कोरोना वायरस आज पूरी दुनिया में बहुत तेजी से फैल रहा है, चीन से फैलना शुरू हुआ यह वायरस अब तक 300 से ज्यादा लोगों को निगल चुका है। यही देखते हुए भारत ने चीन में रहने वाले लोगों को भारत लाना शुरू कर दिया है। वहीं हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान जो आतंकवाद को तो पाल सकता है लेकिन अपने लोगो की जान नहीं बचा सकता। दरअसल पाकिस्तान ने अपने देशवासियो को वहां से लाने के लिए मना कर दिया है, पाकिस्तान सरकार का कहना है कि पाकिस्तानी लोग जो चीन में काम काज या पढ़ाई के लिए गए हैं वह लोग वहां की सरकार से ही मदद मांगे। यही नहीं पाकिस्तान ने चीन से पाकिस्तान आने वाली सभी फ्लाइट्स पर अभी रोक लगा दी है।
WHO के नाम का लिया सहारा
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इतने से ही बाज नहीं आए, उन पर या उनकी सरकार पर कोई आंच न आ जाए यह देखते हुए वह इस बात का हवाला दे रहे हैं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी यही सलाह दी है कि वहां फंसे लोगो को वहीं रहने दिया जाए।
अब शायद यह बात विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को फोन पर समझाइ होगी, क्योंकि ऐसे में बांग्लादेश भी अपने लोगों को चीन से रेस्क्यू करवा रहा है। वहीं पाकिस्तान की स्वास्थ्य सेवाओ कितनी बदहाल है यह तो किसी से छिपा नहीं है। इसलिए शायद वह चीन की स्वास्थ्य व्यवस्था पर ही भरोसा जताने का ड्रामा कर रहे है।
कुरान के बहाने खुद को बचाया
पाकिस्तान अपनी घटिया नीतियों पर परदा डालने के लिए अक्सर अपने हर कदम को कुरान से जो़ड़ देता है ताकि आम जनता को अंधेरे में रखा जा सके। इस बार भी पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ आरिफ अली ने बाकायदा ट्वीट करके कुरान का हवाला देते हुए यह कह डाला की यह बात करान में लिखी है मरीजो को वहीं रहना चाहिए जहां वह हैं। हालांकि पाकिस्तान की इस हरकत पर भी दुनियी थू थू कर रही है।
पाकिस्तानी के ही कुछ श्याने लोगों ने इस ट्वीट का समर्थन करते हुए वहा फंसे लोगो के लिए यह तक लिख डाला कि अगर मरना है तो वहीं मरो, तुम्हारी मौत के बाद तुम्हे शहीद कहा जाएगा।
फूंटा छात्रो का गुस्सा
इन ट्वीट के फंसते ही चीन में फंसे पाकिस्तानियों ने अपनी सरकार को बुजदिल कह डाला और कुछ वीडियो भी डाली जिसमें वहां फंस छात्र पाकिस्तान की सरकार को कोसते हुए दिखाई दे रहे हैं, साथ ही उन्होने यह भी कहा कि वह चीन में अब लावारिस जैसा महसूस कर रहे हैं।