किसी से बात करने के साथ ही आसपास की आवाजों को लेकर भी हमारा दिमाग सजग बना रहता है। यही वजह है कि साउंड में आए जरा से बदलाव को भी हम महसूस करते हैं और हमारा ध्यान आवाज के सोर्स की ओर चला जाता है। इसे लेकर हाल ही में स्विट्जरलैंड के जिनेवा स्थित यूनिवर्सिटी में स्टडी करवाई गई, जिसमें सामना आया कि किस तरह की आवाज पर हमारा दिमाग सबसे तेज रिऐक्ट करता है।
सोशल, कॉग्निटिव एंड एफेक्टिव न्यूरोसाइंस जर्नल में प्रकाशित स्टडी के मुताबिक हमारा दिमाग उस तरह की आवाज पर ज्यादा जल्दी और तेजी से रिऐक्ट करता है जिसमें गुस्सा या धमकी झलकती हो ताकि संभावित खतरे से बचा जा सके। जिनेवा विश्वविद्यालय (यूएनआईजीई) के शोधकर्ताओं ने दिखाया कि ऐसी स्थिति में हमारा दिमाग कैसी प्रतिक्रियाएं देता है।
आंखें नहीं देतीं 360 डिग्री कवरेज
दृष्टि और श्रवण दो इंद्रियां हैं जो व्यक्ति को खतरनाक परिस्थितियों का पता लगाने की अनुमति देती हैं। किसी के लिए भी चीजों को देखना महत्वपूर्ण होता है, लेकिन यह कानों की तरह आस-पास की जगह के 360 डिग्री कवरेज की अनुमति नहीं देता है। यूएनआईजीई के एक शोधकर्ता निकोलस बुरा ने कहा, “यही कारण है कि हमारी दिलचस्पी इस बात में है कि हमारा ध्यान हमारे आस-पास की आवाजों में अलग-अलग तरह के उतार-चढ़ाव पर कितनी तेजी से जाता है और हमारा मस्तिष्क संभावित खतरनाक परिस्थितियों से कैसे निपटता है।
” इस तरह हुई स्टडी
सुनने के दौरान खतरों को लेकर दिमाग के रिऐक्शन की प्रतिक्रिया की जांच करने के लिए, शोधकर्ताओं ने 22 मानव आवाज की लघु ध्वनियों (600 मिलीसेकंड) को प्रस्तुत किया जो न्यूट्रल थे या गुस्सा और खुशी व्यक्त करते थे। दो लाउडस्पीकरों के जरिए इन साउंड्स को 35 पार्टिसपन्ट्स को सुनाया गया। इस दौरान इलेक्ट्रोइन्सेफलोग्राम (ईईजी) के जरिए दिमाग में मिलीसेकंड तक विद्युत गतिविधि को मापा गया। खास तौर पर, शोधकर्ताओं ने ऑडिटरी अटेंशन प्रोसेस से संबंधित इलेक्ट्रो फिजियोलॉजिकल पार्ट पर ध्यान केंद्रित किया।