उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 40 प्रतिशत बच्चों और किशोरों में पेट के कीड़े एक बड़ी समस्या है। इनकी संख्या करीब 9.5 करोड़ है। रिपोर्ट के अनुसार 1 से 19 साल की उम्र वाले करीब 9.5 करोड़ बच्चों में यह समस्या पाई गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक राज्य में कुपोषण का शिकार हुए बच्चों में से एक तिहाई बच्चे ऐसे हैं, जिनके पेट में कीड़े हैं। नैशलन हेल्थ मिशन में किशोर स्वास्थ्य के महाप्रबंधक डॉ. मनोज शुक्ल के अनुसार विश्व में कई शोधों में पाया गया है कि कुपोषण की समस्या पेट के कीड़ों के कारण होती है।
कीड़ों की वजह से अंडरवेट हैं 38% बच्चे
विशेषज्ञों के अनुसार पेट में गोल आकार के कीड़े वाले वसा और प्रोटीन को अवशोषित करने वाली शरीर की क्षमता को प्रभावित करते हैं। एक और स्टडी के अनुसार पेट के कीड़ों से प्रभावित 38% स्कूली बच्चे अंडरवेट हैं। इसके अलावा 58% बच्चे अपनी उम्र के अन्य बच्चों से कमजोर पाए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार हर साल बच्चों में कुपोषण की समस्या बढ़ती जा रही है। इससे बच्चों के मानसिक विकास पर असर पड़ता है। विशेषज्ञों के अनुसार साल में 2 बार 1 गोली खाने से पेट में कीड़े की समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
पेट में कीड़े के लक्षण
– पेट दर्द होना
– वजन कम होना
– आंखें लाल होना
– जीभ का सफेद होना
– मुंह से बदबू आना
– गले में धब्बे पड़ना
– शरीर पर सूजन आना
– जी मचलना और उलटी आना