Thursday, November 21, 2024
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शिलाजीत (Shilajit) के फायदे व नुक़सान

शिलाजीत – Shilajit के फायदे व नुक़सान

by Nayla Hashmi
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गर्मियों के मौसम में हिमालई क्षेत्र में पहाड़ों से एक तरल निकलता है जिसे हम शिलाजीत (shilajit) के नाम से जानते हैं। शिलाजीत (Shilajit) में मौजूद तत्व हमारे शरीर की कई बीमारियों के लिए काफी फायदेमंद हैं। शिलाजीत (Shilajit) का उपयोग काफी पुराने समय से आयुर्वेद में किया जाता रहा है। शिलाजीत (Shilajit) ना सिर्फ भारत बल्कि यह तिब्बत सहित अन्य देशों में भी पाया जाता है।

शिलाजीत (Shilajt) कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं। 

आज के अपने इस लेख में हम शिलाजीत (Shilajit) से संबंधित कई बातों पर चर्चा करेंगे जिनमें उसके फ़ायदे और नुक़सान दोनों ही हम आपको बताएंगे। तो आइए देखते हैं कि वे क्या हैं।

शिलाजीत – Shilajt के फायदे

1. डायबिटीज के लिए Shilajit

शिलाजीत (Shilajit) के फायदे व नुक़सान

शिलाजीत (Shilajit) में एंटी डायबिटिक गुण होते हैं जो ब्लड ग्लूकोस को कम करने में मदद करते हैं। ऐसे लोग जो डायबिटीज़ से पीड़ित हैं उन्हें न सिर्फ़ ज़्यादा ग्लूकोज युक्त चीज़ों के सेवन से बचने की कोशिश करनी चाहिए बल्कि उन्हें शिलाजीत का उपयोग भी करना चाहिए। 

2. हृदय के लिए Shilajit

शिलाजीत (Shilajit) के फायदे व नुक़सान

हमारा रक्त जितना ज़्यादा ग्लूकोजरहित होगा उतना ही ज़्यादा हमारे हृदय को इसे प्योर करने में आसानी होगी। 

ग्लूकोस शरीर में ऊर्जा के लिए ज़रूरी है लेकिन जब रक्त में ग्लूकोज़ के कणों की मात्रा बढ़ जाती है तो ऐसे में रक्त को नसों में स्मूद तरीक़े से प्रवाहित होने में दिक़्क़त हो सकती है। इससे क्लॉटिंग का ख़तरा भी बढ़ जाता है। ब्लड क्लॉटिंग होने से हृदय रोगों के चांसेस बढ़ जाते हैं।

शिलाजीत में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। एक शोध में इस बात का ख़ुलासा किया गया है कि एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर चीज़ों का सेवन करने से हृदय को स्वस्थ बनाया जा सकता है। इस बात को ध्यान में रखकर शिलाजीत (Shilajit) का सेवन किया जा सकता है। 

3. थकान की समस्या दूर करने के लिए (Shilajit)

शिलाजीत (Shilajit) के फायदे व नुक़सान

यदि थोड़ा बहुत काम करने पर ही आप अपने आपको थका हुआ महसूस करते हैं तो इस समस्या को दूर करने के लिए आपको शिलाजीत (Shilajit) का सेवन करना चाहिए। 

शिलाजीत (Shilajit) शरीर से ग्लूकोस के कणों को कम करने में मदद करता है जिससे ना सिर्फ़ रक्त में बल्कि शरीर में भी वसा की मात्रा बढ़ने नहीं पाती है। इससे शरीर मोटापे का शिकार नहीं होता और शरीर में चुस्ती और फूर्ती बनी रहती है। तो यह कहा कहना ग़लत नहीं होगा कि शिलाजीत थकान की समस्या को दूर करने में सहायक है। 

4. एनीमिया के लिए (Shilajit)

