इस ब्रह्माण को प्राकृतिक कई उपहार मिले हैं,लेकिन मानव जाति इन उपहारो को बर्बाद करने पर आमादा हो चुकी है। हम पहले ही अपनी हवा में इतना जहर घोल चुके हैं कि इसमें सांस लेना तक मुश्किल हो गया है और अब हमने जल को गंदा करने का ठेका भी उठा लिया है। पूरी दुनिया में आज इस्तेमाल की जाने वाले पानी की जो स्थिति है वह किसी से छिपी नहीं है, बावजूद इसके हम पानी को प्रदूषित किए जा रहे हैं। औद्योगीकरण के नाम पर इस दुनिया में चल रहे कारोबार ने हमारे सभी प्राकृतिक स्रोतो को नष्ट करने के अलावा कुछ नही किया है। आज वक्त यह आ गया है कि कई देशों में जल खत्म होने की कागार पर है।
इस दुनिया में जल के बिना जी पाना नामुमकिन है लेकिन फिर भी फोक्ट्रियों से निकले वाले पदार्थ जल को खराब कर रहे हैं। अगर हमे अपने इस अमूल्य स्रोत को बचाना है तो इसके लिए कुछ अहम फैसले लेने होंगे। आज हम आपको यह भी बताएंगे की पानी प्रदूषित कैसे हो रहा है और इसे रोका कैसे जा सकता है। तो चलिए जानते हैं कैसे बचाएं इस अमूल्य उपहार को…
जल प्रदूषण के कारण
- औद्योगीकरण के चलते आज कारखानो की संख्या दिन प्रतिदन बड़ती जा रही है। इन कारखानो से निकलने वाले कैमिकल और खतरनाक पदार्थ नदियों, तालाब आदि में बहा दिए जाते हैं जिससे जल प्रदूषित हो जाता है और वह पीने योग्य या किसी भी तरह के इस्तेमाल योग्य नहीं बचता
- जनसंख्या के चलते मलमूत्र को हटाना भी अब एक परेशानी का कारण बन गया है। पानी के अंदर मलमूत्र के मिल जाने से पानी प्रदूषित हो जाता है।
- आज मिसाईल या परमाणु परिक्षण के लिए भी समुंद्र का सहारा लिया जाता है जिसके कारण जल में ऐसे कण मिल जाते हैं जो समुद्री जीव जल दोनो को नुकसान पहुंचात हैं।
- आज भी ग्रामीण इलाको में अक्सर लोग नदी और तालाब के पास जा कर कपड़े धोते हैं जिससे जल में साबुन का गंदा पानी मिल जाता है और नदी के जल को प्रदूषित कर देता है।
जल प्रदूषण से बचने के उपाय
- कारखानो व फैक्ट्रियों से निकलने वाल कैमिकल और पदार्थो को नष्ट करने का कोई बेहतर इंतजाम होना चाहिए। साथ ही अगर किसी कारखाने या फैक्ट्री के द्वारा जल प्रदूषित होता है तो उन पर कढ़ा जुर्माना लगाना चाहिए।
- नदी या किसी तालाब, समुद्र में किसी तरह का पदार्थ बहाना गैरकानूनी घोषित कर देना चाहिए।
- पानी में जीवाणुओ को खत्म करने के लिए बेहतर रसायनिक पदार्थ जैसे ब्लीचिंग पाउडर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए
- समुंद्रो में होने वालो परिक्षणो पर रोक लगा देनी चाहिए।
- समाज में हर वर्गो और खासतौर से शहरो व ग्रामीण इलाको में पानी को प्रदूषित करने के नुकसान बताए जाने चाहिए, तभी हम इस अमूल्य उपहार का लाभ उठा सकेंगे।