भोजन को तो हर कोई बना लेता है, लेकिन भोजन में स्वाद डालना स्त्री से बेहतर और कोई नहीं जानता।
दुनिया का कितना भी बड़ा बेहतरीन शेफ हो, लेकिन एक ग्रहणी या मां के स्वाद के सामने फेल हो जाता है क्योंकि स्त्री में यह गुण शुरू से ही पाया जाता है। स्त्री को दुनिया में स्वाद की मलिका कहा जाता है।
अगर आप प्राचीन समय में जाए तो आपको पता लग जाएगा कि स्त्री हजारों सालों से खाना बनाते आ रहीं हैं। यही कारण है कि स्वाद के मामले में स्त्री इतनी अधिक बलवान है। स्त्री के हाथों में दुनिया के बेहतर से बेहतर व्यंजन को बनाने की क्षमता होती है। स्त्री भोजन को स्वाद के साथ-साथ निश्चित अनुपात, नापतोल के भोजन को तैयार करती हैं। स्त्री में खाना बनाने से लेकर परोसने तक के सभी गुण पाए जाते हैं।
बेहतर स्वाद और महक की परख
स्त्री की नाक, कान और जीभ तीनों ही बहुत तेज होते हैं। इस प्रकार की प्राकृतिक खूबियां ही स्त्री की रसोई में सहायता करती हैं। यही कारण है कि स्त्रियां सुगंध, स्वाद का पता लगाने की बेहतर परख पाई जाती है। स्त्री भोजन को मात्र देख कर ही उसकी महक से स्वाद और उस में होने वाली कमी का पता लगा देती हैं। भोजन को कितना पकना और कितना कच्चा है, यह भी पता लगा लेती हैं। भोजन में होने वाली कमी को स्वाद के माध्यम से तुरंत पकड़ कर झट से समाधान कर देतीं हैं। इसके अलावा महिलाओं की नाक इतनी तेज होती है कि मिर्च को तोड़ कर ही बता सकती हैं कि कितनी तेजी होगी।
ट्रेनिंग की आवश्यकता नहीं
स्त्री जो भी खाना बनाना सीखती है, वह केवल अपनी मां से ही सीखते है। उन्हें कोई भी ट्रेनिंग की आवश्यकता नहीं होती है। महिलाओं के नाक, कान, जीभ तेज होने के अलावा सोचने समझने की इच्छा शक्ति भी तेज होती है। यह किसी भी चीज को एक बार देख ले तो वह कभी नहीं भूलती हैं। महिलाओं के लिए खाना बनाना कोई बड़ी बात नहीं उनके लिए चुटकियों का खेल है। महिला अगर एक बार किसी को खाना बनाते देख ले तो वह खुद ही बना सकती है। महिलाओं को खाना बनाना सीखने के लिए ट्रेनिंग देने की आवश्यकता नहीं होती है। स्त्री को कठिन से कठिन व्यंजन बनाने की सामग्री याद होती है। कहते हैं ना कि जब कोई खाने को प्रेम से बनाता है तो उसका स्वाद डबल हो जाता है ऐसा ही स्त्रियां करतीं हैं।
सबकी पसंद के बारे में जानतीं हैं
स्त्री को यह सब पता होता है कि परिवार में कौन क्या खाता है और क्या नहीं खाता है। सभी लोगों के मन मुताबिक ही भोजन को बनातीं हैं। स्त्री जब खाना बनाती है, तो प्रत्येक उस चीज के माप के बारे में पता होता है कि किस चीज में कितनी मात्रा में सामग्री को डालना है। इसीलिए, तो स्त्री द्वारा बनाई गई चीजों का स्वाद इतना मजेदार होता है। हालांकि स्त्री द्वारा निर्मित चीजों में स्वाद के पीछे का कारण उनकी मेहनत भी होती है। स्त्री जिस भी कार्य को करतीं हैं, पूरी लगन से करती है।