काम से जुड़ी सीमाएं तय करके कोई भी व्यक्ति अपनी बेशकीमती ऊर्जा और समय दोनों की बचत कर सकता है।
कंपनी में कर्मचारियों की कुछ सीमाओं को आप साफ तौर पर देख सकते हैं जैसे उनके काम करने का समय और उनको काम करने के बदले वेतन क्या दिया जाएगा इत्यादि। लेकिन इन सबके बावजूद भी कुछ व्यावहारिक सीमाएं होती है इनको आप अच्छे से जान कर जिंदगी और काम के बीच लचीलापन ला सकते हैं।
ऐसा करने से आपको रिकवर होने का भरपूर समय मिलेगा और साथ ही आप संतुष्टि के साथ किसी भी कार्य को बड़े आसानी से कर सकते हैं जो कि कंपनी के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा।
जब किसी भी कंपनी में नौकरी को शुरू करते हैं, तो इससे जुड़ी कई बातें होती हैं जिनको काफी ध्यान दिया जाना चाहिए। धीरे-धीरे कंपनी में आपके काम का विस्तार होता है लेकिन इसके बदले में व्यक्ति को आर्थिक फायदे नहीं मिलते हैं। ऐसे परिस्थितियों में हमें आप सब को अपनी उम्मीदों को लेकर खुलकर स्पष्ट करें। आप जहां पर भी काम करते हैं जैसे संस्थान या वहां के बॉस से स्पष्ट रूप से बात करें। एक बात का और विशेष ध्यान दें कि जहां पर भी आप काम करते हैं, वहां पर आपको किसी के दबाव में आने की जरूरत नहीं है और ना ही नौकरी से निकाल दिए जाने का भय रखें। ऐसा अगर नहीं करते हैं, तो आपको भविष्य में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आप जितने अधिक डरेंगे आपको लोग उतने ही अधिक डरेंगे।
अपनी कीमत पहचाने
Know your value
यहां पर अपनी कीमत पहचानने से मतलब यह है, कि आप अपने संस्थान या ऑफिस में उपलब्धियों को अच्छी तरह से पहचान ले ताकि इससे कर्मचारियों को भी अंदाजा लग जाता है कि किन चीजों पर आप राजी होंगे। अधिकतर लोग होते हैं, जो ऑफिस में अपनी उपयोगिता सिद्ध करने के लिए ज्यादा से ज्यादा काम करते हैं लेकिन क्या यह सही है?
आपके साथ-साथ सहयोगियों को भी उपयोगिता सिद्ध करने के लिए अधिक कम करना पड़ता है और फिर अंत में यह आदत बन जाती है। हमारे कहने का अर्थ यह बिल्कुल भी नहीं है, कि आप कंपनी में मन लगाकर काम ना करें, काम करें लेकिन एक निश्चित सीमा के अंतर्गत ही कार्य को करना चाहिए। कभी-कभी ऐसा भी होता है, कि काम को जल्दबाजी करने के चक्कर में बड़ी-बड़ी गलतियां हो जाती हैं जिससे आपको काफी नुकसान होता है। विशेष ध्यान दें कि कंपनी द्वारा जितना काम हमें सौंपा गया है, उतना ही सावधानीपूर्वक करना चाहिए।
स्पष्ट और संक्षेप में कहें
अपने ऑफिस के बॉस से किसी भी टॉपिक पर बात करते समय अपने शब्दों की स्पष्टता पर विशेष ध्यान दें। इसके अलावा आप जो भी बातें बोल रहे हैं, उसको बड़े ही सरल और संक्षेप में कहें ताकि आपके द्वारा बोली गई बातें प्रभावी हो। किसी से बोलते समय कभी भी हिचकिचाना नहीं चाहिए। इससे आपके कमजोरी के बारे में पता चलता है। अगर आप किसी काम को कर रहे हैं, तो उसमें आप दूसरों से सलाह मशवरा कर सकते हैं। इससे आपको अपने कार्यों में असफलता का मुख नहीं देखना होगा।