दोस्तों, हम आज नकारात्मकता (Negative Thoughts) से बचने के उपाय के बारे में बातचीत करें जा रहे हैं तो मुझे ‘किशोर दा’ का एक गीत याद आ रहा है “जिंदगी का सफर है यह कैसा सफर कोई समझा नहीं कोई जाना नहीं”।
यह गीत जिंदगी के उतार-चढ़ाव की सच्चाई को दर्शाता है क्योंकि जीवन में अगर खुशियों के फूल खिलते हैं तो कभी उदासी का पतझड़ भी आ सकता है। कभी हम सफलता की सीढ़ियां चढ़ते चले जाते हैं तो कभी असफलता हमारी राहों का कांटा बन जाती है।
सफलता-असफलता, खुशी-गम, हार-जीत यह सब एक सिक्के के दो पहलू हैं। हमें उससे उबरने की सीख लेनी चाहिए क्योंकि नकारात्मक सोच (Negative Thoughts) रखने से हमें कई मानसिक बीमारियाँ घेर लेती हैं। तो आइए इससे बचने के कुछ उपाय देखते हैं।
मेडिटेशन (Negative Thoughts)
किसी भी तरह के अवसाद (Negative Thoughts) और विचार खासतौर पर चिंता से बचने का एक सरल उपाय मेडिटेशन यानी ध्यान लगाना है। यदि हमारे अंदर निराशा है तो हमें उधर से ध्यान हटाकर अपने ध्यान को केंद्रित करना चाहिए। इससे हम निराशा से बच सकते हैं।
अपनी सफलताओं को न भूले (Negative Thoughts)
माना कि आज आपको असफलताओं ने घेर लिया है लेकिन यह ना भूलें कि इससे पहले आप निरंतर सफल हो रहे थे। असफलता से हताश होने के बजाय आपको अपनी सफलता के कारणों के विषय में सोचना चाहिए ताकि आप अपनी असफलता से बचने का कारण खोज सकें।
अगर यह न कर सकें तो एक चींटी से सीख लें कि सफलता कैसे हासिल करते हैं। दाल का एक दाना वो किस तरह संघर्ष कर अपने ठिकाने तक पहुंचाती है।
जरा सोचिए कितनी बार उसके मुंह से वह दाना गिरता है, कितनी बार छूटता है लेकिन हार मानना उसकी फितरत में नहीं।
समस्याएं हर किसी के जीवन का हिस्सा हैं। कुछ लोग उन परेशानियों से डरकर अपने घरों में छुप कर बैठ जाते हैं या खुद को किसी काल कोठरी में कैद कर लेते हैं।
वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे व्यक्ति भी इसी दुनिया में पाए जाते हैं जो उन परेशानियों का डटकर मुकाबला करके उनसे कहीं ऊपर जा पहुंचते हैं।
यह बातें हम हवा में नहीं कर रहे बल्कि हम यहां एक ऐसे पक्षी का उदाहरण आपके सामने रखेगें जिसका नाम सुनकर आप भी विश्वास जरूर करेंगे।
हम बात कर रहे हैं “बाज़” की जिसने अपनी हिम्मत और साहस के बल पर पूरी दुनिया में अपना लोहा मनवाया हुआ है।
यही देख लीजिए कि जब बारिश होती है तो सारे पशु-पक्षी अपने घोंसलों और ठिकानों में जा छुपते हैं लेकिन बाज़ उससे डर कर छुपने की बजाय उसका सामना कर उस बरसते बादल से भी ऊपर जा पहुंचता है।
बारिश से खुद को बचाने के लिए कोशिश दोनों ही करते हैं लेकिन जहां बाकी सब घोंसलों में छुपकर खुद को बचाते हैं वहीं बाज़ अपनी साहस से बादलों के ऊपर पहुंच कर अपनी एक अलग पहचान बनाता है।
आप भी हार ना माने संघर्ष करते रहें। यकीन मानिए आप हर समस्या का समाधान पा लेंगे।
समय निरंतर आगे बढ़ता है (Negative Thoughts)
जीवन में कभी हम अपने अपनों को खो देते हैं। कभी हम अपने अपनों से धोखा खा जाते हैं तो कभी हमारा कीमती सरमाया खो जाता है जिससे हम टूटने लगते हैं, बिखर जाते हैं।
ऐसे समय में आपको धैर्य के साथ खड़े रहना है। समय निरंतर आगे बढ़ता रहता है लेकिन आप को मरहम लगाना नहीं भूलता। समय खुद तो आगे बढ़ता है पर आपके दु:खो को पीछे छोड़ जाता है।
दूसरों के लिए अच्छा करें (Negative Thoughts)
जब आप उदास हों कुछ अच्छा न लग रहा हो तो आपको चाहिए कि आप दूसरों में खुशियां बांटे। किसी को खाना खिला दें, किसी की पैसे से मदद कर दें या किसी भी तरह से किसी की मदद कर दें।
