Wednesday, April 2, 2025
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सावधान! सावन में भूलकर भी न करें ये 6 काम

by Yogita Chauhan
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हर साल सावन के महिने में शिव की पूजा की है और इस साल भी सावन का मौका है जिसे शास्त्रों के अनुसार शुभ माना गया है। क्योंकि ऐसा 19 साल बाद हुआ है कि पूरे एक माहिने के सावन पड़े है। जिसमें 4 सोमवार आ रहे है। धार्मिक मान्‍यताओ के अनुसार इस माह का संबंध शिव से जोड़ा गया है,इसलिए इसका महत्‍व और अधिक बढ़ जाता है। सावन के पूरे महीने आने वाले सभी सोमवार का विशेष महत्‍व बताया जाता है। ऐसी मान्‍यता है का सोमवार को ही देवी पार्वती ने शिव को पाने के लिए विशेष व्रत रखा था इसलिए ऐसी मान्‍यता है कि उपासक अगर सावन मास में सोमवार को शिव का व्रत रखते हुए सोमवार को उपवास रखते हैं तो शिव प्रसन्‍न होते हैं और वां‍छित फल मिलता है। आखिर क्या न करें सावन माह में आइए आपको बताते हैं।

दूध का सेवन न करें
शिव जी का दूध से अभिषेक करने की परंपरा शुरू हुई होगी। वैज्ञानिक मत के अनुसार इन दिनों दूध वात बढ़ाने का काम करता है। अगर दूध का सेवन करना हो तब खूब उबालकर प्रयोग में लाएं। कच्चा दूध प्रयोग में नहीं लाएं।

शिवलिंग पर न चढ़ाएं हल्दी
शिवलिंग पर हल्दी नहीं चढ़ानी चाहिए। हल्दी जलाधारी होने के साथ-साथ हल्दी स्त्री से संबंधित वस्तु है। शिवलिंग पुरुष तत्व से संबंधित है और ये शिवजी का प्रतीक है।

इन लोगों का अपमान न करें
सावन माह में बुजुर्ग व्यक्ति, गुरु, भाई-बहन, जीवन साथी, माता-पिता, मित्र और ज्ञानी लोगों का अपमान न करें। शिवजी ऐसे लोगों से प्रसन्न नहीं होते हैं जो यहां बताए गए लोगों का अपमान करते हैं। ये सभी लोग हर स्थिति में सम्मान के पात्र हैं, हमेशा इनका सम्मान करें।

बुरे विचारों से बचें
बुरे विचार से बचना चाहिए, अन्यथा शिवजी की पूजा में मन नहीं लग पाएगा। मन बेकार की बातों में ही उलझा रहेगा। शास्त्रों में स्त्रियों के लिए गलत बातें सोचना महापाप बताया गया है।

मांसाहार से बचें
सावन के महीने में इंसान को मांस के सेवन से दूर रहने को कहा जाता है, इसके पीछे बहुत सारे धार्मिक कारण हैं लेकिन इसका वैज्ञानिकों की ओर से सटिक वजह है कि यह मौसम बारिश का होता है, इस दौरान वातावरण में काफी कीड़े-मकोड़े सक्रिय हो जाते हैं जो कि जानवरों के शरीर पर भी पाये जाते हैं, जिनका सेवन करना बीमारियों को दावत देना होता है।

पति-पत्नी ध्यान रखें ये बातें
व्यक्तियों को कहा जाता है कि वो इस दौरान ब्रहमचर्य का पालन करें और शारीरिक सुख ना भोंगे क्योंकि इस दौरान गर्भधारण की संभावना भी होती है। वैज्ञानिक भी इस समय को बच्चे के लिए सही नहीं मानते हैं क्योंकि इस दौरान लड़कियां और महिलाएं काफी पूजा-पाठ और व्रत करती हैं जिसके कारण उनकी सेहत पर असर पड़ता है, वो आंतरिक रूप से मजबूत नहीं हो पाती हैं।

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