Thursday, November 21, 2024
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2020 में ऐसा है रियल एस्टेट !

by Divyansh Raghuwanshi
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2019 आर्थिक सुस्ती के साथ एक अहम वर्ष सिद्ध हो चुका है। इस वर्ष में वित्तीय संकट से राहत मिली है और मांग भी वापस आईं है। इसके बाद भी किंतु अभी डिमांड अधिक बढ़ी नहीं है एवं बिक्री पर असर कुछ अधिक नहीं रहा है। रियलिटी एक्सपर्टो के हिसाब से 2020 रियल स्टेट के लिए बहुत बड़ा वर्ष हो सकता है। कुछ माह में ही सरकारी उपाय के असर दिखने लगेंगे। इसकी वजह से जो भी प्रोजेक्ट बचे हुए हैं, वह वापस पटरी पर लौट आएंगे और इनकी डिमांड भी बहुत तेजी से बढ़ जाएगी। एक्सपर्टो के हिसाब से डिमांड में तेजी भी आ सकती है और नई लॉन्चिंग भी आ सकती हैं।

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यदि देखा जाए तो आर्थिक संकट की वजह से रियल एस्टेट को बहुत नुकसान हुआ। ऐसा भी कह सकते हैं, कि सबसे अधिक नुकसान रियल एस्टेट में ही देखा गया। रियल एस्टेट का एनपीए जून 2019 में 7.3 फीसदी रहा। यह जून 2018 में 5.74 फ़ीसदी था। यदि 2016 से इस क्षेत्र की बात करें तो एनपीए बैंकिंग प्रणाली के हिसाब से 3.9 फ़ीसदी था और सरकारी बैंकों के हिसाब से 7.06 फ़ीसदी था। रियल एस्टेट क्षेत्र का बैंक का कर्ज दुगना हुआ। यह वर्ष रियल एस्टेट के लिए बहुत अच्छा हो सकता है।

एक्सपर्ट्स की राय

यदि नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल के हिसाब से देखा जाए तो इस वर्ष रियल एस्टेट में वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता आ सकती है। इनके असर जल्दी ही नजर आने लगेंगे। जीएसटी में सुधार और टैक्स की नई रियायत के साथ ही सुधार और बढ़  सकते हैं। 2019 की पिछली तिमाही में चार फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी, जो कई उपायों के बाद आ पाई थी। 2020 में इसके लिए नई उम्मीद आ सकती है। अर्थव्यवस्था में भले ही 2019 में सुस्ती रही किंतु उसके बाद भी को वर्किंग और हॉस्टलों की डिमांड बढ़ी है। अफॉर्डेबल सेगमेंट में भी नई चीज जुड़ती जा रही है।

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कीमत गिरती जा रही है किंतु उसके बाद भी प्रॉपर्टी बायर यह नहीं पता कर पाए हैं, कि मार्केट नीचे है और गिरावट आएगी या नहीं आएगी। जीएसटी केवल अंडरकंस्ट्रक्शन फ्लैट पर आया है और इसकी वजह से टैक्स भी रिसेल में नहीं वसूल होता। रेट कट होने के बाद भी ग्राहकों को पूरा लाभ नहीं मिल पाता है। इस वर्ष सरकार की यही कोशिश रही है, कि आर्थिक स्थिरता बनी रहे। इसके साथ ही ग्राहकों में भी भरोसा आ जाए। एक्सपर्ट के मुताबिक रॉमटेरियल और लैंड कॉस्ट पर ध्यान देना आवश्यक है। हरियाणा में दीन दयाल जन आवास योजना लागू हुई थी। अब अन्य राज्यों से यह देखना होगा कि अन्य राज्य किस प्रकार इस प्रकार की योजनाएं लाएं।

हरियाणा में योजना के तहत जमीन आवंटन 15 एकड़ से 30 एकड़ हो गया था। एक्सपर्ट्स के हिसाब से कहा गया कि सरकार के हिसाब से कई योजना लाई गई जैसे सरकार ने लगातार पांच बार रेट कट किया और घोषणाएं की किंतु फिर भी असर नहीं दिखा। हालांकि, आर्थिक सुस्ती को इसकी वजह बताया जा रहा है। 2020 में पर्सनल इनकम टैक्स की वजह से हो सकता है सुधार देखने को मिल जाए।

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