हर इंसान की ज़िंदगी का एक महत्वपूर्ण पल शादी (Marriage) है। शादी एक ऐसा पड़ाव है जहाँ पर दो इंसान ज़िम्मेदारियों और परंपराओं की ओर एक क़दम बढ़ाते हैं। वैसे भी हमारे समाज में शादी को दो आत्माओं और दो परिवारों का मिलन कहा गया है। ये बात वास्तव में सच है कि शादी ख़ुशियों की तरफ़ ले जाने वाला एक महत्वपूर्ण पड़ाव है लेकिन शादी से पहले ऐसी बहुत सी तैयारियां करनी ज़रूरी होती हैं जिनकी वजह से शादी करने वाले लोग एक बेहतर ज़िंदगी गुज़ार सकें।
शादी करके दो आत्माएँ जन्मों जन्मों के लिए एक हो जाती हैं इसलिए शादी की तैयारी को इस प्रकार करना ज़रूरी है कि छोटी सी छोटी बात को अनदेखा न किया जाए। हमारे समाज में ऐसे अनेको लोग हैं जो शादी करने के बाद दुख से भरा जीवन व्यतीत कर रहे हैं। वास्तव में शादी के असफल होने का सबसे बड़ा कारण शादी से पहले उन तमाम चीज़ों को अनदेखा करना है जिन पर ध्यान देना वास्तव में ज़रूरी हो। शादी के मामले में हर पहलू पर ग़ौर करना आवश्यक है। आज के अपने इस लेख में हम उन 10 बातों की चर्चा करेंगे जिन पर शादी से पहले चर्चा करना बेहद ज़रूरी है।
1. दबाव इत्यादि के बारे में जानें
किसी से भी शादी करने से पहले यह बात सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि यह शादी उस इंसान और उसके परिवार की मर्ज़ी से हो रही है। शादी के मामले में दोनों पक्षों की सहमति के बारे में जानना अनिवार्य है। लड़का और लड़की को भी चाहिए कि वे एक दूसरे से इस बात पर खुलकर चर्चा करें कि वे इस शादी के लिए अपनी सहमति दे रहे हैं या उन पर किसी तरह का कोई दबाव बनाया जा रहा है।
वैसे तो हमारे समाज में पुराने ख़याल के लोग यह बात सही नहीं मानते हैं कि शादी से पहले लड़का लड़की एक दूसरे से बात करें लेकिन ऐसी दक़ियानूसी बातों को मान कर इस अहम बात पर चर्चा करना बिलकुल न भूलें। याद रखें यदि शादी बिना मर्ज़ी के होती है तो यह न सिर्फ़ दो इंसानों की ज़िंदगी को बरबाद करती है बल्कि दोनों परिवारों से जुड़े हुए तमाम लोग भी इससे प्रभावित होते हैं।
2. एक दूसरे के अतीत से समस्या
शादी से पहले लड़का और लड़की का एक दूसरे से मिलना और उन्हें समझना बेहद ज़रूरी है। शादी से पहले बातचीत करना ग़लत नहीं है बल्कि इससे दो शादी करने वाले लोग एक दूसरे को बेहतर तरीक़े से जानने में सक्षम हो पाते हैं। शादी करने जा रहे दोनों लोगों को इस बात की ख़बर होनी चाहिए कि उनका अतीत कैसा रहा है। एक दूसरे के अतीत पर खुलकर चर्चा करें और अगर उनसे अतीत में कोई भूल हुई है तो उसको बताने में झिझक महसूस न करें।
यह बात वास्तव में ज़रूरी है कि अतीत के बारे में चर्चा हो क्योंकि कल यदि किसी तीसरे इंसान से अतीत का कोई क़िस्सा सामने आता है तो इससे शादी टूटने में एक पल नहीं लगता है। बेहतर है चीज़ों को छिपाने के बजाय चीज़ों पर चर्चा की जाए और इस बात के निष्कर्ष तक पहुँचा जाए कि अतीत के किसी पल से, होने वाले पार्टनर को कोई समस्या नहीं है।
