पीरियड्स आना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसे रोका या बाधित नहीं किया जा सकता लेकिन इससे उत्पन्न दर्द (menstrual cramps) और दूसरी असुविधाओं को कम ज़रुर किया जा सकता है।
अगर महिलाएं कुछ सावधानियां और परहेज करेंगी तो वह पीरियड्स से होने वाले दर्द (menstrual cramps) परेशानियों से आराम से बाहर आ सकती हैं।
दिनचर्या में बदलाव और खान-पान में संतुलन रखकर इस पर (menstrual cramps) नियंत्रित पाया जा सकता है। महिलाओं के पीरियड्स का दर्द (menstrual cramps) गंभीर होकर उनके जीवन को संकट में डाल सकता है। इस दौरान चिड़चिड़ापन, सिरदर्द, मांसपेशियों में ऐंठन, पेट में दर्द, सूजन, थकान, उदासी, चिंता, अवसाद जैसी समस्याएं, बदनदर्द होना सामान्य सी बात है परन्तु यह दर्द (menstrual cramps)असहनीय होता है।
पीरियड्स में दर्द क्यों होता है? -What is Menstrual Cramp in Hindi
महिलाओं को पीरियड्स के दौरान दो तरीके का दर्द होता है-
प्राइमरी पेन
पीरियड्स के इस दर्द (menstrual cramps) को प्राइमरी डिसमेनोरिया कहते हैं। प्राइमरी डिसमेनोरिया में पेट के निचले भाग में दर्द होता है लेकिन यह कोई रोग नहीं है। यह दर्द पीरियड्स शुरु होने पर होता है और 2 से 3 दिन में ठीक हो जाता है। यह दर्द आमतौर पर किशोर लड़कियों और युवा महिलाओं को होता है क्योंकि यह पीरियड्स की शुरुआत का संकेत है जो पेट में ऐंठन व गर्भाशय के सिकुड़ने के कारण होती है।
गर्भाशय में खून की कमी के कारण भी दर्द हो सकता है। दर्द मुख्य रूप से पेट के निचले हिस्से में होता है लेकिन जांघों के पीछे और नीचे भी जा सकता है।
कुछ महिलाओं को चिड़चिड़ापन महसूस होता है। यह प्राकृतिक स्थिति है और कई महिलाओं के लिए बस मामूली सी मासिक परेशानी है। प्राइमरी पेन को कुछ विश्राम तकनीकों से भी कम किया जा सकता है।
सेकेंडरी पेन
पीरियड्स के इस दर्द (menstrual cramps) को सेकेंडरी डिसमेनोरिया कहा जाता है। पीरियड्स शुरु होने से एक हफ्ते पहले यह दर्द (Menstrual cramps) बढ़ जाता है और कभी-कभी इसकी वजह से कब्ज, गैस की शिकायत भी होती है।
अगर मां को पीरियड्स में दर्द हुआ है तो संतान को भी दर्द होने की संभावना बनी रहेगी। 45% महिलाओं में पीरियड्स के दर्द (menstrual cramps) के साथ ही कुछ लक्षण होते हैं जैसे कि सूजन आना, स्तन का कोमल हो जाना, पेट में सूजन, एकाग्रता में कमी, मूड में बदलाव, अकड़न और थकान आना।
यह दर्द 20 साल की उम्र से पहले नहीं होता। यह दर्द सिर्फ पीरियड्स के महीने तक ही सीमित नहीं है बल्कि पूरी पीरियड साइकल में हो सकता है। इस पर फौरन ध्यान देने की ज़रुरत है। अगर आप 18 वर्ष से अधिक उम्र की हैं और पीरियड्स के दर्द का अनुभव कर रही हैं तो आपको गायनाकॉलजिस्ट से परामर्श करने में संकोच नहीं करना चाहिए।
पीरियड्स से पहले पेट में दर्द (menstrual cramps) के कारण
पीरियड्स से पहले लड़कियों को पेट में दर्द और ऐंठन जैसी समस्या शुरु हो जाती है। कभी-कभी सूजन भी हो जाती है। कईं लड़कियों को पीरियड्स के दो दिन पहले से ही यह समस्या शुरु हो जाती है, जो अच्छा संकेत नहीं है। पीरियड्स से पहले और पीरियड्स के दौरान महसूस होने वाले इस दर्द को डिसमेनोरियल कहते हैं परंतु 85 प्रतिशत महिलाओं को यह समस्या यूट्रस में ऐंठन की वजह से होती है। जब यूट्रस संकुचन प्रक्रिया शुरु करता है तो प्रोस्टाग्लैंडीन हार्मोन रिलीज़ होते हैं। इसी दौरान यूट्रस से थक्के भी बाहर निकल आते हैं जिसकी वजह से दर्द ज्यादा महूसस होता है। कईं बार इसके कारण फाइब्रॉएड और एंडोमेट्रियोसिस भी हो सकता है।
पीरियड्स के दर्द (menstrual cramps) से छुटकारा पाने के उपाय-
