ऐसा माना जा रहा है, कि कोरोनावायरस काल या जुलाई से सितंबर के बीच 5 सेक्टर देश मे ज्यादा नौकरियां देने वाले हैं। इन 5 सेक्टरों में रियल एस्टेट, कंस्ट्रक्शन, फाइनेंस, इंश्योरेंस और माइनिंग शामिल है। यह दावा एक सर्वेक्षण में किया गया था। इस सर्वे को न्यूयॉर्क के मैनपावरग्रुप ने किया है। 650 बड़े उपभोक्ताओं से बात करने के बाद यह सर्वे किया गया।
ग्रुप की ओर से बताया गया की नियुक्तियों के मामले में काफी अच्छे ट्रेंड में भारत शामिल हो चुका है। उन्होंने बताया कि दुनिया की सबसे ज्यादा नियुक्तियां दिखाने वाले 44 देशों में भारत टॉप 4 में है। इसमें यह दावा किया गया कि उत्तर और दक्षिण के राज्यों में नियुक्तियां ज्यादा होने की संभावना है। इनकी बजाए पश्चिम और पूर्वी हिस्से में कम नियुक्तियां होंगी।
मैनपावरग्रुप इंडिया के निर्देशक संदीप गुलाटी कहते हैं, की भारत में वर्कफोर्स को खोलना संकट में उसके अनुरूप बनाया जा रहा है। यह वेट एंड वॉच जैसी स्थिति कह सकते हैं। यह तैयारी बाद की की जा रही है जब एकदम से मांग बढ़ेगी।
मैन्युफैक्चरिंग, सर्विस में नरमी
2 सेक्टर जैसे सर्विस एंड मैन्युफैक्चरिंग में नौकरियों में नरमी रह सकती है। इन सेक्टर में थोड़ी समाज संभल की नियुक्तियां हो सकती हैं। ऐसा कहा गया कि लॉकडाउन में सबसे ज्यादा रिटेल प्रभावित रहे हैं। 88 पीस दिन नियोक्ताओं की माने तो उनका बिज़नेस काफी प्रभावित हो चुका है।
क्या है कारण
माइनिंग सेक्टर
सरकार ने कुछ ही समय पहले सरकारी एकाधिकार को कोयले से खत्म कर दिया है। इससे माइनिंग में बढ़त होने की काफी उम्मीदें की जा रही है। कई माइनिंग गतिविधियों में अधिक बढ़त देखी जा सकती है।
रियल स्टेट
सरकार ने घोषणा की है जिसके बाद रेरा के डेवलपर ने कंप्लीशन की मोहलत छह माह तक अधिक कर दी। उन्हें डेडलाइन तक काम पूरा करने के लिए जल्दी काम शुरू करना होगा।
कंस्ट्रक्शन
कुरान की वजह से बहुत सारी परियोजनाएं रुक गई है जिन पर। इनका काम फिर से शुरू होगा।
फाइनेंस
कारोबारी गतिविधियां जैसे ही शुरू हो चुकी हैं अब लोन लेने और अन्य कई प्रकार के फाइनेंस के काम में बढ़ोतरी देखी जाने वाली है।
इंश्योरेंस
कोरोना के काल में इंश्योरेंस कई लोग लेने लगे हैं। आने वाले समय में ही है और भी बढ़ने वाला है।
लॉकडाउन में पहली बार अरबपति के क्लब में शामिल दो भारतीय
दुनिया में जहां कोरोना के कारण लोगों को आर्थिक दिक्कतें हो रही हैं। वहीं अधिकतर कंपनियों को नुकसान हुआ है। इसके बाद भी कुछ लोग ऐसे हैं, जो पहली बार अरबपति की सूची में शामिल हुए। इसमें सबसे पहले आते हैं अरुण भारत राम। फोर्ब्स की लिस्ट माने तो कंपनी के नेटवर्क एक दिशा में एक अरब डॉलर हो चुकी है। यह 16 कंपनियों के मुखिया हैं। श्री राम ग्रुप ऑफ़ कंपनीज एक केमिकल कंपनी है।
दूसरी और डॉ अरविंद लाल की कंपनी डॉ लाल पैथ लैब्स के शेयर में भी 14% की ग्रोथ हुई है। कोरोना के लिए प्राइवेट लैब्स को भी अनुमति मिली जिससे डॉ लाल पैथ लैब्स के शेयरों में काफी उछाल देखा गया। फोर्ब्स की ताजा सूची आई है जिसमें देखा गया कि अरविंद लाल की संपत्ति 1 मिलियन डॉलर से ज्यादा हो चुकी है।