आज आधुनिकता और विकास की बात तो सब कर रहे हैं, लेकिन इस सब के बीच Pradushan Kya Hai और प्रदूषण के कारण या प्रदूषण की वजह से क्या हो गया है। इसके बारे में लोग बात ही नहीं करना चाहते। लेकिन आज हम आपको प्रदूषण की समस्या को विस्तार से बताएंगे। साथ ही प्रदूषण कितने प्रकार के होते हैं और प्रदूषण क्या है। यह भी बताएंगे। आइए आज विस्तार से प्रदूषण के प्रकार समेत इससे जुड़ी हुई तमाम जानकारियों को हासिल करें।
प्रदूषण आज की एक ऐसी समस्या बन चुकी है, जिसका वक्त रहते समाधान नहीं किया गया तो हम अपनी आंखों से ही पृथ्वी का विनाश देखेंगे। प्रदूषण महज कुछ चीजों से नहीं बल्कि पूरी तरह से विकास और उपभोग के नियम से जुड़ा हुआ है। अगर आप आसान भाषा में समझे तो हम जिन भी चीजों का उपभोग करते हैं वह प्रदूषण का एक जरिया है। वहीं अगर प्रदूषण की मुख्य वजह को समझने की कोशिश करें तो यह हमारी आबादी से ही जुड़ी हुई है।
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आपको बता दें कि बढ़ती आबादी के चलते और उनकी मांगों की पूर्ति हेतु कंपनियां दिन रात काम करती हैं। जिसके जरिए संसाधन की खपत तो हो ही रही है। साथ ही हम पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचा रहे हैं। प्रदूषण और पर्यावरण दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। पर्यावरण को सुरक्षित रखना ही प्रदूषण से राहत पाना है। अगर हम पर्यावरण को बचाने के प्रयास करते हैं तो इससे प्रदूषण भी कम हो जाएगा। खैर अभी हम प्रदूषण क्या है, प्रदूषण के प्रकार और प्रदूषण के कारण क्या हैं। इन सभी बातों पर एक नज़र डालेंगे।
प्रदूषण क्या है – Pradushan Kya Hai

प्रदूषण क्या है, इसका सही और सीधा जवाब समझा जाए तो वह आज के औद्योगिक युग से ही जुड़ा हुआ है। औद्योगीकरण ही प्रदूषण के कारण की वजह भी है। आज हर व्यक्ति अपने लिए बड़ा घर, अधिक संसाधन, और उपभोग की तमाम वस्तु चाहता है। ऐसे में न केवल इन वस्तुओं के निर्माण के दौरान प्रदूषण होता है। बल्कि जब तक हम उन चीजों का उपयोग करते हैं तब तक प्रदूषण बढ़ता ही रहता है।
हमने प्रदूषण के चलते ही जमीन से लेकर पानी और हवा तक को प्रदूषित कर दिया है। आलम यह है कि प्रदूषण की समस्या अब हजारों बीमारियों को जन्म दे रही है। यही नहीं ओजोन लेयर भी दिन प्रतिदिन प्रदूषण की वजह से बढ़ती जा रही है। इसलिए प्रदूषण की समस्या का अंत करना बेहद जरूरी हो गया है। बहरहाल आइए हम जानते हैं कि प्रदूषण कितने प्रकार के होते हैं।
प्रदूषण कितने प्रकार के होते हैं – Pradushan Ke Prakar

