आज हम इस लेख में आपको भारत के इतिहास के टॉप ऐसे हॉकी खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे जिनके खिलाड़ियों के नाम तो आपने सुना ही होंगे परंतु इनके बारे में आपने कभी शायद ही सुना हो। इसलिए आज इस लेख को ध्यान से पढ़िए। चलिए तो शुरू करते हैं, कि आखिर वह कौन से ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें भारत के इतिहास में हॉकी के महान खिलाड़ीयों के रूप में जाना जाता है-
उधम सिंह
उधम सिंह ने अपने कैरियर की शुरुआत सन 1949 में अफगानिस्तान के खिलाफ खेलकर की थी। उधम सिंह इतने अच्छे खिलाड़ी थे कि जिसका आप केवल इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं, कि वह सन 1952 में हेल्सिंकी, सन 1956 में मेलबर्न, सन 1960 में रोम और सन 1964 में टोक्यो ओलंपिक खेलों में भारतीय टीम का हिस्सा रहे हैं। उधम सिंह ओलंपिक में लेस्ली क्लॉडियस के बाद तीन गोल्ड मेडल और एक सिल्वर मेडल जीतने वाले भारत के दूसरे खिलाड़ी हैं। इनको सन 1965 में अर्जुन अवार्ड से भी अलंकृत किया गया था। इन्होंने कई साल हॉकी कोच के रूप में भी काम किया है।
लेस्ली क्लॉडियस
लेस्ली क्लॉडियस हॉकी की टीम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता था। लेस्ली क्लॉडियस के कारण ही हमें सन 1952 के हेलसिंकी और सन 1956 के मेलबर्न ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने में कामयाबी मिली थी। इन्होंने इन दोनों में ही ओलंपिक हॉकी गेम्स में बहुत ही शानदार प्रदर्शन किया था। सन 1960 में हुए रोम ओलंपिक में लेस्ली क्लॉडियस ने भारतीय टीम की कप्तानी करते हुए रजत पदक पदक दिलाया था। उनकी सबसे खास बात यह है, कि 2012 के लंदन ओलंपिक खेलों में जिन तीन मेट्रो स्टेशन के नाम भारतीय खिलाड़ियों के नाम पर रखे गए थे उनमें से एक लेस्ली क्लॉडियस भी है। और इनका नाम उधम सिंह के साथ हॉकी में सर्वाधिक ओलंपिक पदक जीतने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स मे भी नाम दर्ज है।
बलबीर सिंह सीनियर
बलबीर सिंह सीनियर को मेजर ध्यानचंद के बाद हॉकी का दूसरा सबसे महान खिलाड़ी कहा जाता है। यह तीन ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतने वाले टीम के भी सदस्य रहे थे। बलबीर सिंह के नाम ओलंपिक में सबसे ज्यादा गोल करने (फाइनल में) का रिकॉर्ड भी दर्ज है। बलबीर सिंह ने (सन 1952) ओलंपिक फाइनल मैच में नीदरलैंड के खिलाफ पांच गोल कर रिकॉर्ड बनाया था। भारत ने इस मैच में 6-1 से जीत हासिल की थी। यह भारतीय टीम के मैनेजर और मुख्य कोच भी रह चुके थे। भारत का प्रमुख अवार्ड में से एक पद्मश्री अवार्ड से भी बलबीर सिंह को नवाजा गया था। वह अवार्ड जीतने वाले हॉकी के पहले खिलाड़ी थे। कुछ साल पहले यानी कि सन 2015 में उन्हें मेजर ध्यानचंद लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी नवाजा गया था।
मेजर ध्यानचंद
मेजर ध्यानचंद को हॉकी का महान खिलाड़ी कहा जाता है। क्रिकेट के महान खिलाड़ी डॉन ब्रैडमैन ने एक बार कहा था कि “क्रिकेट में जिस तरह रन बनाए जाते हैं, उस तरह मेजर ध्यानचंद हॉकी में गोल करते हैं”। मेजर ध्यानचंद ने अपने पूरे कैरियर में 400 से भी ज्यादा गोल किए हैं, जो कि एक आज भी रिकॉर्ड है। इनकी याद में हर साल इनके जन्मदिन पर राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है।
इनके अलावा और भी भारत के कई शानदार हॉकी के खिलाड़ी हैं, जो कि भारत में नहीं बल्कि पूरे विश्व में विख्यात हैं। हालांकि, इनमें से ज्यादातर की या तो मृत्यु हो गई या फिर खेल को नहीं खेलते है परंतु यह जब खेलते थे तो दूर-दूर से लोग इनके खेल को देखने के लिए आते थे।
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