Sunday, December 22, 2024
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Debenture

जानिए ऋणपत्रों के प्रकार

by Divyansh Raghuwanshi
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ऋणपत्र (Debenture) कई प्रकार के हो सकते हैं, जो सुरक्षा हस्तांतरणशीलता, शोधन आदि पर आधारित हो सकते हैं। प्रत्येक श्रेणी के ऋणपत्रधारियों के अधिकारियों में अंतर होता है। इनके प्रमुख इस प्रकार हैं

पंजीकृत ऋणपत्र (Registered Debentures)

पंजीकृत ऋणपत्र उसे कहते हैं, जिसका कंपनी की पुस्तकों में इसके धारक के नाम पर पंजीकरण होता है तथा जिसका उल्लेख कंपनी की पुस्तकों में किया जाता है। यह अंशों की भांति ही उनके पीछे लिखी शर्तों के आधार पर हस्तांतरित किए जा सकते हैं। परंतु इस प्रकार से किया गया हस्तांतरण तभी पूर्ण माना जाएगा जब कंपनी की वस्तुओं में इसका पंजीकरण करवा लिया जाए। ऋणपत्र एक विनिमय साध्य विलेख (Negotiable instrument) नहीं है। इन पर दिया जाने वाला ब्याज पंजीकृत ऋणपत्र धारी को अथवा उसके आदेशअनुसार संबंधित व्यक्ति को दिया जाता है। कई बार ब्याज के भुगतान हेतु कूपन (coupon) भी जारी किए जाते हैं। यदि कूपन जारी किए गए हो, तो ब्याज की प्राप्ति के लिए कूपन की सुपुर्दगी की आवश्यक है।

वाहक ऋणपत्र (Bearer Debentures) 

कंपनी धारक को देय ऋणपत्र भी निर्गमित कर सकती है। यह विनिमय साध्य प्रपत्र होते हैं तथा इनका स्वामित्व केवल सुपुर्दगी द्वारा ही प्राप्तकरता को प्राप्त हो जाता है। धारक ऋणपत्र की दशा में कंपनी ऐसे ऋणपत्रों के लिए कोई रजिस्टर नहीं रखती किंतु यदि यह प्रभावित ऋणपत्र है तो इनकी प्रविष्टि प्रभावों के रजिस्टर में की जाती है। धारक ऋणपत्र के साथ एक कूपन नत्थी किया होता है जिसे कंपनी द्वारा बैकर्स को देय तिथि पर देकर ब्याज प्राप्त किया जा सकता है। कंपनी धारकों को विज्ञापन द्वारा सूचित कर सकती है।

धारक ऋणपत्रों पर हस्तांतरिती (Transferee) इनका धारक बन जाता है और मूल राशि तथा ब्याज प्राप्त करने का अधिकार उसे प्राप्त हो जाता है। इनका भुगतान न होने की दशा में उसे कंपनी के समापन के लिए आवेदन करने का अधिकार होता है।

प्रभारित पत्र (Secured Debentures) 

जब कंपनी की किन्हीं संपत्तियों या परिसंपत्तियों पर ऋणपत्र धारियों के पक्ष में कोई प्रभार गिरवी/बाधक निर्मित किया जाता है, तो ऐसे ऋणपत्रों को प्रभारित ऋणपत्र कहते हैं।

परिवर्तनशील ऋणपत्र (Convertible Debentures)

कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 62 तीन परिवर्तनीय ऋण पत्र जारी करने की अनुमति देती है। ऋणपत्र धारियों को भुगतान के बदले,लेनदार को देय राशि के बदले अथवा अन्य किसी प्रकार के ऋण को बदले कंपनी केंद्रीय सरकार की आज्ञा लेकर विशेष प्रस्ताव पारित करके साधारण अंश जारी कर सकती है।

अपरिवर्तनशील ऋणपत्र (Non-Convertible Debentures)

जब ऋणपत्रों की धारकों के पास उन्हें समता या पूर्व अधिकार अंशों में परिवर्तित करने की व्यवस्था नहीं होती तब इस प्रकार के ऋणपत्रों को परिवर्तनशील ऋणपत्र कहा जाता है। इनके परिपक्व हो जाने पर इनका भुगतान किया जाता है।

अशांत: परिवर्तनशील ऋणपत्र (Partly Convertible Debentures)

आंशिक रूप से परिवर्तनीय ऋणपत्रों के दो भाग होते हैं- पहला परिवर्तनीय एवं दूसरा अपरिवर्तनीय। समता अंशों में परिवर्तनीय ऋणपत्र को निर्दिष्ट अवधि (Specified Period) के बाद संशोधित कर दिया जाता है, जबकि अपरिवर्तनीय ऋणपत्र का संशोधित उल्लिखित अवधि के बाद कर दिया जाता है। जहां परिवर्तनीय हिस्से का शोधन निर्दिष्ट समय के पश्चात अथवा 18 माह पश्चात स्वीकार्य है वहां ऋणपत्र  धारक का यह वैकल्पिक अधिकार है कि वह इन्हें परिवर्तित कराये या नहीं।

इन सबके अलावा और भी ऋणपत्र हैं लेकिन अधिक प्रचलित यही हैं।

 

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