दूध में घी मिला कर पीने की प्रक्रिया काफी पुरानी है। खासकर जोड़ों के दर्द और पेट दर्द से पीड़ित लोगों में यह समस्या दूर होती है। गाय की घी में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक होती है। इसमें एंटी बैक्टीरिया और एंटी फंगल गुण भी होते हैं।
अगर आप हलके काम करने से भी थकावट का अनुभव करते हैं तो दूध में घी डालकर सेवन किजिए, इससे शरीर में ऊर्जा भी बढ़ती है।
कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है, दूध और घी के सेवन करने से त्वचा में निखार आती है। इसके सेवन से त्वचा से संबंधित सभी एंजाइम की ऊर्जा बढ़ जाता है जिससे त्वचा की चमक बढ़ जाती है। कब्ज़ के मरीजों के लिए इससे बेहतर आयुर्वेदिक दवा नहीं हो सकती। इससे एसीडीटी की समस्या भी हल हो जाता है।
दूध और घी जोड़ों के समस्याओं के लिए सबसे अच्छी दवाई हैं। इससे मांसपेशियों और मांसपेशियों में भी सुधार होता है। नियमित रूप से दूध में घी डालकर सेवन करने से सर्दियों में भी इन समस्याओं से राहत मिल सकता है।
दूध और घी शरीर के मेटाबोलिज्म को बढता है और इससे शरीर डेटॉक्स भी होती है। इसके सेवन से शरीर के सभी विषाक्त पदार्थ शरीर के माध्यम से बाहर ले जाते हैं। सोने से पहले दूध और घी पीने से शरीर हल्का अनुभव होता है, जिस से नींद अच्छी आती है, इससे मानसिक थकावट भी दूर होती है। कुछ विशेषज्ञ यह भी कहते हैं की दूध और घी का मिश्रण कैंसर से भी बचाव करता है। जो लोग इसे रोजाना लेते हैं, उन्हें कैंसर का खतरा कम होता है।