रिलेशनशिप (Relationship) यानि दो लोगों के बीच का रिश्ता। यह रिश्ता जितना मज़बूत होता है उतना ही नाज़ुक भी। इस रिश्ते को संभालकर रखने के लिए दोनों पक्षों को अपने क़दम बहुत संजो संजोकर रखने पड़ते हैं।
रिलेशनशिप (Relationship) में कुछ बातें ऐसी होती हैं जो भूलकर भी दोनों में से किसी को नहीं करनी चाहिए। अक्सर ऐसा होता है कि अनजाने में कुछ ऐसी बातें हो जाती हैं जिससे ना सिर्फ़ रिश्ता ख़राब होता है बल्कि टूटने की कगार पर भी पहुँच जाता है। आइए उन 5 बिन्दुओं पर चर्चा करते हैं जो रिलेशनशिप (Relationship) टूटने का कारण बनते हैं।
1. तुलना करना (Relationship)
रिलेशनशिप (Relationship) का परफेक्ट होना ज़रूरी नहीं है बल्कि उसका ख़ूबसूरत होना ज़रूरी है। जब दो लोग साथ रहते हैं तो ऐसे में उन्हें अंडरस्टैंडिंग भी डेवलप करनी पड़ती है। जब अच्छी अंडरस्टैंडिंग हो जाती है तो ऐसे में दोनों लोग अच्छी बुरी बातों को साथ मिलकर सुलझाते हैं लेकिन एक ऐसी चीज़ है जो कोई भी पार्टनर बर्दाश्त नहीं कर सकता। ये है तुलना करना।
रिसर्च के अनुसार 60-75% तक चांसेस रहते हैं कि जब एक पार्टनर दूसरे पार्टनर की तुलना अपने पुराने लवर से करता है तो ऐसे में रिलेशनशिप टूट जाता है। यक़ीन करें ये एक ऐसा फैक्टर है जो शायद ही कोई मनुष्य बर्दाश्त कर पाए।बेहतर है कि आप अपने पार्टनर की तुलना किसी और से करने की भूल न करें।
2. बहकावे में आना (Relationship)
रिलेशनशिप (Relationship) की शुरुआत तभी करनी चाहिए जब दोनों पार्टनर्स को यक़ीन हो जाए कि वे एक दूसरे के लिए काफ़ी हैं। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि एक रिश्ते में दो लोग ख़ुशी ख़ुशी रह रहे होते हैं कि अचानक से कोई एक पार्टनर किसी तीसरे बंदे या बाहरी तत्व के बहकावे में आना शुरू हो जाता है। अब इस स्थिति में न सिर्फ़ दोनों के बीच गलतफहमियां पैदा होती हैं बल्कि उनके दिलों में एक दूसरे के लिए दरार भी उत्पन्न होने लगती है। अगर ये भूल सुधारी न जाए तो ये दरार बड़ी होकर नफ़रत का रूप भी ले सकती है।
3. बेवजह श़क (Relationship)
शक का मतलब सिर्फ़ ये नहीं कि पार्टनर एक दूसरे के बारे में ये सोचते रहें कि उनका किसी तीसरे के साथ कुछ चल रहा है। यहाँ पर शक का मतलब किसी भी प्रकार की फ़ालतू बात से है। उदाहरण के तौर पर यदि दो पार्ट्नर्स के बीच अच्छी अंडरस्टैंडिंग है और फिर भी एक पार्टनर हमेशा इस शक से घिरा रहता है कि आने वाले समय में उसके पार्टनर का उसके लिए प्यार और लगाव कम हो जाएगा तो ये भी एक तरह का श़क है जो दूसरे पार्टनर को इरिटेट कर सकता है।
कुल मिलाकर किसी भी तरह की बेबुनियाद बात को अपने दिमाग़ में लाना और फिर पार्टनर को उस नज़रिए से देखना शक की कैटेगरी में आता है। बेहतर है कि आप बेवजह के श़क अपने दिमाग़ में ना आने दें।
4. नो रोमांस (Relationship)
रिलेशनशिप (Relationship) में जितना ज़्यादा रोमांस होगा उतना ही ज़्यादा रिश्ता मज़बूत होगा। जब रिश्ते में लेस रोमांस आ जाता है तो ऐसे में नो रोमांस आने के चांसेस काफ़ी ज़्यादा बढ़ जाते हैं।
यदि पार्टनर्स एक दूसरे के साथ रोमांस नहीं करेगें तो ज़ाहिर सी बात है कि ऐसे में वे एक दूसरे के लिए होने वाला अट्रैक्शन भी खो देंगे। तो आपके लिए हमारी सलाह यही है कि अपने रिलेशनशिप (Relationship) में रोमांस का फैक्टर कम न होने दें।
5. पर्सनल स्पेस (Relationship)
हालाँकि हर इंसान का पर्सनल स्पेस होता है लेकिन शायद ये बात रिलेशनशिप (Relationship) में रह रहे दो पार्टनर्स के बीच लागू नहीं होती। रिलेशनशिप (Relationship) में दो पार्टनर्स के बीच किसी तरह का कोई पर्सनल स्पेस नहीं होता।
नैचरल और ज़रूरी पर्सनल स्पेस को छोड़कर अत्यधिक पर्सनल स्पेस की डिमांड करते रहना दूसरे पार्टनर को भी एहसास करवा सकता है कि शायद वो इस रिलेशनशिप (Relationship) में फ़िट नहीं है।
Conclusion
रिश्ता एक ख़ूबसूरत पड़ाव और दो पार्टनर्स के बीच एक ख़ूबसूरत एहसास है। इस एहसास को हमेशा बनाए रखना पार्टनर्स का दायित्व होता है। वैसे भी रिलेशनशिप (Relationship) की शुरुआत सिर्फ़ तभी करनी चाहिए जब पार्टनर इसके लिए तैयार हों। यदि बिना तैयारी के रिलेशनशिप (Relationship) की शुरुआत हो जाती है और दुर्भाग्यवश रिलेशनशिप (Relationship) टूट जाता है तो ऐसे में पार्टनर्स को सदमा पहुँच सकता है।
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