोनरी धमनी कहते हैं।
कैसे संभव है बचाव
दिल की तमाम बीमारियों की तरह इस बीमारी से बचाव के लिए भी आपको अपनी जीवनशैली में थोड़ा-बहुत बदलाव करना पड़ेगा। अच्छे, सेहतमंद और पौष्टिक आहार का सेवन करना , फास्टफूड्स से दूर रहना, सिगरेट-शराब आदि नशीले पदार्थों का सेवन न करना और शरीर की जरूरत के अनुसार भरपूर नींद लेना आदि बातों को अपने जीवन में शामिल करके आप एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। और हां! सबसे महत्वपूर्ण बात जीवन में रोजाना थोड़ा बहुत व्यायाम और शारीरिक मेहनत जरूरी है। अगर आप कुछ नहीं कर सकते तो कम से कम कुछ समय पैदल चलिए, सीढ़ियां चढ़िये और डांस कीजिए। तनाव भी दिल की बीमारियों की एक बड़ी वजह है इसलिए तनाव न लें।