जबलपुर अपनी प्राचीन संस्कृति, प्रकृत्तिक सुंदरता, कला व अपने अनोखे इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। भारत का ह्रदय जबलपुर जहाँ नर्मदा माँ के प्रसिद्ध घाट, बाँध, मन्दिर, किले है। यहां की संस्कृति यहां की पहचान का केंद्र है। यहाँ की सुंदरता देखकर मेरा मन तो उमंगों व खुशियों से भर जाता है। जिन्हें प्रकृति और अपने इतिहास से लगाव हो ऐसे लोगों को जबलपुर का पर्यटन अवश्य करना चाहिए। इतिहास के रहस्यों से भरा हुआ जबलपुर एक बहुत ही खूबसूरत पर्यटन स्थल है।
जबलपुर का यह द्वीप बहुत ही अनमोल है, जो यहाँ ईको टूरिज्म का मौका देता है। जबलपुर के बहुत से टूरिस्ट प्लेस है जिन सभी की अपनी खासियत है। पायली भी समंदर की तरह दिखने वाले द्वीप और उसके बीच में बसा हुआ टापू जो बहुत प्रसिद्ध है। बरगी के पास बने होने के कारण हम बरगी बाँध और टापू दोनो को साथ में घूम सकते है। इसे बहुत जल्द ही और भी विकसित करने पर काम चल रहा है जिससे लोगों को यहाँ से रोज़गार भी मिल सकें। यहाँ पर हर सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास जारी है। वैसे तो यहाँ बहुत से लोग यहाँ की सुंदरता का आंनद लने आते ही है और यहाँ से अपनी रोमांचक यादें लेकर जाते है।
अद्भुत सौंदर्य
पायली की सुंदरता का वर्णन करना बहुत ही मुश्किल है।यह नर्मदा नदी पर बना टापू है, जो को बरगी बाँध के बैक वॉटर पर स्तिथ द्वीप है।
- आसपास घने जंगल है और पानी ही पानी है जो रोमांचक है। ऐसा लगता है मानो हम किसी समंदर पर आ खड़े हुए हो।
- जबलपुर से 56 किलोमीटर की दूरी व मुख्य न्यायलय से 60 km पर स्थित है पायली।
- हम यहां रोड के द्वारा या फिर हवाई जहाज के द्वारा भी आ सकते हैं। डुमना हवाई अड्डा से 20 km दूरी पर ही है पायली। बरगी डैम से होकर गुजरता हुआ रास्ता सीधा पायली पहुँचाता है।
- जबलपुर से यहां तक जाने मे 1 घंटा 30 min का समय लग जाता है।
- यहाँ हम नौका विहार कर टापू और द्वीप का आनंद ले सकते हैं हमें।
- वैसे तो हमे यहां ठंड में जाना चाहिए। परन्तु बारिश के मौसम में यहां की प्राकृतिक सुंदरता देखने को मिल जाती है। बारिश के कारण पेड़-पौधे, पहाड़, जंगल और पानी के बीच में टापू बहुत ही आकर्षक होता है।
यदि आपको अपनी प्रकृति व अपने इतिहास को जाने- पहचानने की कामना है, तो आपको जबलपुर का पर्यटन अवश्य करना चाहिए। यहां की संस्कृति का अनुभव कर अपने जीवन में इस यात्रा का आंनद लेना चाहिये। आशा है अपका यहाँ का पर्यटन हमेशा के लिये यादगार रहेगा।