शिलाजीत (Shilajit) के फायदे व नुक़सान

शिलाजीत (Shilajit) का उपयोग एनीमिया जैसे रोगों से बचने में मदद कर सकता है। एनीमिया के कारण हमारे रक्त से रेड ब्लड सेल्स कम होने लगते हैं जिससे बचने के लिए शिलाजीत (Shilajit) का सेवन करना चाहिए। इसमें मौजूद आयरन एनीमिया की समस्या नहीं होने देता है और साथ ही इसके लक्षणों को भी कम करने में मदद कर सकता है।

5. कोलेस्ट्रॉल संतुलन के लिए (Shilajit)

शिलाजीत (Shilajit) के फायदे व नुक़सान

कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर की सभी कोशिकाओं में पाया जाता है। जब ज्यादा मात्रा में कोलेस्ट्रॉल हमारे हृदय के आसपास जमा हो जाता है तो हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। यह मोम जैसा वसायुक्त पदार्थ होता है। इस समस्या को दूर करने के लिए शिलाजीत (Shilajit) का प्रयोग किया जा सकता है। 

एक शोध में इस बात का ख़ुलासा किया गया है कि शिलाजीत (Shilajit) में एक अहम गुण, संपूर्ण लिपिड प्रोफ़ाइल (कोलेस्ट्रॉल, ट्रिगलिसेराइड, हाई डेंसिटी लिपो प्रोटीन) को सुधारने की क्षमता पाई जाती है। ये कोलेस्ट्रॉल की समस्या को क़ाबू करने में सहायक है।

शिलाजीत में मौजूद गुण सीरम कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में उपयोगी है। कोलेस्ट्रॉल की समस्या से बचने के लिए डॉक्टर से सलाह लेकर अपनी डाइट में शिलाजीत (Shilajit) शामिल करें।

6. हाई-ब्लड प्रेशर के लिए (Shilajit)

शिलाजीत (Shilajit) के फायदे व नुक़सान

शिलाजीत में पोटेशियम पाया जाता है जो उच्च रक्तचाप की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है। एक शोध के अनुसार पोटेशियम ब्लड प्रेशर की समस्या को कम करने में काफी मददगार हो सकता है।

7. अल्जाइमर के लिए (Shilajit)

शिलाजीत (Shilajit) के फायदे व नुक़सान

शिलाजीत का प्रयोग अल्जाइमर रोग से बचने में किया जा सकता है। अल्जाइमर रोग में हमारे मस्तिष्क की कार्य प्रणाली ठीक से काम नहीं करती है जिसका सीधा असर हमारे व्यवहार और याददाश्त पर पड़ता है। शिलाजीत (Shilajit) में फुलविक एसिड पाया जाता है जो अल्जाइमर के इलाज में मदद कर सकता है क्योंकि फुलविक एसिड याददाश्त बढ़ाने में मदद करता है।

8. अर्थराइटिस के लिए (Shilajit)

शिलाजीत (Shilajit) के फायदे व नुक़सान

अर्थराइटिस रोग में हमारे जोड़ों में दर्द होता है और सूजन भी आ जाती है। इस समस्या को दूर करने के लिए शिलाजीत का उपयोग कर सकते हैं। 

शिलाजीत में मौजूद फुलविक एसिड में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाया जाता है। यह दर्द और सूजन को कम करने में मदद करता है। अगर कोई व्यक्ति अर्थराइटिस से परेशान है तो वह शिलाजीत का उपयोग डॉक्टर की सलाह से कर सकता है।

9. यूरिनरी समस्या के लिए (Shilajit)
शिलाजीत (Shilajit) के फायदे व नुक़सान

शिलाजीत में फुलविक एसिड पाया जाता है जो यूरिनरी समस्याओं से निजात दिलाने में मदद कर सकता है। 

10. एंटी एजिंग के लिए (Shilajit)

शिलाजीत (Shilajit) के फायदे व नुक़सान

शिलाजीत (Shilajit) हमारी कोशिकाओं को कमजोर होने से रोकता है और उन्हें सुरक्षित रखता है। शिलाजीत बढ़ती उम्र के कारण चेहरे पर आने वाले प्रभाव या झुर्रियों को कम करता है और त्वचा को  जवां बनाए रखता है। शिलाजीत में एंटी एजिंग गुण होता है जो बढ़ती उम्र के प्रभाव को कुछ हद तक कम कर देता है।

