हम अक्सर एक सभ्य समाज की कल्पना करते हैं, लेकिन क्या हम जानते हैं कि एक सभ्य समाज तभी बनाया जा सकता है, जब आने वाले भविष्य को अच्छी शिक्षा दे, यहां मेरा मतलब अच्छी पढ़ाई लिखाई से नहीं है, यहां मेरा मतलब है अच्छे संस्कार से। बहुत सी प्राचीन मान्यताओं के अनुसार अगर किसी बच्चे को आप बेहतर इंसान या लायक बनाना चाहते हैं तो आपको उसके शुरूआती 7 सालों में उसे बहुत कुछ सिखाना पढ़ेगा। क्योंकि उस उम्र तक ज्यदातर बच्चे अपनी जिंदगी की 70 प्रतिशत बाते सीख चुके होते हैं।
बच्चे के जन्म के साथ उसका दिमाग एक खाली हार्ड डिस्क की तरह होता है जिसमें आप जो चाहें डाल दें वह उसे जिंदगीभर याद रहेगा। ऐसे में यह आप पर निर्भर करता है कि आप उसे क्या सिखा रहे हैं। अगर आप इस बात को लेकर परेशान हैं कि उन्हे क्या सिखाया जाए। तो चलिए हम आपकी इस बात में मदद कर देते हैं। तो चलिए जानते हैं कि आखिर क्या सिखाएं बच्चों को….
आप सबसे पहले उसे भगवान में आस्था करना सिखाएं। ताकि वह किसी भी काम को करने से पहले भगवान को याद कर ले, और इसे सिखाने के लिए आप अपना मान्यता के अनुसार पौराणिक कहानियां बताएं, जहां ईश्वर में आस्था रखने वाले लोगों की जिंदगी में सब कुछ अच्छा होता है, और अगर कुछ बुरा हो भी तो वह सिर्फ इसलिए ताकि उन्हे जिंदगी में उससे बेहतर कुछ मिलने वाला है।
सम्मान सबका अधिकार
हम अक्सर अपने बच्चो को केवल बड़ो का या महिलाओं का सम्मान करने को कहते हैं और यह गलत भी नहीं है। लेकिन क्या सम्मान सबका अधिकार नहीं है, आप अपने बच्चों को किसी भी तरह के भेद भाव के बारे में न बताएं न ही उनके सामने किसी को अपमानित करें क्योकि उस खाली हार्ड डिस्क में यह फिल हो जाएगा और वह आपकी तरह ही दूसरो को अपमानित करने लगेगा। तो बेहतर हैं उसे हर व्यक्ति, जीव का सम्मान सिखाएं ताकि वह विनम्र भी बने।
झूठ न बोलें
आज कल के दौर में जबसे हम टेक्नोलॉजी के आदि हुए हैं, हम ज्यादातर चीजों पर झूठ बोल देते हैं उदाहरण के तौर पर हमे कहीं जाना होता है और किसी के फोन आ जाने पर हम कह देते हैं कि, हम निकल चुके हैं। अब आप यह सोच रहे होंगे कि इतनी सी बात से क्या फर्क पड़ता है, लेकिन ऐसा नहीं बच्चे कच्ची मिट्टी का वह घड़ा होते हैं जिन्हे आप जिस शेप या आकार में ढालना चाहें ढाल सकते हैं। मगर झूठ बोलने से उनकी मानसिकत दूषित हो जाती है। तो उन्हे ईमानदारी और सच्चाई का पाठ पढ़ाएं, उन्हे समय के महत्व को समझने में मदद करे और अपनी जिंदगी से सिखने का मौका दें
मदद के लिए आगे रहें
आज भाग दौड़ भरी जिंदगी में हम शायद ही किसी की मदद के लिए समय निकाल पाते हैं मगर यह हमारे समाज को सिखना जरूरी है कि दूसरो की मदद के लिए हाथ बढ़ाना चाहिए। तभी हम एक बेहतर समाज की कल्पना कर पाएंगे।
कर्म का महत्व
कामचोरी तो आपने देखी ही होगी अगर आपके घर में कोई बच्चा ऐसा करे तो ध्यान रहें कि आपने उसे काम का महत्व नहीं बताया। आप सदा उसे यही बताएं कि कर्म ही लोगों को महान बनाता है जन्म से कोई महान नहीं बनता। अगर वह कुछ बड़ा और बेहतर हासिल करना चाहते हैं तो कर्म करना ही पडे़गा
प्यार करना सिखाएं
शायद आपने यह बात सुनी हो कि नफरत सिखाई जाती है प्यार नहीं। सोचिए एक खाली हार्ड डिस्क में क्या आप नफरत का सामान डालना चाहेंगे, अगर नहीं तो बच्चों के सामने कभी भी किसी की बुराई न करें ताकि उसके मन में नफरत का बीज ही न पनप सके। अपने बच्चों को हर चीज से प्यार करना सिखाएं।