दुनिया में एक नई मुसीबत ने दस्तक दी है और यह दस्तक सबसे पहले हुई है चीन में। दरअसल हम बात कर रहे हैं कोरोना वायरस की, चीन से यह वायरस फैलना शुरू हुआ और अब यह बाकि एशिया में भी तेजी से पैर पसार रहा है। इस वायरस के कारण अब तक कई लोग अपनी जान गवां बैठे हैं। स्वास्थ्य के लिहाज से भारतीय सरकार ने इस पर कुछ कढ़े कदम उठाए है। भारत सरकार ने चीन से आने वाले सभी अंतराष्ट्रीय हवाईअड्डो पर इस वायरस की जांच हेतू थर्मल स्कैनर लगाए हैं। लेकिन अभी भी इस वायरस को लेकर सरकार और प्रशासन लोगों को जागरूक करने में लगभग नाकाम रहा है। क्या आप जानते हैं कि क्या है यह वायरस और कैसे इसे पहचाना जाए, अगर नहीं तो हम आपको बता ते हैं।
क्या है कोरोना वायरस
वर्ल्ड हैल्थ ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक यह कोरोना वायरस सी-फूड से जुड़ा है। इसका पहला मामला चीन के वुहान शहर से आया है। आपको बता दे कि वुहान शहर सी-फूड के लिए काफी फेमस जगह है। यह वायरस सांप, चमगादड़, ऊंट और बिल्ली जैसे जानवरो में भी प्रवेश कर रहा है। WHO का कहना है कि यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के शरीर में जा सकता है।
इन देशों में दे चुका है दस्तक
चीन से शुरू हुआ यह वायरस अब जापान, थाईलैंड, सिंगापुर, भारत में भी पहुंच गया है। दिल्ली के ही आएएमएल अस्पताल में इसके 4-5 मामले सामने आए हैं। इन मामलो के मद्देनजर भारतीय सरकार ने अस्पतालो को भी सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। बताया तो यह भी जा रहा है कि यह वायरस अब इंगलैड तक पहुंच गया है। इंगलैंड के ही एक परिवार में कोरोना वायरस पाया गया है।
कोरोना वायरस से बचाव
चीन और भारत की मिलती हुई सीमाओ के कारण यह वायरस बहुत आसानी से यहां पहुच सकता है। जानवर हो या इंसान यह आपके शरीर में किसी भी तरह आ सकता है। मासाहारी भोजन करने वाले व्यक्ति इसकी चपेट में आ सकते हैं। इसलिए बेहतर होगा कि अपने घर या बाहर किसी भी तरह का नॉनवेज न खाएं साथ ही अंडों से भी परहेज करें।
यह होंगे लक्ष्ण और ऐसे करे बचाव
कोरोना वायरस को शुरूआत में पकड़ पाना थोड़ा मुश्किल जरूर है, लेकिन बताया जा रहा है कि इसके शुरूआती लक्ष्ण जुखाम, खासी, गले में खराश हो सकते हैं। अगर आपके आस पास कोई भी व्यक्ति बीमार है तो उससे थोड़ी दूरी बना कर रखें। खाने पीने या बाहर से आने की स्थिति में हैंड वाश जरूर करें। चेहरे को मास्क से कवर कर के ऱखें
नहीं बनी अब तक दवाई
कोरोना वायरस इसलिए ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है क्योकिं इसका इलाज अभी पूरी तरह किया नहीं जा सकता। न ही इसकी कोई दवाई बनी है।