अगर आप रंग काला पड़ने के डर से धूप में नहीं जातीं, तो अब जरूर जाएं। दरअसल, टोरंटो में हाल ही में हुई एक स्टडी के मुताबिक, जो महिलाएं दिनभर में तीन घंटे धूप में बैठती हैं, उनमें ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा आधा हो जाता है। गौरतलब है कि ‘सनशाइन विटामिंस’ कैंसर से बचाने में महिलाओं की मदद करते हैं। इस स्टडी में यह भी कहा गया है कि नवंबर से फरवरी तक रोज न सही, लेकिन हफ्ते में 19 घंटे भी आप धूप में बैठ जाते हैं, तो कई तकलीफों से दूर रह सकते हैं।
ऐंटी कैंसर प्रॉपर्टीज
एंड्रोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ. अजय मेहरा कहते हैं कि धूप बॉडी के लिए बेहद जरूरी है। दरअसल, हम 10 प्रतिशत विटामिन डी तो फैटी फिश, अंडे और दूध से ले लेते हैं, लेकिन 90 पर्सेंट हमें सूरज की रोशनी से मिलता है, जो फूड से भी ज्यादा जरूरी है। लैबरेटरी टेस्ट के मुताबिक, ब्रेस्ट सेल्स में विटामिन डी को हार्मोन में तब्दील करने की क्षमता होती है, जो ऐंटी कैंसर प्रॉपर्टीज बनाते हैं। दरअसल, एक हेल्दी वुमन में 3, 471 ब्रेस्ट कैंसर विटामिंस होने जरूरी हैं।
विटामिन डी सप्लिमेंट जरूरी
53 वर्षीय गायत्री सरकार हाउस वाइफ हैं। उनकी स्किन पर जब पपड़ी सी जमने लगी, तो उन्होंने डॉक्टर को दिखाया। डॉक्टर ने उन्हें विटामिन डी का टेस्ट कराने के लिए कहा, तो रिपोर्ट में उनकी बॉडी में इसकी बेहद कमी पाई गई। दरअसल, विटामिन डी की कमी के कारण उनकी स्किन ड्राई हो गई थी। जाइंट्स और रीढ़ की हड्डी में भी दर्द होने लगा था। अपनी इस समस्या के बारे में गायत्री कहती हैं कि पिछले कुछ समय से वे काफी कमजोरी महसूस कर रही थीं। यहां तक कि गहरी नींद लेने पर भी उन्हें सुबह फ्रेशनेस फील नहीं होती थी।
डायबीटीज़ पर भी कंट्रोल
वहीं मेलबर्न में की गई एक दूसरी स्टडी में कहा गया है कि धूप की कमी से लाखों लोगों के टाइप 2 डायबिटीज की चपेट में आने का रिस्क है। गौरतलब है कि रिसर्च टीम ने 5,200 लोगों के ब्लड की जांच की। उन्होंने पाया कि ब्लड में विटामिन डी के अलावा, 30 नैनोमोल्स होने से डायबीटीज़ की चपेट में आने का रिस्क 24 पर्सेंट तक घट जाता है। इस स्टडी में रिसर्चर डॉ. केन सिकरिस कहते हैं कि जिनके शरीर में विटामिन डी के नैनोमोल्स की संख्या प्रति लीटर 50 से कम होती है, उन्हें डायबीटीज का खतरा होता है।