यह आप बिना पैसों के भी कर सकते हैं जैसे कि लोगों से हंसकर मिलना, दूसरों की छोटी-छोटी गलतियों को भुला देना, कोई अगर आपके लिए कोई छोटा या बड़ा काम करता है तो उसे धन्यवाद करना।
अपने अंदर से नकारात्मकता (Negative Thoughts) को दूर रखने और अपने जीवन में खुशहाली लाने का यह एक बहुत बेहतरीन, बिन पैसों का उपाय है।
किसी की भी तुलना खुद के साथ ना करें (Negative Thoughts)
यह दुनिया है यहाँ हर तरह के लोग रहते हैं। मेरा भाई एक अच्छा चित्रकार है पर मैं नहीं हूं। मेरा दोस्त एक कामयाब बिजनेसमैन है पर मैं गरीब हूं। लेकिन जो मैं हूं, जो मैं कर सकता हूं वह वो नहीं कर सकते क्योंकि सबकी सोच अलग है, काम करने का तरीका अलग है।
किसी को देख कर खुद को हीन भावना में ना डालें बल्कि अपनी खुशियों को अपनी खूबियों को खुद पहचानें। ईर्ष्या से बचें।
आजकल छोटे-छोटे बच्चों में ग्रेड की वजह से भी नकारात्मक भावनाएं (Negative Thoughts) जन्म ले रही हैं जिसकी वजह से हम बेहतरीन हुनर को कहीं ना कहीं भूल रहे हैं या खो रहे हैं।
ऐसे में माता पिता को उन्हें सपोर्ट करना चाहिए क्योंकि कम ग्रेड हमारे भविष्य को बर्बाद नहीं कर सकते।
बिहेवियरल थेरेपी या साइकोथेरेपी (Negative Thoughts)
जीवन तो उतार-चढ़ाव का ही नाम है परंतु कभी-कभी जब हम बार-बार असफल होते जाते हैं तो हम निराशा के अंधकार में गिरने लगते हैं।
ऐसे समय में हार न मानकर किसी अच्छे बिहेवियरल थेरेपिस्ट या साइकोथैरेपिस्ट से सलाह जरूर लें और खुद को अंधेरे कुएं से खींच कर बाहर निकालें, न कि उसमें गिर कर अपनी काबिलियत को भी खो बैठें।
इनसे भी सीखें (Negative Thoughts)
टोनी रॉबिंस एक मोटिवेशनल स्पीकर हैं जिन्हें उनके छोटे कद की वजह से बहुत सताया जाता था पर वे निराश नहीं हुए और आगे बढ़ते गए। एक दिन वह आया कि वे खुद दूसरों को निराशा के अंधकार से निकाल कर उनका जीवन संवारने लगे।
इसके अलावा आज हम आपको एक ऐसे जीवित व्यक्ति का उदाहरण देने जा रहे हैं जोकि विकलांग होकर भी न सिर्फ विकलांगों के लिए बल्कि स्वस्थ और सामान्य व्यक्तियों के लिए भी एक मिसाल बन चुके हैं।
जी हां हम बात कर रहे हैं दोनों हाथ और दोनों पैरों से विकलांग निक वुजिसिस की।
अपने आप पर गौर करिए, झिंझोड़िए और खुद से सवाल कीजिए कि क्या आप इस व्यक्ति से भी ज्यादा बेबस हैं?
इतना सब कुछ होने के बावजूद वह आज वे वो सब कुछ कर सकते हैं जो एक सामान्य व्यक्ति कर सकता है जैसे कि; तैराकी, फुटबॉल खेलना, ड्रम्स बजाना, स्केटिंग करना, गोल्फ खेलना आदि।
इतना ही नहीं बल्कि वह व्यक्ति आज दूसरों को जीने की कला सिखाने के लिए एक बेहतरीन मोटिवेशनल स्पीकर भी है।
Conclusion
कठिनाई और आसानी दोनों ही जीवन का हिस्सा हैं।
कठिनाइयां कोई बुरी चीज भी नहीं क्योंकि यह परेशानियां ही होती हैं जिसमें बाज़ की तरह अपॉर्चुनिटी ढूंढ कर हमें अपनी एक अलग पहचान बनाने का मौका मिलता है।
जीवन में ऐसे कई पड़ाव आते हैं जब हम भी नकारात्मक विचारों (Negative Thoughts) से घिर जाते हैं लेकिन हमें इन नकारात्मक विचारों (Negative Thoughts) को अपने अंदर घर बनाने नहीं देना है।
हमें हमेशा इन नकारात्मक विचारों (Negative Thoughts) से लड़ने के लिए हौसला तैयार रखना चाहिए। नकारात्मक विचार (Negative Thoughts) कितने भी ज़्यादा क्यों ना हों लेकिन वे सकारात्मक विचारों (Positive Thoughts) के आगे बिलकुल भी ठहर नहीं सकते।
इसलिए इन चीज़ो से घबराएँ नहीं। जीवन की विपरीत परिस्थितियों और असफलताओं से निराश नहीं होना है, हार नहीं मानना है, बल्कि खुद को यह याद दिलाते रहना है कि मैं कर सकता हूं, मैं कर सकता हूँ और मैं ज़रूर करूँगा।
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