3. एक दूसरे की भावनाओं को समझना
शादी के बाद ज़िंदगी अच्छी गुज़रे इसके लिए ज़रूरी है कि शादी से पहले ही एक दूसरे के बारे में जानना शुरू किया जाए। जब शादी करने वाले लोग एक दूसरे को समझने की कोशिश करते हैं और वे इस बात का ध्यान रखते हैं कि दूसरे की भावनाएँ किस प्रकार की हैं तो ऐसे में उन्हें यह पता चलता है कि शादी के बाद की ज़िंदगी कैसी होने वाली है।
इसके अलावा एक दूसरे की भावनाओं को जानना इसलिए भी ज़रूरी है ताकि इस बात का अंदाज़ा लगाया जा सके कि होने वाला पार्टनर किस मिज़ाज़ का है। हो सकता है कि वह अत्यधिक ग़ुस्सैल हो और अगला बेहद शांत! ऐसे में हो सकता है कि दोनों की केमिस्ट्री सही ना बैठै। शादी से पहले इन सब बातों के पता चल जाने से इस बात के निष्कर्ष तक पहुँचा जा सकता है कि शादी आगे चलकर सफल होगी या नहीं। इससे लोगों को शादी के बारे में फ़ैसला लेने में काफ़ी मदद मिल जाती है।
4. आर्थिक स्थिति
जब दो परिवार शादी की बात करते हैं तो ऐसे में सबसे बड़ी चर्चा आर्थिक स्थिति के बारे में होती है। आर्थिक स्थिति एक ऐसी चीज़ है जिस पर चर्चा होना वास्तव में ज़रूरी भी है। इसके लिए न सिर्फ़ परिवार वालों को चिंता करनी चाहिए बल्कि शादी करने जा रहे उन दो लोगों को भी इस पर विचार करना चाहिए।
लड़कियों के लिए ये बेहद ज़रूरी है कि वे इस बात को जानने की कोशिश करें कि उनकी शादी जिससे होने जा रही है वह आर्थिक स्थिति में कैसा है। ना सिर्फ़ लड़कियों बल्कि लड़को को भी इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि शादी करने से पहले वे अपनी आर्थिक स्थिति पर विचार करें क्योंकि शादी के बाद लड़के पर लड़की की ज़िम्मेदारी भी आ जाती है। इसके बाद कुछ ही दिनों बाद जब बच्चे होते हैं तो ऐसे में उनका ख़र्च और बढ़ जाता है। बेहतर है शादी से पहले इन सारी चीज़ों पर चर्चा हो जाए।
5. पसंद नापसंद पर चर्चा
सिर्फ़ शादी के बाद अपने पार्टनर की पसंद नापसंद का ख़याल रखना ही सफल शादी का मंत्र नहीं है बल्कि इसके लिए ज़रूरी है कि पार्टनर्स शादी से पहले भी एक दूसरे की पसंद नापसंद को जानने की कोशिश करें। यह एक ज़रूरी चीज है क्योंकि यह अंदाज़ा देती है कि आगे चलकर दो लोगों की ज़िंदगी आपस में कैसे गुज़रेगी।
हालाँकि पसंद नापसंद के मामले में पार्टनर समझौता भी कर सकते हैं या आपसी सलाह भी लेकिन शादी के बाद समझौता करना एक मजबूरी है। बेहतर है शादी से पहले पसंद नापसंद की चर्चा रखी जाए। अगर पार्टनर की कोई ऐसी आदत है जिससे दूसरे पार्टनर को कोई दिक़्क़त हो तो ऐसे में बीच का रास्ता उसी वक़्त निकालना चाहिए। अगर कोई अच्छा रास्ता निकल रहा है तो ठीक वरना तो उस पार्टनर से शादी का ख़याल दिल से निकाल देना चाहिए।
6. लोगों से मेल जोल
