अमेरिका में बाइडेन ने 46वे राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली है। दुनियाभर की नजर अब अमेरिका की नई सरकार पर है। सत्ता परिवर्तन के साथ अमेरिका के आर्थिक नीतियों का फायदा पूरी दुनिया को होगा। भारत और अमेरिका के व्यापारिक रिश्ते भी मजबूत होने की उम्मीद है।
अमेरिका के साथ भारत लगातार अच्छे संपर्क के साथ बना हुआ है। अमेरिका की पहली अश्वेत उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का संबंध भारत से है। भारत के लिए यह बड़े गर्व का विषय है, कि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन की कैबिनेट में 20 भारतवंशियों को जगह मिली है। 20 भारतीयों में 13 महिलाएं भी हैं जो इस कैबिनेट में महत्वपूर्ण पदों पर तैनात है।
कमला हैरिस नीति संबंधी निर्णयों के लिए होने वाली सीनेट की बैठक में भी शामिल रहेगी। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन का आना दुनिया के हित में रहेगा। चीन तानाशाही खत्म होगी। अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया मिलकर भारत के साथ क्वाड की व्यवस्था को इतना पुख्ता कर लेंगे कि वह चीन के वन बेल्ट वन रोड के विकल्प बनेंगे। वैश्विक शांति सुरक्षा अच्छी रहेगी।
अमेरिकी सरकार की चुनौतियां
कोरोनावायरस के चलते अमेरिकी अर्थव्यवस्था की हालत काफी खराब हो गई है और वहां बेरोजगारी काफी बढ़ी है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था की हालत सुधारने के लिए राष्ट्रपति स्थाई और अनुकूल नीतियां बनाएंगे जो वैश्विक व्यापार के लिए फायदेमंद होंगी। अमेरिका की इकोनॉमी को बेहतर तरीके से संभालने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन अमेरिका में भारी बेरोजगारी को देखते हुए वीजा मामले में नरमी लाएंगे। वीजा मामले में नरमी होने से पूरी दुनिया में फायदा होगा।
कच्चा तेल और नवीकरणीय ऊर्जा बेहतर
अमेरिकी राष्ट्रपति दुनिया की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का कार्य करेंगे। ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका के ईरान और चीन से रिश्ते खराब हो गए थे जिस कारण दुनिया की अर्थव्यवस्था को नुकसान उठाना पड़ा। अमेरिकी राष्ट्रपति ईरान के साथ बेहतर रिश्ते और प्रतिबंधों में नरमी रखेंगे तो भारत के लिए भी कच्चा तेल सस्ता हो जाएगा। पेट्रोल और डीजल कीमतों में बहुत तेजी हुई है इससे राहत मिल सकेगी।
पेरिस जलवायु समझौते को अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे बढ़ने की मंजूरी दे दी है जिससे एनर्जी के क्षेत्र में फंडिंग और टेक्नोलॉजी शेयरिंग के नए अवसर बनेंगे भारत को भी इसका फायदा होगा। ट्रंप ने व्यापारिक मामलों को अस्थाई तरीके से डील किया था। डेविसन पर इंपोर्ट ड्यूटी जैसे मामलों को लेकर अड़ियल रवैया अपनाया था। अमेरिका फर्स्ट कि अपने संरक्षण वाली नीतियों के कारण एच-1 वीजा में लगातार कटौती की थी। जिसका सबसे ज्यादा भारतीय प्रोफेशनल्स को नुकसान हुआ था। फार्मा इंडस्टरीज को भी अमेरिकी राष्ट्रपति से फायदा होगा।
भारत से बड़े पैमाने पर अमेरिका की जेनेरिक दवाइयों की आपूर्ति की जाती है। भारत अमेरिका के बीच कई अनसुलझे मसले हैं। नए अमेरिकी राष्ट्रपति से संभवतः व्यापार समझौते जैसी बड़ी डील की अड़चनें कम हो जाएं। कई व्यापारिक समझौतों को होने में आसानी हो जाएगी। भारत दुनिया का मैन्युफैक्चरिंग का केंद्र बनना चाहता है।
शेयर बाजार पर असर
अमेरिका के चुनाव नतीजे से शेयर बाजार काफी मजबूत होने लगा। दुनिया से जो बड़े पैमाने पर पैसा भारतीय शेयर बाजार में आ रहा था हो सकता है वह अमेरिकी शेयर बाजार की ओर रुख करने लगे। भारतीय शेयर बाजार को कुछ नुकसान हो सकता है।