- गर्म पानी से स्नान करें।
- गुनगुने पानी की बोतल हमेशा अपने पास रखें।
- पीठ और पेट की मालिश करें।
- पीरियड्स से पहले और पीरियड्स के दौरान ढीले ढाले कपड़े पहनें।
- हल्का व्यायाम करें।
- पीरियड्स से पहले नियमित विश्राम करें। यह पहले कुछ दिनों में मांसपेशियों को आराम करने में मदद करता है।
- फलों के रस या साफ पानी का सेवन करें।
पीरियड्स में यह ना करें-
- धूम्रपान ना करें।
- शराब का सेवन ना करें।
- उच्च फाइबर युक्त भोजन, सलाद और सब्जियों का खूब सेवन करें।
- विटामिन E से भरपूर चीजें लें।
- यदि आप मांस खाते हैं तो चिकन और मछली ज्यादा खाएं।
- अपने आहार में नमक की मात्रा कम करें।
- मीठे पदार्थ, चॉकलेट, केक और बिस्कुट खाना कम करें।
पीरियड्स में होने वाले दर्द (menstrual cramps) का इलाज-
अजवाइन का सेवन करें
पीरियड्स के दिनों में महिलाओं में गैस की समस्या ज़्यादा बढ़ जाती है। गैस की वजह से भी पेट में दर्द होता है जिसे दूर करने के लिए आधा चम्मच अजवाइन में आधा चम्मच नमक मिलाकर गुनगुने पानी के साथ लें। तुरंत राहत मिलेगी।
अदरक का सेवन है फायदेमंद
पीरियड्स में होने वाले दर्द (menstrual cramps) को दूर करने के लिए अदरक का इस्तेमाल फायदेमंद है।
एक कप पानी में अदरक के टुकड़े को बारीक काटकर उबाल लें। आप इसमें शक्कर भी मिला सकते हैं।
पपीता खाएं
पीरियड्स के दिनों में पपीता खाने से पाचन क्रिया बेहतर रहती है। पीरियड्स के दिनों में पपीता खाने से दर्द (menstrual cramps) में भी आराम मिलता है। इससे खून का दौड़ान भी ठीक रहता है।
तुलसी का इस्तेमाल करें
तुलसी एक प्राकृतिक दर्द निवारक और एंटीबॉयोटिक दवा है। अगर आपको भी पीरियड्स के दौरान तेज़ दर्द (menstrual cramps) होता है तो चाय बनाते वक्त उसमें तुलसी के पत्ते डालकर उबाल लें और इसका सेवन करें। उससे आराम मिलेगा।
दूध का सेवन
पीरियड्स के दिनों में उन महिलाओं को दर्द (menstrual cramps) ज़्यादा होता है जिनके शरीर में कैल्शियम की कमी होती है। इस दर्द से बचने के लिए दूध और दूध से बनी चीज़ों का सेवन करना ना भूलें।
गर्म पानी
पीरियड्स में पेट और कमर में तेज़ दर्द होता है जिससे आराम पाने के लिए गर्म पानी का सेंक करना चाहिए।
डॉक्टर से सलाह
दर्द के चेक-अप के लिए अपने डॉक्टर के पास जाएँ। अपनी समस्या को डॉक्टर से बताएँ ताकि आपको उचित उपचार मिल सके।
पीरियड्स के दर्द से छुटकारा पाने के लिए कुछ दवाइयां भी खायी जाती हैं लेकिन बिना किसी डॉक्टर के परामर्श से इन दवाइयों का सेवन कभी भी न करें।
Conclusion
पीरियड्स के दौरान ज्यादातर सभी महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस दौरान चिड़चिड़ापन, सिरदर्द, बदनदर्द, मांसपेशियों में ऐंठन, पेट में दर्द, सूजन, थकान, उदासी, चिंता और अवसाद जैसी समस्याएं घेरने लगती हैं। ऐसा होना सामान्य सी बात है परन्तु इस समय होने वाला दर्द (menstrual cramps) असहनीय होता है। यह दर्द न केवल पेट में होता है बल्कि पूरे शरीर में होता है जिससे बहुत तकलीफ रहती है। इस कारण पीरियड्स के दर्द (menstrual cramps) से छुटकारा पाने के लिए कई महिलाएं दवाइयों का सहारा लेती हैं लेकिन कई बार ऐसा करना शरीर के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है। अगर आप भी पीरियड्स के दर्द से दो चार होती हैं और इससे छुटकारा पाना चाहती हैं तो आपको यहाँ बतायी गई बातों पर ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही किसी भी प्रकार की कोई दवा खाने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना बेहद ज़रूरी है।
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