Pregnancy या गर्भावस्था का समय किसी भी स्त्री के लिए कठिन पड़ाव होता है। ये एक ऐसा दौर होता है जब महिला फिजिकल बदलाव के साथ साथ मेंटल बदलाव को भी अनुभव करती है।
गर्भावस्था या Pregnancy एक ऐसा समय होता है जब महिला को एक्स्ट्रा केयर की आवश्यकता होती है। ऐसे में घर वालों तथा महिला के पार्टनर का यह दायित्व बनता है कि वे उसकी छोटी से छोटी ज़रूरत का ख़याल रखें।
Pregnancy के दौरान किसी भी मोड़ पर महिला को दबाव या मेंटल ब्रेक का सामना न करना पड़े इसके लिए आवश्यक है कि उसकी हर बात पर ध्यान दिया जाए। वैसे तो गर्भवती महिला का ख़याल उसके घर वाले और उसका पति अच्छे से रखते हैं लेकिन कभी कभी कई बार उनसे वे चीज़ें छूट जाती हैं जिसकी एक महिला को उम्मीद होती है। दरअसल उन्हें वे पॉइंट्स पता ही नहीं होते जो वास्तव में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं और जिनका Pregnancy के दौरान ख़याल रखना आवश्यक होता है। चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि हम आपके सामने यह लेख लेकर उपस्थित हुए हैं। आइए एक नज़र डालते हैं उन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जो Pregnancy के दौरान ध्यान में रखने ज़रूरी हैं।
जानें प्रेगनेंसी के बारें में विस्तार से
1. गर्भावस्था या Pregnancy का नॉलेज
Pregnancy का मतलब सिर्फ़ यह नहीं होता कि महिला ने गर्भ धारण कर लिया है और अब वह बच्चे को जन्म दे देगी। Pregnancy वास्तव में इससे कई ज़्यादा है। Pregnancy में एक महिला की ज़िंदगी ऊपर से नीचे पूरी बदल जाती है और कई बार तो ऐसा होता है कि वह इन सबके बारे में कहना भी चाहती है पर नहीं कह पाती। इसलिए यह बहुत ज़रूरी है कि अपनी पत्नी का ख़याल रखने के लिए आप Pregnancy से सम्बंधित बेसिक तथा एक्चुअल नॉलेज को गेंन करें। गर्भावस्था के दौरान क्या होता है, महिला किन किन चीज़ों से होकर गुज़रती है तथा उसे क्या महसूस होता है इस बारे में जानने की कोशिश ज़रूर करें। इससे आपको पत्नी का Pregnancy के दौरान ख़याल रखने में काफ़ी मदद मिलेगी।
2. मूड स्विंग को हैंडल करें
Pregnancy या गर्भावस्था की बात हो और मूड स्विंग्स को नज़रअंदाज़ कर दिया जाए तो ऐसे में बात नहीं बनती है। मूड स्विंग्स वैसे तो लड़कियों तथा महिलाओं में पीरियड्स के दौरान भी होते हैं लेकिन प्रेगनेंसी के टाइम पर होने वाले मूड स्विंग्स वास्तव में किसी बुरे सपने से कम नहीं होते हैं।
Pregnancy के दौरान महिला मूड स्विंग्स के साथ साथ मॉर्निंग सिकनेस और कमज़ोरी भी महसूस करती है और ऐसे में उसे किसी के मज़बूत शाथ की आवश्यकता होती है। ध्यान रखें कि जब आपकी पत्नी छोटी छोटी बातों पर चिड़चिड़ापन दिखाए या बेबात आपसे लड़े तो ऐसे में उस पर चिल्लाने के बजाय उसकी हालत समझने की कोशिश करें। Pregnancy का समय एक कठिन समय है और ऐसे में अपनी पत्नी को समझें।
3. Pregnancy में इमोशनल सपोर्ट
जैसा कि हमने बताया कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिला मेंटल स्ट्रेस तथा मूड स्विंग को अनुभव करती है। इस दौरान आपकी पत्नी को आपके द्वारा दिया गया इमोशनल सपोर्ट काफ़ी महत्वपूर्णहोताहै। अपनी पत्नी की ज़रूरतों का ख्याल रखें तथा उसके इमोशनल डिस बैलेंस को समझदारी से हैंडल करने की कोशिश करें। अगर वह किसी चीज़ के लिए बच्चे की तरह आपसे ज़िद करें तो ऐसे में उसे डांटने की बजाए नरमी से समझाएँ।
4. Pregnancy में बढ़ाएं फ्लैक्सिबिलिटी
Pregnancy के दौरान आपकी पत्नी को आपके साथ की आवश्यकता होती है लेकिन हो सकता है कि आप अपने काम और ऑफ़िस के चलते समय नहीं निकाल पाते हों, तो ऐसे में आपको क्या करना चाहिए? ऐसे में फ्रसट्रेट होने या घबराने के बजाय इसका मॉर्डन सलूशन निकालें। अगर Pregnancy के दौरान आप अपनी पत्नी के साथ ज़्यादा समय नहीं बिता पा रहे हैं तो ऐसे में आप समय समय पर फ़ोन करके उसे इज़ी महसूस करवा सकते हैं।
5. Pregnancy के बाद के ख़ूबसूरत प्लांस की चर्चा
जब एक महिला गर्भ धारण करती है तो ऐसे में पति पत्नी दोनों ही एक स्वस्थ बच्चे की कामना करते हैं। प्रेग्नेंसी के बाद काफ़ी जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं और ऐसे में ज़रूरत होती है अच्छे प्लांस की! तो अपनी पत्नी के साथ आने वाले समय को लेकर चर्चा करें तथा उस समय के लिए ख़ूबसूरत प्लांस बनाए।
