हम सब तो जानते ही हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी भारत के विकास को लेकर देश-विदेश दौरे पर जाते रहते हैं. हाल ही में वो रूस के दौरे पर गये हैं. इस दौरे में उनकी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात भी हुई और पूरी दुनिया की निगाहें इस वक्त इसी मुलाकात पर टिकी हैं. आपको बता दें कि सभी कि निगाहें इस दैरे पर इसलिए टिकी हैं क्योकि इस दौरान भारत और रूसे ने कई समझौते कर सकता हैं. मोदी और पुतिन ने हाथ मिलाया तो दुनिया देखती रह गई और इसके बाग उन्होनें कई समझौते भी किऐ जिसमें सबसे मुख्य समौझता S-400 Defence System है. इस समझौते में रूस ने कहा कि वह भारत को S-400 मिसाइल सिस्टम देगा. भारत ने 5 सिस्टम खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है. दोनों देशों की तीनों सेनाएं मिलकर इस साल इंद्र नामक संयुक्त सेना अभ्यास भी करेंगी. दोनों देशों ने मिलकर कामोव-226 मिलिट्री हेलिकॉप्टर और जंगी जहाज बनाने पर भी सहमति जताई है.
आपको बता दें कि यह डिफेंस सिस्टम एक साथ 36 मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है. इस सिस्टम के मिलने से भारत की सैन्य शक्ति बढ़ जाएगी.
जानिए क्या है S-400 Defence System…
- S-400 त्रिउंफ एक विमान भेदी मिसाइल है.
- डिफेंस सिस्टम एक साथ 36 मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है.
- ये मिसाइलें 400 किलोमीटर दूर तक मार कर सकती है। यही नहीं, बल्कि इसके पास अमरीका के सबसे एडवांस्ड Fighter JET F-35 को गिराने की भी कैपेसिटी है।
- S-400 त्रिउंफ रूस की नई वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली का हिस्सा है, ये 2007 में रूस की सेना में तैनात की गई थी.
- मिसाइल से लेकर ड्रोन तक कोई भी हवाई हमला आसानी से नाकाम किया जा सकता है.
- पाकिस्तान या चीन की 36 न्यूक्लियर पावर्ड बेलिस्टिक मिसाइलों को एक वक्त में एकसाथ टारगेट कर सकता है.
- इस डिफेंस सिस्टम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इससे एक साथ 3 मिसाइलें नष्ट की जा सकती हैं.