Sunday, November 24, 2024
hi Hindi

जो कह दिया वह शब्द थे

by SamacharHub
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जो कह दिया वह शब्द थे,
जो नहीं कह सके
वह अनुभूति थी
और
जो कहना है,
फिर भी नहीं कह सकते
वह मर्यादा है।।

जिन्दगी का क्या है?
आकर नहायी
और
नहाकर चल दी।

पत्तों सी होती है
कई रिश्तों की उम्र!
आज हरे….
कल सूखे….।।
क्यों न हम
जड़ों से रिश्ते
निभाना सीखें।।

रिश्तों को बनाये रखने के लिये,
कभी अन्धा,
कभी गूँगा
और कभी बहरा
होना ही पड़ता है।।

बरसात हुई
और कानों में
इतना कह गई कि
गर्मी किसी की भी
हमेशा नहीं रहती।।

नसीहत
नर्म लहजे में ही
अच्छी लगती है क्योंकि,
दस्तक का मकसद
दरवाजा खुलवाना
होता है,
तोड़ना नहीं।।

घमण्ड
किसी का नहीं रहा,
टूटने से पहले तक
गुल्ल्क को भी लगता है,
सारे पैसे उसी के हैं।।

जिस बात पर
कोई मुस्करा दे,
बात बस वही
खूबसूरत है।।

थमती नहीं
जिन्दगी कभी
किसी के बिना,
परन्तु
ये गुजरती भी नहीं
अपनों के बिना।।

🌹 🌹

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