आज हम बात करेंगे विश्व भर में दूषित वायु के लिए प्रचलित शहरों के बारे में जो वायु को प्रदूषित करने वाले कारकों को सबसे अधिक उत्पन्न करते हैं। इन शहरों का प्रदूषण लेवल इतना अधिक बढ़ता जा रहा है, कि लोगों के लिए यह जानलेवा साबित हो रहा है। अगर कुछ वर्षों तक यह ऐसे ही बढ़ता गया तो स्थिति इतनी भयानक हो सकती है, कि लोगों को स्वच्छ ऑक्सीजन खरीदनी पड़ेगी और वायु से होने वाली विभिन्न प्रकार की जटिल बीमारियों से गुजरना पड़ेगा। इससे पृथ्वी पर अकाल मच जाएगा। आप जानकर यह हैरान हो जाएंगे कि भारत देश वायु प्रदूषित लेवल में तृतीय स्थान पर आता हैं। आज हम जानेंगे कि विश्व में कौन-कौन से शहर दूषित वायु से सबसे अधिक प्रदूषित है-
#1 गुड़गांव
#2 गाजियाबाद
#3 फरीदाबाद
#4 दिल्ली
#5 बीजिंग
#6 ढाका
#7 काबुल
#8 अबुधाबी
#9 काठमांडु
#10 जकार्ता
यह शहर बुरी तरह दूषित वायु से ग्रसित है। इसके अलावा भी अन्य शहर भी हैं जिनकी स्थिति भी खतरे के निशान से ऊपर है।
वायु का दुष्प्रभाव-
विश्वभर से आई एक रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 70 लाख लोगों की मौत वायु प्रदूषण के कारण हो जाती है। वायु प्रदूषण का प्रभाव केवल मानव को ही नहीं झेलना पड़ता है बल्कि मानवों के कारण पशु-पक्षियों को भी झेलना पड़ता है। लाखों की संख्या में दुनिया में पशु-पक्षियों की भी वायु प्रदूषण के कारण मौत हो जाती है। मानव अपनी इच्छाओं की पूर्ति करने के लिए विभिन्न ऐसे कार्य कर बैठता है जिससे वायु अधिक मात्रा में प्रदूषित हो जाती है।
विभिन्न कारणों से वायु प्रदूषित होती है जैसे-पेट्रोल-डीजल से चलित सभी प्रकार के वाहनों से, औद्योगिक फैक्ट्रियों से, लकड़ियों के जलाने से इत्यादि तरीके से वायु प्रदूषित होता है।
वनों की निरंतर कटाई से वृक्षों की संख्या साल दर साल कम होती जा रही है। इस कारण से कार्बन डाइऑक्साइड की वातावरण में मात्रा बढ़ गई है और ऑक्सीजन की मात्रा घट गई है। फलस्वरुप लोगों को स्वच्छ ऑक्सीजन कम मात्रा में मिल रही है जिसके कारण विभिन्न प्रकार की बीमारियां जन्म ले रही हैं। वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियां जैसे-अस्थमा, ब्रोंकाइटिस,फेफड़ों, हृदय रोग इत्यादि हो जाती हैं।
वायु प्रदूषण से बचाव
वायु प्रदूषण से बचने का सबसे अच्छा तरीका यह है, कि वृक्षों की कटाई कम करें व वृक्षारोपण को बढ़ावा दे जिससे हमारे वातावरण में उपलब्ध कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा कम होगी व ऑक्सीजन की मात्रा में वृद्धि होगी। इससे हमारे शरीर को भरपूर ऑक्सीजन की उपलब्धता हो पाएगी। इसके अलावा अधिक प्रदूषण करने वाली फैक्ट्रियों को कम करना चाहिए। डीजल-पेट्रोल से चलित वाहनों की जगह इलेक्ट्रिक वाहनों को उपयोग में लाना चाहिए क्योंकि इलेक्ट्रिक वाहन तनिक भी वायु को प्रदूषित नहीं करते हैं। डीजल-पेट्रोल के वाहन के मुकाबले इलेक्ट्रिक वाहन काफी कम मेंटेनेंस वाले भी होते हैं। वायु प्रदूषण को रोकने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाए जाने चाहिए जिससे लोग जागरूक हो सके और लोग वायु को प्रदूषित करने वाले कारकों का उपयोग न करें।
वायु मनुष्य के शरीर के लिए बहुत ही आवश्यक तत्व है। इसके बिना मानव एक क्षण से ज्यादा नहीं जी सकता है इसलिए हमें इस तत्व को हमेशा सुरक्षित रखना होगा। इसके बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है।