अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई को शुक्रवार को ‘संभल कर बात करने’ की नसीहत दी| ईरान की राजधानी तेहरान में खामनेई की टिप्पणी के बाद ट्रंप ने ट्वीट किया, ‘‘ईरान के तथाकथित ‘सर्वोच्च नेता’ जो अब उतने सर्वोच्च नहीं रह गए हैं, को अमेरिका और यूरोप के बारे में कुछ खराब बातें कहनी है|’’ ट्रंप ने कहा कि खामनेई ने जो अपने भाषण में बोला वह उनकी भूल है| दरअसल खामनेई ने अपने भाषण में अमेरिका को ‘बुरा’ और ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी को ‘अमेरिका का प्यादा’ बताते हुए ट्रंप पर हमला बोला था।
साल 2012 के बाद से शुक्रवार की नमाज की पहली बार अगुवाई करते हुए ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा कि 3 जनवरी को मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की अमेरिकी ड्रोन हमले में हत्या ‘अमेरिका के लिए शर्म की बात है|’ खामेनेई ने कहा, “उन्होंने चुपके से व कायरतापूर्वक जनरल सुलेमानी की आतंकवादी की तरह हत्या कर दी| यह अमेरिका के लिए शर्म की बात है|”
खामेनेई ने तेहरान की इमाम खामेनी बड़ी मस्जिद में नमाज की अगुवाई की, जहां शुक्रवार की सुबह से ही भारी भीड़ जमा हो गई थी|
प्रेस टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, 8 जनवरी को इराक में दो सैन्य ठिकानों पर ईरान के मिसाइल हमले का जिक्र करते हुए खामेनेई ने कहा कि तेहरान की प्रतिक्रिया अमेरिकी के लिए एक झटका है|
इराक के इन सैन्य ठिकानों पर अमेरिकी सैनिक रहते हैं| ईरान ने यह हमला सुलेमानी की हत्या के जवाब में किया|
उन्होंने कहा कि यह हमला सेना पर आघात था, लेकिन अधिक महत्वपूर्ण है कि यह अमेरिकी भव्यता के लिए एक झटका था|
खामेनेई ने ब्रिटेन, जर्मनी व फ्रांस के नेताओं की आलोचना की, जिन्होंने इस हफ्ते एक प्रक्रिया शुरू करने की बात कही, जिससे ईरान पर यूरोपीय प्रतिबंध फिर से लागू हो सकते हैं|