आपको शायद इस बात का अंदाजा भी न हो कि प्रदूषण के प्रकार क्या क्या हैं। ऐसा इसलिए भी क्योंकि बचपन से लेकर आज तक हमने केवल वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण को लेकर ही कुछ सुना है। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि प्रदूषण के कितने प्रकार होते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं प्रदूषण के प्रकार के बारे में।
जल प्रदूषण
प्रदूषण के प्रकार में सबसे खतरनाक और गंभीर मुद्दा जल प्रदूषण का ही है। आपको बता दें कि हमारी दुनिया में पीने लायक पानी बहुत कम ही बचा है। आंकड़ों की मानें तो साल 2030 तक भारत की ही 55 प्रतिशत आबादी के पास पीने के पानी की किल्लत हो जाएगी। यही नहीं विदेशों में कई ऐसे देश और प्रांथ है जहां पीने का पानी खत्म हो गया है या होने वाला है। बीते कुछ समय पहले पानी को बचाने के लिए ऑस्ट्रेलिया के अंदर हजारों ऊंटों को मौत के घाट तक उतार दिया गया था। ताकि वह अधिक पानी न पी पाए और इंसानों के लिए पानी बच जाए। ऐसे में जल स्रोतों को प्रदूषित करना बहुत खतरनाक स्थिति को पैदा कर सकता है।
भूमि प्रदूषण
यह प्रदूषण शायद आपने न सुना हो। लेकिन बता दें कि भूमि प्रदूषण देश दुनिया के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है। इसके लिए घर से निकलने वाला कचरा हो, कांच, किसानों द्वारा उपयोग किया जाने वाला कीटनाशक और प्लास्टिक जिम्मेदार हैं। आज हर व्यक्ति एक साल में कई टन कचरा फैलाता है जिसे खत्म करना चुनौती है। भूमि प्रदूषण की वजह से धरती बंजर होती जा रही है। आने वाले समय में अगर भूमि प्रदूषण की समस्या का कुछ नहीं किया गया तो यह भूमि को पूरी तरह बर्बाद कर देगी, और उपजाऊ भूमि के बिना हमें कुछ खाने पीने को भी नहीं मिलेगा। जिससे पूरी पृथ्वी का विनाश हो जाएगा।
वायु प्रदूषण
वायु प्रदूषण का असर तो आपने आमतौर पर देखा ही होगा। वहीं अगर आप गलती से दिल्ली और उसके आस पास के इलाके में रहते होंगे तो अब तक आपने कई बार वायु प्रदूषण का जिक्र खबरों में भी देखा होगा। वायु प्रदूषण के लिए सड़क पर चलने वाले वाहन से लेकर फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं जिम्मेदार है। वायु प्रदूषण के चलते लोगों के फेफड़े खराब हो रहे हैं और वह रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़ी कई समस्याओं का शिकार भी हो रहे हैं। वायु प्रदूषण को रोकने के लिए अस्थाई उपाय तो सरकारे कर रही हैं। लेकिन इसका कोई बेहतर समाधान अब तक नहीं खोजा गया है।
ध्वनि प्रदूषण
यह प्रदूषण भी आज के समय की एक गंभीर समस्या है। प्रदूषण कितने प्रकार के होते हैं यह आपको बताने के लिए ही इसे प्रदूषण के प्रकार में शामिल किया गया है। आपको बता दें ध्वनि प्रदूषण, फैक्ट्रियों में मशीनों, सड़कों पर चल रहे वाहनों और म्यूजिक सिस्टम आदि की वजह से फैलता है। ध्वनि प्रदूषण को मापने के लिए डेसिबल इकाई निर्धारित किया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ध्वनि की उच्चता का स्तर दिन में 45 डेसीबल निर्धारित की है। वहीं रात के समय यह 35 डेसीबल निर्धारित की गई है। इस प्रदूषण के चलते लोग अपने सुनने की शक्ति तक खो बैठते हैं।
प्रदूषण के कारण – Pradushan Ke Karan

दोस्तों अब तक आपने प्रदूषण के प्रकार के बारे में जाना है। अब हम आपको प्रदूषण के कारण के बारे में बताएंगे। प्रदूषण के इन कारणों को जानकर आप आसानी से तय कर पाएंगे कि आपको प्रदूषण को रोकने के लिए अपनी तरफ से क्या करना होगा।
प्रदूषण होने के कारण
- जल प्रदूषण के कारण बहुत से हैं जैसे जल की बर्बादी, फैक्ट्रियों के द्वारा निकालने वाला कचरा, जल स्रोत में केमिकल का मिलना, इस्तेमाल किए गए पानी को नदी और धाराओं में जाने देना, जल स्रोतों में कपड़े धोना, मल मूत्र का त्याग करना, और पानी के अंदर प्लास्टिक आदि चीजों को बहाना। यह सभी जल स्रोत के प्रदूषण का कारण हैं।
- वायु प्रदूषण की वजह फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं, धूल मिट्टी, प्लास्टिक आदि को जलाना, गोबर से बने उपले जलाना, गाड़ी से निकलने वाला धुआं, पराली जलाना आदि। यह सभी वायु प्रदूषण का कारण है।
- भूमि प्रदूषण का कारण मुख्य रूप से इंसानों का उपभोग है। हम हर चीज का इस्तेमाल करके उसे फेंक देते हैं जो मिट्टी में जाकर मिल जाता है और सदियों तक वह उसी बना रहता है। जिसकी वजह से जमीन के पोषक तत्व कम हो जाते हैं और भूमि बंजर हो जाती है। इन सभी कारणों को जानकर आप भूमि प्रदूषण को रोक सकते हैं।
- ध्वनि प्रदूषण घरों, काम करने वाली जगह या निर्माण कार्य की वजह से होते हैं। साथ गाड़ी के हॉर्न, म्यूजिक सिस्टम, आदि की वजह से भी होते हैं। हम इसे रोकने के लिए कुछ प्रयास कर सकते हैं।
प्रदूषण की समस्या का अंत कैसे -pradushan ki samasya

दोस्तों अगर आप किसी भी तरह के प्रदूषण की समस्या का अंत करना चाहते हैं तो सबसे पहले अपनी उपभोग को घटाएं। ऐसा करने से आप न केवल प्रदूषण को रोक पाएंगे। बल्कि आप फिजूल का पैसा भी खर्च नहीं करेंगे और एक आनंदमय जीवन जी पाएंगे। इसके अलावा आप कोई भी चीज करें तो इस बात का ध्यान रखें कि उससे प्रकृति को कम से कम नुकसान हो। अगर आप पर्यावरण का महत्व समझेंगे तभी आप प्रदूषण की समस्या का अंत कर पाएंगे।
निष्कर्ष
दोस्तों हमने अपने इस लेख में आपको प्रदूषण से जुड़ी कुछ खास जानकारियां दे दी हैं। अब अगर आप प्रदूषण की समस्या का अंत करना चाहते हैं तो बताए गए सुझावों को अपनाएं और पर्यावरण की एंव मानव और जीवों की रक्षा करें।
प्रदूषण के प्रकार – pradushan ke prakar
प्रदूषण क्या है – Pradushan kya hai
प्रदूष के कारण – Pradushan ke Karan
प्रदूषण की समस्या – pradushan ki samasya
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