ना सिर्फ़ शादी के बाद बल्कि शादी से पहले भी दो परिवारों का आपस में मिलना ज़रूरी है। जब शादी के बाद दो परिवार एक हो जाते हैं तो ऐसे में वे एक दूसरे के ट्रेडिशंस को भी अपनाना शुरू कर देते हैं। कभी कभी इस चीज़ से परिवारों को दिक़्क़त भी होती है क्योंकि अचानक से किसी नई बात को अपनाना मुश्किल होता है। ऐसे में इसकी शुरुआत शादी से पहले हो जाए तो काफ़ी आसान रहता है।
7. मेडिकल रिपोर्ट
वैसे तो हमारे समाज में शादी से पहले लड़का लड़की की कुण्डली देखी जाती है लेकिन असल में कुंडली देखने से ज़्यादा ज़रूरी मेडिकल रिपोर्ट्स देखना होता है। शादी से पहले लड़का लड़की को एक दूसरे की मेडिकल रिपोर्ट्स देखना चाहिए। इससे एक सफल दाम्पत्य की शुरुआत करने में सहायता मिलती है।
8. सेक्शुअल एक्टिविटी में दिलचस्पी
सफल दांपत्य का आधार सेक्स होता है। शादी के बाद पति पत्नी अपनी भावनाओं को एक दूसरे के लिए कैसे प्रकट करते हैं और वे किस तरह सेक्शुअल एक्टिविटी में भाग लेते हैं यह उन पर निर्भर करता है लेकिन दोनों पार्टनर्स का सेक्शुअल एक्टिविटी में बराबर हिस्सेदारी रखना वास्तव में सफल शादी के लिए ज़रूरी है।
शादी से पहले भी पार्टनर्स को समय समय पर सेक्शुअल एक्टिविटी पर छोटी छोटी चर्चाएँ करना चाहिए। इससे उन्हें इस बात का अंदाज़ा होगा कि पार्टनर सेक्शुअल कंटेंट को लेकर कितना सजग है। इससे ना सिर्फ़ सफल शादी को ही एक राह मिलती है बल्कि सफल सेक्स से स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।
9. फ़ैमिली प्लानिंग
फ़ैमिली प्लानिंग पति पत्नी का आपस का एक निजी मामला होता है और इसमें परिवार वालों की दख़लंदाज़ी सही नहीं है लेकिन हमारे समाज में यह देखा जाता है कि शादी के दूसरे दिन से ही परिवार वाले लड़का और लड़की पर बच्चे पैदा करने के लिए ज़ोर देने लगते हैं।
ये बात हमारे बड़े बुज़ुर्गों को समझनी चाहिए कि फ़ैमिली प्लानिंग के लिए लड़का और लड़की का तैयार होना बेहद ज़रूरी है। शादी के तुरंत बाद फ़ैमिली प्लानिंग के बारे में सोचना थोड़ा मुश्किल सा लगता है तो बेहतर है शादी से पहले फ़ैमिली प्लानिंग पर छोटी छोटी चर्चाएँ लड़का और लड़की आपस में करने की कोशिश करें। इससे उन्हें शादी तक का टाइम मिल जाता है और वे अपनी आर्थिक और दूसरी ज़रूरतों के तहत एक दूसरे से यह डिसकस कर लेते हैं कि शादी के बाद उन्हें कितने बच्चे पैदा करने चाहिए।
10. क्रिमिनल रिकॉर्ड
शादी दो परिवारों का मिलन है और शादी के बाद दो परिवारों की खुशियां एक दूसरे पर निर्भर हो जाती हैं। ऐसे में किसी एक परिवार के द्वारा किया गया कोई भी ग़लत काम दूसरे परिवार की खुशियों को छीन लेता है। शादी करने जा रहे दो परिवारों को एक दूसरे के बारे में यह ज़रूर देख लेना चाहिए कि कहीं उनका कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड तो नहीं है। अगर परिवार के किसी भी सदस्य का कोई भी क्रिमिनल रिकॉर्ड हो तो ऐसे में शादी से किनारा कसना ही बेहतर होगा।