भारत देश की राजधानी दिल्ली जिसे देश का दिल भी कहा जाता है लेकिन अब इस दिल की हालत जरा गंभीर दिखाई दे रही है। दिल्ली जो अपने हर मोसम के लिए जानी जाती है आज यहां वातावरण में भारी बदलाव देखने को मिल रहे हैं। मानसून में दिल्ली में बारिश का कम होना और बिन मौसम के बारिश आना, साथ ही बीते साल दिल्ली में सर्दी भी न के बराबर हुई थी, लेकिन अब सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है, तो चलिए जानते हैं वह मुख्य कारण जिसकी वजह से बिगड़ गया दिल्ली का मिजाज……………………..
पेड़ो की हो गई है खासी कमी
दिल्ली में वातावरण बिगड़ने का सबसे बड़ा कारण है यहां हर रोज खड़े होते कंक्रीट के जंगल, जी हां दिल्ली में हर साल न जाने कितने ही पेड़ों की कटाई होती है और उनकी जगह कॉरपरेट हब या रेसिडेंशल कॉलोनियां बना दिए जाती हैं। जिसकी वजह से यहां गर्मी में तापमान का पारा बढ़ता ही जा रहा है। दिल्ली के वन विभाग के आंकड़ो के अनुसार पिछले 6 साल में करीब 52 हजार पेड़ काटे जा चुके हैं, आज स्थिति यह है कि दिल्ली में 9 लाख पेड़ों की कमी हो गई है। यह वातावरण बिगड़ने का सबसे बड़ा कारण है
वाहनों की बड़ती संख्या
दिल्ली का वातावरण खराब होने का अहम कारण यहां कि सड़को का ट्रेफिक भी है, दिल्ली के अंदर लगभग एक करोड़ से ज्यादा गाड़ियां है साथ ही पास के राज्यो से आए दिन लगभग 45 लाख वाहन दिल्ली में पहुंच जाते हैं, इन वाहनों से निकलने वाली कारबन-मोनोक्साइड हवा में जहर घोलने का काम करती है। विशेषज्ञों की माने तो इसकी वजह से तापमान में बढ़ोतरी होती जा रही है, जिसका सीधा असर वातावरण में देखने को मिलता है।
गैस चेंबर बन गई है दिल्ली
दिल्ली में हवा के प्रदूषित होने के कारण पिछले कई सालों से यहां की जनता और प्रशासन दोनो ही बेहद परेशान है, अब तो दिल्ली विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों में सबसे ऊपर आती जा रही है। इस सबका कारण बहुत सी चीजें हैं जैसे फैक्टरियों के भीतर से निकलने वाली गैस, कचरे को जला देना, साथ ही पड़ोसी राज्यों का पराली जलाना और सड़कों पर उड़ने वाली धूल। वायू प्रदूषण के चलते आज दिल्ली के वातवरण में भारी बदलाव देखने को मिल रहें हैं, लेकिन फिर भी इसकू सूध कोई नहीं लेता