टैक्सपेयर्स चार्टर की मदद से आयकर व्यवस्था को सरल बनाने का काम किया जा रहा है।
अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और अब भारत इस व्यवस्था को लागू करने वाला चौथा देश बन गया है। इस व्यवस्था के लागू होने से करदाताओं को सहूलियत मिलेगी।
टैक्सपेयर चार्टर
- जब तक साबित ना हो जाए की करदाता ने टैक्स चोरी की है तब तक उसे इमानदार समझकर सम्मान देना है।
- करदाताओं की समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाना आवश्यक है।
- करदाताओं के खिलाफ आदेश पारित करने से पहले करदाता को स्कूटनी का मौका देना।
- अगर गलती से करदाता को नुकसान होता है तो विभाग को उसकी जिम्मेदारी को तय करना होगा।
अब भारत में भी करदाता चार्टर लागू हो गया है जिससे आयकर विभाग अपने कार्यों के लिए पूरी तरह से जवाबदारी लेगा। करदाता विभाग के कार्य से संतुष्ट नहीं है, तो किसी भी क्षेत्र में अपनी शिकायत को दर्ज करा सकेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस व्यवस्था को लागू करके पहचान रहित कर समीक्षा व्यवस्था का सराहनीय कदम उठाया है। इस व्यवस्था से पारदर्शी एवं उचित कर प्रणाली को बढ़ावा मिलेगा। पारदर्शी कराधान इमानदार करदाताओं को सम्मान दिया जाएगा। इस व्यवस्था के लागू होने से पारदर्शी, सक्षम और जवाबदेही तय होगी।
अब टैक्स जांच के मामले को देश के किसी भी क्षेत्र में किसी भी अधिकारी के पास आवंटित किया जाएगा। यह व्यवस्था पूरी तरह से कंप्यूटरीकृत होगी। पिछले कुछ सालों से आयकर रिटर्न भरने वालों की संख्या में ढाई करोड़ की वृद्धि हुई है। इस व्यवस्था के लागू होने से अधिक से अधिक लोग टैक्स भरने के लिए आगे आएंगे। लोगों का टैक्स व्यवस्था पर भरोसा बढ़ेगा। करदाताओं को निजता, सम्मान और शिकायत करने का अधिकार मिला।
निजता का अधिकार
डेटा प्रोटेक्शन एक्ट के तहत व्यक्तिगत सूचना को गोपनीय रखना होगा। आयकर विभाग करदाता से कोई जानकारी लेता है तो उसे सुरक्षित रखना होगा। विभाग सिर्फ वही जानकारी बांट सकेगा जो कानून के अंतर्गत आती है।
सही टैक्स से अधिक कर जमा ना करने का अधिकार
आयकर विभाग करदाता के साथ सभी व्यवहारों में ईमानदारी के साथ व्यवहार करेगा। सिर्फ उतना ही टैक्स भुगतान करना होगा जितना बकाया है। सभी कटौती क्रेडिट और अन्य चीजों की प्रॉपर अनुमति होनी चाहिए।
अपना पेमेंट प्लान प्रस्तुत करने का अधिकार
अगर कोई करदाता आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा है, तो विभाग उसे पेमेंट बाद में करने की अनुमति देगा। इसके लिए करदाताओं को प्लान देना होगा कि वह किस तरह बाद में टैक्स का भुगतान करेगा। पेमेंट के लिए सही प्लान पर विभाग सहमत होगा।
करदाताओं के छह कर्तव्य
इनकम टैक्स से जुड़े मामलों में करदाताओं के कुछ कर्तव्य हैं जिनका नियम से पालन करना आवश्यक है।
- ईमानदार रहें।
- नियमों का पालन करें।
- रिकॉर्ड मेंटेन करें।
- तय समय पर सही और पूर्ण दस्तावेज और टैक्स जमा करें।
- परिस्थितियों में बदलाव होने पर आयकर विभाग को जानकारी दें।
- अपने कर दायित्व और नियमों का पालन ना करने के नतीजों की जानकारी रखें।
डिजिटल इंटरफेस पर आधारित शासन पारदर्शिता को बढ़ावा देता है। सरकार की ओर से पेश किया गया नया टैक्सेशन प्लेटफार्म, फेसलेस असाइनमेंट, फेसलेस अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर जैसे बड़े सुधारों की शुरुआत कर रहा है। इस व्यवस्था से करदाताओं को बहुत लाभ होगा।