नारायण सेवा संस्थान (एनएसएस) ने फेसबुक और यूट्यूब लाइव के माध्यम से दिव्यांग लोगों के लिए लाइव वेबिनार सत्र का आयोजन किया। यह वेबिनार खास तौर पर ऐसे लोगों के लिए रखा गया था, जो प्रोस्थेटिक फिटिंग की तैयारी कर रहे हैं। एनएसएस ने अब तक 13,762 निशुल्क कृत्रिम अंग और 3,51,397 कैलीपर ऐसे दिव्यांग लोगों को उपलब्ध कराए हैं जो अपने स्तर पर कृत्रिम अंग खरीदने के संसाधन नहीं जुटा पाते हैं।
लाइव वेबिनार का आयोजन सुबह 11.30 बजे और दोपहर 1.30 बजे किया गया था। वेबिनार के दौरान प्रोस्थेटिक फिटिंग के लिए सही और उपयुक्त तरीके से माप लेने के बारे में पूरी जानकारी दी गई। साथ ही कृत्रिम अंगों के काम करने के तरीके के बारे में भी जानकारी साझा की गई।
नारायण सेवा संस्थान अस्पताल के डॉ. मानस रंजन साहू ने कहा, ‘‘कृत्रिम अंगों को फिट करना सर्जरी की जटिल प्रक्रिया नहीं है, लेकिन इसे सही तरीके से किया जाना चाहिए ताकि लाभार्थी अपनी दिन-प्रतिदिन की जीवन शैली में अचानक आए शारीरिक बदलाव के साथ सहज महसूस कर सके। इस प्रक्रिया से जुड़े हुए अनेक सवाल हैं और इसमें बहुत बारीकियां हैं और सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि किसी दिव्यांग को एक प्रोस्थेटिक फिटिंग के लिए कैसे तैयार किया जाए। वेबिनार सत्र के दौरान ऐसे तमाम सवालों के जवाब दिए गए। इसमें प्रतिष्ठित प्रोस्थेटिक्स और आर्थोपेडिक विशेषज्ञ मौजूद थे।यही कारण है कि एनएसएस ने इस तरह की समस्याओं को देखते हुए संस्थान के प्रेसीडेंट प्रशांत अग्रवाल के मार्गदर्शन में इस अभियान की शुरुआत की।‘”
कुछ हफ्ते पहले नारायण सेवा संस्थान ने दिव्यांग लोगों के लिए विशेष लाइव स्वास्थ्य ‘परामर्श‘ सत्र का आयोजन भी किया था। इस सत्र के दौरान चिकित्सकों ने 10 मई से 14 मई तक, फेसबुक और यूट्यूब पर 1 घंटे के लिए रोजाना सुबह 10 बजे से लेकर अलग-अलग समय पर मुफ्त परामर्श प्रदान किया। ‘परामर्श‘ अभियान में लगभग 15 हजारों गैर-कोविड 19 रोगियों और दिव्यांग लोगों ने एड़ी के दर्द, संधिशोथ, हड्डियों का कमजोर हो जाना, जोड़ों का दर्द, पीठ के निचले हिस्से में दर्द, घुटने का दर्द और स्लिप डिस्क जैसी तकलीफों के बारे में प्रश्न पूछे। इन सत्रों को लेकर नारायण सेवा संस्थान का अनुभव बेहद सफल रहा, और इससे प्रेरित होकर ही संगठन ने कृत्रिम अंग फिट करने के लिए एक और वेबिनार आयोजित करने का फैसला किया।