तानाजी फिल्म ओम राउत के निर्देशन में बनाई गई मूवी है। यह फिल्म मराठा साम्राज्य की ताकत को दर्शाती है। यह ऐतिहासिक फिल्म युद्ध के विषय पर बनाई गई है। आमतौर पर हम देखते हैं, कि युद्ध पर बनी हुई फिल्म काफी भारी लगने लगती है। तानाजी फिल्म काफी अच्छे निर्देशन में बनाई गई है। इस फिल्म को 3डी में भी रिलीज किया गया है, जो इसे सोने पर सुहागा बना देती है। यदि आप 3D मूवी देखना पसंद करते हैं, तो इस फिल्म को अवश्य देखना चाहिए। बॉक्स ऑफिस पर फिल्म 200 करोड़ के पार पहुंच चुकी है। इसे सभी ने काफी अच्छी रेटिंग भी दी है।
अजय देवगन और सैफ अली खान की एक्टिंग दमदार है। इस फिल्म में आपको थ्रिल, रोमांस, जांबाजी और विश्वासघात सब कुछ दिखाई देगा।उमरावत पहले भी ऐतिहासिक फिल्मों के लिए बेस्ट डायरेक्टर का अवॉर्ड जीत चुके हैं। फिल्म काफी अच्छी है और बीएफएक्स पर काफी जोर दिया गया है। इस फिल्म के वॉर सीन को बनाने के लिए रमाजान (जर्मनी के एक्शन डायरेक्टर) ने यदि तकनीक को बनाया जो मराठों से प्रेरित थी।
फिल्म की कहानी
औरंगजेब यानी ल्यूक कैनी हमारे देश पर मुगल शासन फैलाने की रणनीति पर काम कर रहा था। वहीं दूसरी ओर शिवाजी स्वराज चाहते थे। सिंहगढ़ का युद्ध के नाम से इतिहास में 4 फरवरी 1670 को यह युद्ध दर्ज है। शिवाजी महाराज के मित्र सूबेदार तानाजी अपने बेटे की शादी की तैयारियां कर रहे थे। सूबेदार तानाजी का रोल अजय देवगन ने निभाया है। वहीं उनकी पत्नी सावित्री बाई का रोल काजोल ने निभाया है। उन्हें पता चलता है की कोंडाणा के साथ 13 किलो को लेने के बाद भी मुगल हमारे देश पर नजर बिछाए बैठे हैं। राजमाता जीजाबाई ने जब यह किला मुगलों को दिया था। उसी समय उन्होंने शपथ ली कि जब तक इस पर फिर से भगवा नहीं फैलाता वह अपनी पादुका नहीं पहनेंगी।
औरंगजेब अपने खास प्यादे उदयभानु राठौर को सोना देकर मराठा साम्राज्य खत्म करने को कह देते हैं। इसके साथ थी वह नागिन नामक एक तोप भी देते हैं। शिवाजी यह नहीं चाहते कि तानाजी इस युद्ध में फंसे। इसका मूल कारण यही है, कि उनके घर में शादी का माहौल चल रहा है।ज तानाजी को यह मालूम चला कि स्वराज्य को खतरा है, तो वह अपने बेटे की शादी की परवाह नहीं करते। उदयभानु भी काफी जांबाज है। वह राजकुमारी कमला देवी को अगवा कर ले जाता है। वह से अपनी रानी बनाना चाहता है। किंतु राजकुमारी के मना करने के बाद वह मुगलों का साथ अपना लेता है। तानाजी को उदयभानु का विश्वासघात मिलता है। इसके बाद तानाजी अपनी मराठा शौर्यता दिखाते हैं।