6. Pregnancy तथा ज़िम्मेदारी
सिर्फ़ Pregnancy के बाद ही नहीं बल्कि प्रेगनेंसी के दौरान भी महिला तथा उसके पार्टनर पर काफ़ी ज़िम्मेदारियाँ आती हैं। कभी कभी Pregnancy के दौरान महिलाएँ इतना डर जाती हैं कि वे पैनिक होने लगती हैं।
ऐसे में पार्टनर को उनका पूरा सपोर्ट करना चाहिए। अगर आपकी पत्नी प्रेग्नेंट है तो आप उसे इस बात का एहसास कराएं कि वह आपके मज़बूत सहारे की छाँव में है। उसे इस बात से फ़्री करें कि वह अकेली इस पूरी सिचुएशन को हैंडल करेगी। उसे समझाएँ कि हर परिस्थिति का सामना करने में आप उसका सपोर्ट करेंगे।
7. गुड लिसनर बनें
वैसे तो पुरुष कम ही बोलते हैं लेकिन ग़ुस्से के मामले में वे तेज होते हैं। अगर आप भी जल्दी ग़ुस्सा करने वाले पुरुष हैं तो आपको आपकी पत्नी की Pregnancy के दौरान अपनी यह आदत बदलनी होगी। दरअसल Pregnancy के दौरान महिलाएँ कई सारे अंदरूनी बदलावों को महसूस करती हैं। ऐसे में कभी वे समझदारी की बात करती हैं तो कभी एकदम बचकानी। हो सकता है कि उसकी बचकानी और बेसिर पैर की बात सुनकर आपको ग़ुस्सा आए लेकिन ग़ुस्सा करने के बजाय आप उसकी परिस्थिति को समझने की कोशिश करें। एक गुड लिसनर बनें और अपनी पत्नी की हर बात को धैर्य से सुनने की कोशिश करें। यह आपकी पत्नी और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
8. डॉक्टरी चेकअप के साथ हेल्दी Pregnancy
गर्भावस्था के दौरान एक महिला को समय समय पर डॉक्टरी चेकअप कराना ज़रूरी होता है। एक तरह से डॉक्टर के पास जाना और चेकअप कराना एक ज़िम्मेदारी बन जाता है। कभी कभी अपने स्वास्थ्य के चलते महिला डॉक्टर के पास जाने में आलस कर बैठती है। इसलिए अब आपकी ज़िम्मेदारी ज़्यादा बढ़ जाती है।
अगर आपकी पत्नी प्रेग्नेंट है तो ऐसे में आपको उसके रूटीन चेकअप का ख़याल रखना होगा। अगर आप अपने ऑफ़िस के काम के चलते उसे चेकअप के लिए नहीं ले जा पा रहे हैं तो ऐसे में आप घर में मौजूद अन्य सदस्यों का सपोर्ट ले सकते हैं। अपनी पत्नी या घर वालों को रूटीन चेकअप के बारे में रिमाइंड कराना बिलकुल न भूलें।
9. डिलिवरी के संबंध में चर्चा
जब एक महिला गर्भधारण करती है तो सबसे ज़्यादा उसे डिलीवरी के समय को लेकर डर लगता है। रिसर्च में इस बात का ख़ुलासा हुआ है कि महिलाएँ Pregnancy में सबसे ज़्यादा डिलीवरी और लेबर पेन को लेकर चिंतित रहती हैं। ऐसे में डिलीवरी से संबंधित तथ्यों पर चर्चा करना आवश्यक हो जाता है। अपनी प्रेगनेंट पत्नी को डिलीवरी से सम्बंधित फैक्ट्स और मिथ्यों के बारे में बताएँ। Pregnancy के दौरान उससे पॉज़िटिव बातें करें। जब आप उसे पॉज़िटिव बातों से मोटिवेट करेंगे तो वह ना सिर्फ़ हेल्दी Pregnancy बल्कि स्वस्थ डिलीवरी को भी अनुभव करेगी।
10. हर समय उसका साथ दें
Pregnancy के दौरान कई बार महिलाएँ कमज़ोरी का अनुभव करती हैं। कई बार ग़लत खानपान के चलते महिलाओं का वज़न बढ़ने लगता है। ऐसे में अपनी पत्नी को सही डाइट लेने में उसकी मदद करे। सिर्फ़ इतना ही नहीं बल्कि उसे हल्का वर्कआउट करने के लिए भी मोटीवेट करें। प्रेगनेंसी के दौरान एक बात सबसे ज़्यादा ध्यान में रखने वाली है कि आपको अपनी पत्नी को इमोशनल सपोर्ट देना है।
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Conclusion
Pregnancy वास्तव में एक कठिन पड़ाव है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ़ महिला ही प्रेगनेंसी के दौरान चिंतित होती है बल्कि पुरुष भी अपनी प्रेग्नेंट वाइफ़ और होने वाले बच्चे को लेकर काफ़ी चिंतित रहते हैं। ये दोनों ही आने वाले समय को लेकर घबराते हैं लेकिन जो बदलाव महिला महसूस करती है वे शायद पुरुष नहीं कर पाते हैं। ये दरअसल नैचुरल फैक्टर्स के कारण होता है।
Pregnancy के दौरान आपको अपनी पत्नी का ख़ास ख्याल रखना चाहिए क्योंकि आपकी पत्नी शादी के बाद आपके सहारे आपके पास आती है और आपका तथा परिवार के अन्य सदस्यों का ख्याल रखती है। ऐसे में जब वह प्रेगनेंट हो जाती है तो आपकी ज़िम्मेदारी बनती है कि आप भी उसका ख़याल रखें। यही तो जीवन की सुंदरता है।