Tuesday, December 3, 2024
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म्यूचल फंड निवेशकों के लिए 2020 हो सकता है खास। जानिए क्यों?

by Divyansh Raghuwanshi
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म्यूचल फंड निवेशकों के लिए यह वर्ष अच्छा साबित हो सकता है। 2020 के बजट में निवेशकों को कई चीजों में राहत मिलेगी। सरकार इस वर्ष के बजट में कुछ शर्ते लाकर लॉन्ग टर्म के प्लान के लिए कैपिटल गेन टैक्स की दर शून्य भी रख सकती है। इस विषय को लेकर लंबे समय से बात चल रही है। म्यूचल फंड इंडस्ट्री यह डिमांड करती है, कि उन्हें एलटीसीजी ( LTCG ) पर राहत मिले। यदि सरकार द्वारा यह नीति सही में लाई गई तो म्यूचल फंड इंडस्ट्री में काफी बढ़त देखने को मिलेगी।

what do mutual fund investors expect from budget 2020ऐसा कहा जा रहा है, कि सरकार एलटीसीजी में राहत देगी और इक्विटी, नॉन इक्विटी पर भी राहत देने की बात कर सकती है। सरकार ने इस का रोडमैप बना लिया है। एलटीसीजी टैक्स में 1 साल की सीमा 3 साल कर दी जाएगी। ऐसा भी किया जा सकता है, कि 1 वर्ष में 15 फ़ीसदी एलटीसीजी कर दिया जाए। वही 1 से 3 वर्ष में 10 फ़ीसदी रखा जाए।सरकार एक लाख तक इनकम टैक्स की छूट भी दे सकती है। ऐसा भी मानना है, कि बजट में 3 साल से ज्यादा अवधि के लिए एलटीसीजी नहीं लगने का प्रावधान बनाया जा सकता है।

आ सकती है टैक्स छूट वाली स्कीम

सरकार का बजट 1 फरवरी को पेश होना है। इसमें म्यूचल फंड के लिए नई स्कीमें भी आ सकती हैं। ऐसा माना जा रहा है, कि निर्मला सीतारमण बजट में लो कास्ट डेट लिक्विड सेविंग स्कीम को सामने ला सकती हैं। इसके तहत 80 सी सेक्शन, इनकम टैक्स के एक्ट में छूट मिल सकती है। एसोसिएशन ऑफ म्यूच्यूअल फंड इस विषय में कई बार सरकार को प्रपोजल भेजती है। इस विषय को फिर से सामने लाने का आग्रह किया गया।वर्तमान के समय में भारतीय बाजार में ईएलएसएस (ELSS)अर्थात इक्विटी लिक्विड सेविंग स्कीम मौजूद है। यदि इस फंड की तरह अन्य डेट फंडों में मंजूरी मिल जाए तो इस मार्केट को काफी मजबूती प्रदान होगी।

इन विषयों में भी हो सकती है राहत

सरकार को यह भी मांग की जा रही है, कि कमोडिटी ईटीएफ और गोल्ड में भी होल्डिंग 1 साल कर दी जाए। वर्तमान के समय में 3 साल होल्डिंग है। इस वजह से एलटीसीजी टैक्स में लाभ होने की संभावना है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचल फंड ने एनपीएस ईपीएफओ और इंश्योरेंस कंपनी कि निवेश में डिविडेंड डिसटीब्यूशन टैक्स से छूट देने की बात की है। सरकार को कई बार यह प्रपोजल मिल चुके हैं। इस बार संभावना है, कि सरकार इस पर विशेष ध्यान दे सकती है।

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