आज के दौर में जंहा टेक्नोलॉजी इतनी तेजी से आगे बढ रही है वंही कुछ ऐसी मान्यताएं भी हैं जो लोगो को गहरी सोच में डाल देती हैं। आज हम आपके सामने एक ऐसी ही अजीबो-गरीब खबर लेकर आएं हैं। आपने अक्सर गर्भवती मिहलाओं को देखा होगा जो यह जानना चाहती हैं कि उनकी कोख में पल रहा बच्चा लड़का है या लड़की। लेकिन गर्भ में पल रहे बच्चे के बारे में पता करना एक कानूनी अपराध है। अस्पतालो में यह सोनोग्राफी तकनीक से पता चलता है कि महिला के गर्भ में लड़़का है या लड़की। लेकिन अगर आप सच में गर्भ में पल रहे बच्चे के बारे में पता लगाना चाहते हैं तो आपको झारखंड में जा कर सिर्फ पत्थर फेंक कर भी यह पता कर सकते हैं।
पत्थर फेंकने से पता चलता है
झारखंड के लोहरदगा स्थित खुखरा गांव में ऐक ऐसी पहाड़ी है जंहा गर्भ में पल रहे नवजात के लड़का या लड़की होने का पता चल जाता है। इस पहाड़ पर चांद की एक आकृति बनी हुई है, जिससे नवजात शिशु के लिंग के बारे में पता चलता है। अगर कोई महिला अपने गर्भ में पल रहे बच्चे के बारे में जानना चाहती है तो उसे कुछ दूरी पर खड़े होकर एक पत्थर इस चा्ंद की आकृति की ओर फेकना होता है, जिसके बाद ही पता चलता है कि गर्भ में पल रहा बच्चा लड़का है या लड़की।
इसके बाद अगर फेंका हुआ पत्थर चांद की आकृति के भीतर लगता है तो माना जाता है कि लड़का पैदा होगा और अगर उसके बाहर पत्थर लगे तो लडकी पैदा होगी।
लगनी चाहिए रोक
वैसे इन बातों में कितनी सच्चाई है यह तो हम नहीं जानते लेकिन इस तरह की किसी भी तरकीब या चैक अप पर रोक लगनी ही चाहिए, क्याोंकि ऐसे न जाने कितने ही मामले सामने आते हैं जिनमें यह चेक अप भ्रूंण हत्या का कारण बन जाते हैं। भारतीय कानून के अनूसार अब भ्रूंण हत्या या सोनोग्राफी द्वारा लिंग जांच के दोषी पाए जाने पर सख्त से सख्त सजा दी जाती है।