NRC और CAA के चलते पिछले कुछ दिनों में देश की छवि विश्व भर में खराब हुई है, माना जा रहा है ये क़ानून की लड़ाई नहीं बल्कि हिन्दू-मुस्लिम की लड़ाई है अगर ये कानून की लड़ाई होती तो जिस तरह यह प्रदर्शन हो रहे है शायद ऐसे नहीं होते। कानून में यह बात कहीं नहीं लिखी है की विरोध के लिए सड़कों पर दंगे किये जाए, बसों को जलाया जाए, पुलिस वालों को पीटा जाए और पथराव किया जाए। ऐसे हालातों को देखते हुए सरकार को लगा की सोशल मीडिया के ज़रिये एजेंडा सेट किया जा रहा है और विरोधी पार्टियां इसका फायदा उठाने के लिए दंगे करा रही हैं। इसीलिए देश कई हिस्सों में इन्टरनेट को बंद कर दिया गया।
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए देश के कई हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं बाधित करने के बावजूद ज्यादा फर्क नहीं पड़ा है। माना जा रहा है कि ऐसा प्रदर्शनकारियों की ओर से संदेशों के आदान-प्रदान के लिए फायरचैट (FireChat) नामक ऐप के इस्तेमाल के चलते हुआ, जो बगैर इंटरनेट के चलता है। इन आशंकाओं को बल तब और मिला, जब हालिया शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों के बीच गूगल प्ले स्टोर पर फायर चैट ऐप ट्रेडिंग में भी रहा।
गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) से अब तक दस लाख बार फायर चैट को डाउनलोड किया जा चुका है। यह ऐप बिना इंटरनेट के ब्लूटूथ और वाईफाई के जरिए काम करता है।
गुरुवार को हिंसक प्रदर्शनों के दौरान दिल्ली, उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं बाधित कीं गईं थीं, बावजूद इसके कई स्थानों पर भीड़ को एकत्र होने से नहीं रोका जा सका। फायर चैट से बिना मोबाइल फोन नेटवर्क के भी आप अपने आसपास के फायरचैट यूजर से बातचीत कर सकते हैं।