इंसान, विज्ञान, बनने चले भगवान
ना जन्म का पता ना मृत्यु का ज्ञान
फिर भी समझें खुद को भगवान
काटे जंगल नदियां रोकी, किया प्रकृति का अपमान
बदला ताप धरा का, बदली मेघों की चाल, मौसम का भी खूब पता लगाया
सुनामी फिर भी, इंसान रोक ना पाया
ट्रेन बनाई, जहाज चलाए
गाँव शहर, देश विदेश सबको एक साथ ले आए
कभी चन्द्रयान कभी मंगलयान
बरसों किए अविष्कार
लेकिन भूल ना पाएंगे हिरोशिमा और नागासाकी की चीख पुकार
हवा मैली, पानी मैला, खाना किया विषैला
दशकों जीने वाला बरसों पे आ गया
स्वस्थ जीवन को बीमारियों का घर बना दिया
कुछ ना हुई इंसान की भलाई
Corona जैसी महामारी भी आयी
अब भी समझो भगवान की माया, चलो प्रकृति की छाया
विज्ञान, विनाश लाएगा
इंसान को डायनासोर बनाएगा
रचयिता संदेश कुमार गुप्ता