कैंसर (Cancer) बीमारी को बहुत ही खतरनाक बीमारी माना जाता है। कैंसर का इलाज होना बहुत जादा मुश्किल और दर्दनाक है।
कैंसर की बीमारी कई प्रकार की होती है। कैंसर की बीमारी को लाइलाज बीमारी भी कहा जाता है क्योंकि इसका पूर्णता इलाज करना अभी भी संभव नहीं हो सका है। हालांकि, अगर कैंसर बीमारी का शुरुआती समय में पता लग जाए तो फिर शायद कैंसर का इसका इलाज हो सकता है।
कैंसर बीमारी को इसलिए जानलेवा कहा जाता है क्योंकि इस बीमारी के होने के संकेत का पता नहीं लग पाता है। इसलिए यह बहुत आवश्यक है कि इस बीमारी के प्रति सजग रहें। यह बीमारी ऐसी नहीं है कि केवल भारत में ही है बल्कि पूरे विश्व के लोगों को शिकार बनाए हुए है। आधुनिक समय में शरीर से संबंधित किसी भी बीमारी को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। कब किसको कौन सी बीमारी हो जाए इसका पता लगाना संभव नहीं है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को निश्चित समय बाद पूरे शरीर का चैकअप कराना चाहिए। आज हम इस लेख में बताएंगे कि आप कैसे कैंसर का शुरुआती समय पता लगा सकते हैं। इन तरीकों से कैंसर का बड़ा आसानी से पता लगाया जा सकता है
लंग कैंसर (Cancer) की शुरुआती स्थिति
जिस व्यक्ति को सांस लेते समय आवाज आने का महसूस हो या फिर सांस लेने में दिक्कत हो रही है तो ऐसी परिस्थितियों में उसको फौरन डॉक्टर से चेकअप कराना चाहिए। इस प्रकार के संकेत लंग कैंसर होने के होते हैं इसके अलावा अगर किसी को लंबे समय से खांसी या सीने में दर्द है तो उसको लंग ट्यूमर या ल्यूकेमिया बीमारी हो सकती है। जब भी आपको सीने में दर्द हो या खांसी होने की समस्या हो तो फौरन ही डॉक्टर के पास जाकर चेकअप कराना चाहिए। जब बार-बार इंफेक्शन या हल्का बुखार तो ल्यूकेमिया के संकेत होते हैं। शरीर में बार-बार इन्फेक्शन और बुखार इसलिए आता है क्योंकि वाइट ब्लड सेल की संख्या में कमी आने लगती है। जिसके कारण शरीर का इम्यून सिस्टम प्रभावित हो जाता है और इसी कारण से बुखार और इन्फेक्शन की समस्या सामने आने लगती है।
व्यक्ति जब किसी भी प्रकार के अनाज का सेवन करता है तो उसको निकालने में काफी समस्या होती है। जब किसी व्यक्ति को चोट लगती है तो खून बहने लगता है ऐसी परिस्थितियों में ल्यूकेमिया के कारण ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ल्यूकेमिया के कारण रेड ब्लड कोशिका और प्लेटलेट्स में परिवर्तन आ जाता है।
कोई व्यक्ति जब जरूरत से ज्यादा काम कर लेता है तो उसको थकावट तो महसूस होती ही है लेकिन जब किसी व्यक्ति को बिना काम किए निरंतर थकावट बनी रहती है तो यह भी कैंसर का संकेत हो सकता है।
ओवेरियन कैंसर
कैंसर (Cancer) प्रारंभिक स्थिति में लगभग सभी व्यक्तियों को पेट के निचले हिस्से में दर्द होता है। इसके साथ-साथ पेट के फूलने जैसी समस्या भी होने लगती है। यह ओवेरियन कैंसर की पहचान है। इस कैंसर की पहचान करने के लिए एक और कारण यह है कि शरीर निरंतर फूलता ही जाता है जिससे आपके वजन में भी बढ़ोतरी होती है। अगर किसी व्यक्ति को कमर के नीचे दर्द होता है तो यह ब्रेस्ट ट्यूमर या लीवर कैंसर होने की संभावना होती है इसलिए फौरन ही डॉक्टर से चेकअप करवाएं। पिछले साल के रिकवरी और इलाज के आंकड़ों के अनुसार कैंसर विशेषज्ञों ने कहा है कि पिछले 5 साल से 14 वर्ष की आयु के बच्चों का कैंसर से इलाज होने के बाद 60% ठीक हो गए हैं।