फल और साब्जियां तो हम रोज खाते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि किन चीजों के खाने से हमारा दिमाग तेज होता है? यहां हम आपको इनके गुणों से अवगत कराते हैं.
दिमाग को शरीर में होने वाली तमाम गतिविधियों के साथ साथ दुनिया में किये जाने वाले अनगिनत मुश्किल कामों का हिसाब भी रखना पड़ता है. ऐसी परिस्थितियों में याददाश्त बढ़ाने की जरुरत होती है, कुछ फल और सब्जियों में ऐसे गुण पाये जाते हैं जो कि हमारे दिमाग को तंदरुस्त बना सकते हैं.
विज्ञान के मुताबिक उम्र बढ़ने के साथ दिमाग सिकुड़ता जाता है और दिमाग की कोशिकाएं नष्ट होती जाती हैं। इसका असर हमारे सीखने और याददाश्त पर पड़ता है। ऐसे में भूमध्यसागरीय आहार का सेवन करने से लाभ मिलता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि ये आहार अधेड़ उम्र के लोगों के दिमाग का आयतन बढ़ाने में काफी मदद करते हैं।
क्या है भूमध्यसागरीय आहार
भूमध्यसागरीय आहार में सेम और आनाज जैसे गेहूं, चावल, मछली, दुग्ध उत्पाद, तय मात्रा में लाल मांस और पोल्ट्री भी शामिल हैं। अगर हम खाने में इन्हें लें तो याददाश्त बढ़ जाती है.
अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 967 स्काटिश लोगों के खाने की आदतों का संग्रह किया। इनकी आयु करीब 70 साल रही और इन्हें डिमेंशिया नहीं थी। निष्कर्षों से पता चला कि भूमध्यसागरीय आहार का सही से पालन नहीं करने वालों में तीन साल बाद दिमाग के कुल आयतन में ज्यादा नुकसान देखने को मिला। यह नुकसान आहार का पालन करने वालों की तुलना में तीन गुना ज्यादा था।
शोधकर्ताओं ने कहा कि, ग्रे मैटर के आयतन या कॉर्टिकल की मोटाई में और भूमध्यसागरीय आहार में कोई संबंध नहीं पाया गया। ग्रे मैटर दिमाग की बाहरी परत है। शोध का प्रकाशन ऑनलाइन पत्रिका न्यूरोलॉजी में किया गया है।
इसके अलावा कुछ और भी ऐसे तरीके हैं जिन्हें अपना कर दिमाग का आयतन बढाया जा सकता है-
अखरोट के सेवन से
अगर मेवों में देखा जाये तो अखरोट ही ऐसा नट है जिसमें दिमागी शक्ति बढ़ाने वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड सबसे अधिक मात्रा में पाए जाते हैं. ओमेगा-3 के कारण मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमिशन यानि कोशिकाओं के बीच सूचनाओं का आदान प्रदान बेहतर होता है यानि दिमाग तेज काम करता है.
सालमन मछली के सेवन से
देखा जाये तो इंसान के मस्तिष्क का करीब 60 फीसदी हिस्सा फैट से बना है. इसका मतलब यह हुआ कि दिमाग को ठीक से काम करने के लिए हमें लगातार फैटी एसिड की जरूरत पड़ती है. सालमन मछली ओमेगा-3 फैटी एसिड और डोकोसाहेक्सिनॉइक एसिड (डीएचए) का एक बेहद समृद्ध स्रोत है, जो एल्जाइमर्स से भी बचाता है.
ग्रीन टी पी कर
आमतौर हरकोई ग्रीन टी का इस्तेमाल करता है. बता दें कि स्विट्जरलैंड की बाजेल यूनिवर्सिटी में हुए एक रिसर्च में पाया गया कि ग्रीन टी से दिमाग को कई फायदे पहुंचते हैं. इससे मस्तिष्क की गतिविधियों को बेहतर बनाने, डिमेंशिया और पार्किंसन्स को दूर रखने और याददाश्त को दुरुस्त रखने में भी मदद मिलती है.
ब्लूबेरी
ब्लूबेरी फलों में भी फ्लैविनॉयड पाए जाते हैं जो दिमाग को तेज बनाते हैं. इससे याददाश्त और चीजों को पहचानने की शक्ति बढ़ती है और दिमाग को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल घटते हैं. फ्री रेडिकल दिमाग के ऊतकों को नष्ट करते हैं और याददाश्त खत्म करने में अहम भूमिका निभाते हैं.
पालक
पालक में पोटैशियम की मात्रा सर्वाधिक होती है. इससे दिमागी कोशिकाओं में आपसी संपर्क बेहतर होता है, साथ ही सोचने-समझने और याद रखने की शक्ति भी बढती है. पालक में एंटीऑक्सीडेंट्स के अलावा मैग्नीशियम, फोलेट, विटामिन ई प्रचुर मात्रा में होते हैं जो डिमेंशिया से बचाते हैं।