जीएस ऑर्गेनिक एप्पल फॉर्म विल्लेख, रानीखेत, उत्तराखंड (GS Organic Apple farm Billekh, Ranikhet, Uttarakhand) में धनिये की खास पैदावार हुई है जिसके वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज होने की संभावना है. धनिये की इस जैविक पैदावार की खास बात यह है कि इसकी लंबाई 6फुट 1 इंच (185 सेंटीमीटर) से अधिक है जो अपने आप में एक वर्ल्ड रिकॉर्ड बनने जा रहा है. आमतौर पर धनिये की लंबाई 2 से 4 फुट तक देखी गयी है।
अल्मोड़ा जिले के मुख्य उद्यान अधिकारी श्री टीएन पांडे जी ने कहा कि उनके जिले में धनिये की काफी पैदावार हो रही है लेकिन जिस तरह से
जीएस ऑर्गेनिक एप्पल फॉर्म विल्लेख में धनिये की पैदावार हुई है वह बहुत ही आश्चर्य पैदा करता है. उन्होंने बताया कि उन्होंने अभी तक इतने बड़े धनिये के पौधे नहीं देखे हैं. पांडे जी ने उम्मीद के साथ कहा कि धनिये की यह जैविक पैदावार एक वर्ल्ड रिकॉर्ड बन सकता है. अगर यह एक वर्ल्ड रिकॉर्ड बन जाता है तो यह हमारे उत्तराखंड के लिए बहुत गर्व की बात होगी.
आईसीएआर- विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा से आए वैज्ञानिक डॉक्टर गणेश चौधरी ने भी जब पौधे की पैमाइश की तो आश्चर्य जताया. उन्होंने कहा कि धनिये के पौधे की इतनी बड़ी लंबाई उनके संज्ञान में नहीं है। धनिये की इस पैदावार पर आश्चर्च प्रकट करते हुए उन्होंने बताया कि इसे गिनीज़ वर्ल्ड रिकार्ड्स और लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स जैसे संस्थानों को भेजा जा सकता है.
गोपाल उप्रेती ने बताया उन्हें इस बात की खुशी है कि उनके खेत में इस तरह की कोई पैदावार हो रही है जो वर्ल्ड रिकॉर्ड बन सकती है. उप्रेती जी ने इस संदर्भ में गिनीज़ वर्ल्ड रिकार्ड्स और लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स को इस पैदावार के डॉक्यूमेंटेशन के लिए बुलाया है. उनका कहना है कि उन्होंने धनिये की इस पैदावार को बिना किसी संरक्षित संसाधनों के इस्तेमाल के बगैर खुले आसमान में पैदावार की है. अर्थात, इस पैदावार के लिए ना तो किसी तरह के पॉलीहाउस का इस्तेमाल किया गया है और ना ही केमिकल का कोई छिड़काव किया गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार धनिए के पौधे की लंबाई का विश्व रिकार्ड 1.8 मी है।आज हमारे फार्म में धनिए के पौधे की लंबाई 1.85mtr रिकार्ड किया गया। यह इस तरह का अकेला पौधा नहीं है,हमारे फार्म में इस तरह के। कई पौधे है। हमने इस पौधे का नाम गिनीज़ बुक ऑफ रिकॉर्ड्स तथा लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज कराने के लिए आवेदन कर दिया है। हमें पूरा विश्वास है कि यह पौधा विश्व रिकॉर्ड बनाएगा और जैविक कृषि में नया इतिहास रचेगा।