गंगटोक पर्यटन के लिए खूबसूरत शहर है। पूर्वी उत्तर मैं बसा गंगटोक हिमालय की गोद में बसा है। हिमालय की गोद में बसने के कारण असली नजारे और खूबसूरत झरने और शांति झीलें पर्यटकों का मन मोह लेती हैं। गंगटोक शहर में विहंगम दृश्य मन को बोल लेते हैं। यहां की सफारी करना किसको पसंद नहीं आता। विशाल पर्वतों पर जानवर के कूबड को मजबूती से पकड़ना अच्छा लगता है। सिक्किम की राजधानी गंगटोक में यात्रा करने के लिए बहुत सारी जगह हैं जहां पर हम यात्रा का आनंद उठा सकते हैं। इनमें से कुछ चीजें गंगटोक की यात्रा को आनंददायक बनाती हैं।
सेवेन सिस्टर्स वॉटरफॉल
गंगतोक में सात बहनों झरने के सांप ने ले जल को देखकर बहुत अच्छा लगता है। यहां का आकर्षक दृश्य पहाड़ों से झरने की तरह जानते हैं आपको आनंद का अनुभव कराते हैं। सात बहनों झरने के पास जब सूरज ढलने लगता है तब नजारा जादुई हो जाता है। अपने परिवार के साथ पिकनिक जैसा अनुभव होता है।
नाथूला दर्रा सौंदर्य की पहचान
भारत और चीन के बीच 3 लिंक में से एक के रूप में कार्य करता है। इस दर्रे की ऊंचाई 4300 मीटर है। 1962 में यह प्राचीन रेशम मार्ग होता था। इस मार्ग से कुछ दूरी पर भारत चीन की सीमा के एक झलक देखने को मिल जाती है। सीमा पर हम अपने भारतीय सैनिकों को सीमा के रखवाली करते देखते हैं। यहां से चीन के सैनिक भी दिखाई देते हैं जो अपनी सीमा की सुरक्षा करते हैं।
ताशी व्यू प्वाइंट सूर्यास्त का बेहतर नजारा
ताशी व्यू प्वाइंट पर्यटक के लिए आकर्षक का केंद्र बिंदु है। गंगटोक से 8 किलोमीटर की दूरी पर काशी है यहां पर कंचनजंगा वर्ष की चोटियों का बेहतरीन नजारा दिखाई देता है। ताशी व्यू प्वाइंट सूर्यास्त के लिए जाना जाता है। जैसे-जैसे दिन बढ़ता जाता है सूर्य की किरणों का रंग बदल कर चोटियों को रोशन करता है। सुबह 5:00 बजे इस आकर्षक दृश्य का आनंद लेना बहुत अच्छा लगता है। यहां पर पहाड़ा की बेहद सुंदरता देखने को मिलती है इस सूर्यास्त को हम अपने कैमरे में कैद करके रख सकते हैं। यह गंगटोक की बेहद खूबसूरत यादों में से एक है।
लाल बाजार खरीदारी का स्थान
सिक्किम में स्थानीय कारीगरों के द्वारा बनाई गई वस्तुओं को हम लाल बाजार में जाकर खरीद सकते हैं। यहां के किसान दिए बाजारों में अपना सामान बेचने आते हैं। रविवार के दिन गंगतोक का लाल बाजार रंगों से सजा होता है। लोग यहां होटल से नीचे आकर पैदल ही चीजों की खरीददारी करते हैं।
हनुमान टोक सुंदरता की पहचान
गंगटोंक शहर से 11 किलोमीटर की दूरी पर हनुमान टोक कंचनजंगा रेंज का बेहद खूबसूरत दृश्य देखने को मिलता है। हनुमान टोंक 7200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां भगवान हनुमान जी जब हिमालय से श्रीलंका की तरफ जा रहे थे, तो उन्होंने एक पल के लिए आराम किया था। पर्यटन के लिए एस्तान बहुत अच्छा है।
रुमटेक मठ आर्किटेक्चर की पहचान
सिक्किम में रूमटेक मठ सबसे बड़ा है, जहां पर पौधों के कारगीय संप्रदाय है। गंगटोक शहर से 23 किलोमीटर की दूरी पर यह स्थित है। यह मठ वास्तु कला का दुनिया में बेहतरीन स्थान है, 12 वीं शताब्दी में तिब्बत के कारगिल संप्रदाय में यह उत्पन्न हुआ था। यह बौद्ध धर्म का धर्म चक्र केंद्र है। सिक्किम तो पहाड़ों और झरना से अपनी सुंदरता में चार चांद लगा देता है। यहां की यात्रा करना हर पर्यटक का सपना होता है।