मायावती ने मंगलवार को राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया. वे सदन में अपनी बात रखने का मौका नहीं मिल पाने से नाराज थीं.
उन्होंने कहा था- ”अगर मैं सदन में दलितों के हितों की बात नहीं उठा सकती तो मेरे राज्यसभा में रहने पर लानत है. मैं अपने समाज की रक्षा नहीं कर पा रही हूं. अगर मुझे अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया जा रहा है तो मुझे सदन में रहने का अधिकार नहीं है. मैं सदन की सदस्यता से आज ही इस्तीफा दे रही हूं.’’
इसके बाद मायावती राज्यसभा से बाहर चली गईं. उनके सपोर्ट में कांग्रेस और तृणमूल सांसदों ने भी वॉकआउट कर दिया. दरअसल, मायावती को तीन मिनट का वक्त मिला था. उन्होंने सात मिनट लिए. इसके बाद उनकी उपसभापति से बहस हुई.
जाने मायावती के बारे में…
1956: मायावती का जन्म दिल्ली में हुआ.
1977: शिक्षिका के रूप में करियर की शुरुआत.
1984 : जब कांशीराम ने बहुजन समाज पार्टी बनाई तो उन्होंने मायावती को अपनी टीम का कोर मेंबर बनाया. इसके बाद मायावती ने पीछे मुड़कर नहीं देखा.
1984 : वह बिजनौर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुनी गईं.
1989: लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने 13 सीटों पर जीत हासिल की.
1994 : राज्यसभा में उनकी पहली बार एंट्री हुई.
2 जून 1995 : यह वो दिन है जिसे मायावती कभी भूल नही सकती. इस दिन ही इनके साथ गेस्टहाउस कांड हुआ था.
1995: उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री के रूप में चुनी गई.
1997: दोबारा मुख्यमंत्री के रूप में चुनी गई.
2001: कांशी राम की उत्तराधिकारी घोषित की गई.
2002: एक बार फ़िर उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी.
2007: चौथी बार उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नियुक्त हुयीं. 206 सीट से जीत मिली.
2014 : लोकसभा चुनाव में मायवती को भारी हार मिली.
2017 : बहुजन समाज पार्टी को 403 में से सिर्फ 19 सीट मिली हैं.