11. दिमाग तेज करने के लिए (Shilajit)

शिलाजीत (Shilajit) के फायदे व नुक़सान

शिलाजीत दिमाग तेज करने में उपयोगी हो सकता है। शिलाजीत कॉग्निटिव डिसऑर्डर(Cognitive Disorders) को ठीक करने में मदद करता है और दिमाग की कार्य क्षमता को बढ़ाता है। शिलाजीत (Shilajit) इस्तेमाल करके दिमाग को तेज किया जा सकता है।

12. इनफर्टिलिटी और टेस्टोस्टेरोन के लिए (Shilajt)

शिलाजीत (Shilajit) के फायदे व नुक़सान

शिलाजीत में एंड्रोजेनिक (Androgenic) गुण पाया जाता है जो कैडमियम (Cadmium) या रासायनिक गुण है। अपने इसी गुण के कारण शिलाजीत प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है। 

टेस्टोस्टेरोन एक मेल हार्मोन होता है। एक शोध में देखा गया कि शिलाजीत टेस्टोस्टेरोन और स्पर्म काउंट को बढ़ाने में मदद करता है और साथ ही स्पर्म की गतिविधि को भी तेज करने में सहायता कर सकता है। यही कारण है कि ये बांझपन और नपुंसकता दोनों ही चीज़ों को कम करने में सहायक है।

शिलाजीत के नुकसान (Shilajit)-

  1. शिलाजीत (Shilajit) का उपयोग अगर अशुद्ध रूप में करते हैं तो नशा हो सकता है। 
  2. शिलाजीत की तासीर गर्म होती है। इसके ज्यादा इस्तेमाल से आपको सर दर्द की समस्या हो सकती है।
  3. शिलाजीत में माइकोटोक्सीन और फ्री रेडिकल्स मौजूद होते हैं जो एक विषैला पदार्थ है।
  4. शिलाजीत के सेवन से उल्टी व बेचैनी महसूस हो सकती है। इसके इस्तेमाल से हार्टबीट भी बढ़ सकती है। 
  5. शिलाजीत के ज्यादा सेवन से बार-बार पेशाब जाने जैसे साइड इफेक्ट हो सकते हैं।
  6. इसके ज्यादा सेवन के कारण त्वचा पर फोड़े फुंसी व रैशेज जैसी परेशानियां हो सकती हैं।
  7. शिलाजीत के ज्यादा सेवन के कारण पैरों और हाथों के तलवों में जलन और गर्मी महसूस हो सकती है।
  8. शिलाजीत का ज्यादा इस्तेमाल शरीर का तापमान बढ़ा देता है। हाथ पैर और पेट में भारीपन महसूस होता है जिससे सिर में दर्द जैसी परेशानियां होती हैं।
  9. हृदय रोगी और हाइपोटेंशन से ग्रस्त व्यक्तियों को ब्लड प्रेशर कम करने के लिए शिलाजीत का सेवन नहीं करना चाहिए। 
  10. शिलाजीत ब्लड प्रेशर कम कर सकती है परंतु हाई ब्लड प्रेशर की दवाओं पर चल रहे मरीजों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

Conclusion

इस लेख में हमने शिलाजीत (Shilajit) के फ़ायदे और नुक़सान के बारे में बात की है। शिलाजीत को लेकर हम यह कह सकते हैं कि ये हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फ़ायदेमंद है लेकिन कई ऐसी स्थितियां होती हैं जिनमें किसी भी चीज़ का सेवन बिना डॉक्टर के परामर्श के नहीं करना चाहिए। यही बात शिलाजीत पर भी लागू होती है। 

कोई ऐसा व्यक्ति जिसे हृदय रोग या अलग प्रकार का मधुमेह हो उसे बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी चीज़ का सेवन नहीं करना चाहिए। इसी प्रकार एलर्जी की स्थिति में भी अपने खानपान या डाइट चार्ट का मेन्यू सदैव डॉक्टर से पूछ कर ही तय करना चाहिए।

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