किसी भी परिवार के लिए शादी जितना सुखमय पल है तलाक़ (Divorce) उतना ही दर्दनाक और निराशाजनक। हमारे समाज में शादी दो परिवारों का मिलन होता है ठीक उसी तरह तलाक़ (Divorce) दो परिवारों की निराशा का सबब बनता है। आज हम देखते हैं कि किस प्रकार गृह क्लेश होने के बाद नौबत तलाक़ (Divorce) तक पहुँच जाती है।
पहले ज़माने में भी लोग शादियाँ करते थे लेकिन तलाक़ (Divorce) के जो आंकड़े आज हमारे सामने आते हैं इस तरह के आंकड़े पहले नहीं देखे जाते थे।
आख़िर वे कौन सी वजहें हैं जिनके कारण शादी टूटकर तलाक़ (Divorce) तक पहुँच जाती है। यक़ीन मानिए ये एक ऐसा टॉपिक है जिस पर चर्चा होना अनिवार्य है। आज के अपने इस लेख में हम तलाक़ (Divorce) के कुछ महत्वपूर्ण कारणों पर चर्चा करेंगे।
1. मैरिज का प्रकार (Divorce)
जिन लोगों का मानना है कि लव मैरिज में अरेंज मैरिज से ज़्यादा या अरेंज मैरिज में लव मैरिज से ज़्यादा तलाक़ (Divorce) होते हैं तो हम उन्हें बता दें कि तलाक़ (Divorce) का आंकड़ा इस बेसिस पर काउंट नहीं किया जा सकता। शादी चाहें अरेंज हो या लव, दोनों में ही तलाक़ (Divorce) देखने को मिलते हैं। तलाक़ (Divorce) का होना इस बात पर डिपेंड करता है कि चीज़ों को कितनी सच्चाई पर रखकर शादी की गई है। शादी चाहे अरेंज हो या लव दोनों ही सूरतों में परिवार तथा पार्टनर्स के बीच की अंडरस्टैंडिंग मैटर करती है।
2. धोखा (Divorce)
धोखे का मतलब सिर्फ़ प्यार में धोखा नहीं बल्कि शादी में धोखे का मतलब दो परिवारों के बीच का मामला होता है। जब दो परिवार शादी की बात करते हैं तो ऐसे में उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि वे किसी भी प्रकार के झूठ का सहारा लेकर ये रिश्ता तय ना करें।
शादी की बुनियाद सच्चाई पर रखनी चाहिए तथा जो बात नहीं है उसे नहीं कहना चाहिए। यदि शादी से पहले दो परिवार झूठ बोलकर किसी तरह रिश्ता करवा देते हैं तो शादी के बाद इसका खामियाजा पार्टनर्स को भुगतना पड़ता है और नौबत तलाक़ (Divorce) तक पहुँच सकती है।
3. घर वालों में क्लेश -Divorce
शादी के बाद न सिर्फ़ एक लड़की को अपने ससुराल में एडजस्ट करना चाहिए बल्कि ससुराल वालों को भी उसे एडजस्ट होने का मौक़ा देना चाहिए और स्वयं भी कुछ चीज़ें एक्सेप्ट करनी चाहिए।
कई बार ऐसा होता है कि लड़की अपने माहौल से निकलकर एक नए माहौल में जाती है तो उसे एडजस्टमेंट में टाइम लगता है। इस बात को ससुराल वालों को समझना चाहिए और उसे एडजस्ट होने का मौक़ा और टाइम देना चाहिए। यदि इस बात को लेकर घर में क्लेश उत्पन्न होना शुरू हो जाता है तो ऐसे में नौबत तलाक़ (Divorce) तक पहुँचने में ज़्यादा देर नहीं लगती।
4. Sex (Divorce)
जैसा कि हम जानते हैं कि शादी का आधार सेक्स है। जब पति पत्नी किसी भी कारणवश सेक्स करना बंद कर देते हैं ऐसे में उनके बीच दूरियां उत्पन्न होनना शुरू हो जाती है। सेक्स ना सिर्फ़ शारीरिक जुड़ाव है बल्कि यह मानसिक जुड़ाव भी है। ये पति पत्नी को एक दूसरे के नज़दीक लाने का एक ज़रिया है और जब शादी के बाद सेक्स कम हो जाता है तो ऐसे में बात बिगड़ सकती है।
रिसर्च में इस बात का ख़ुलासा हुआ है कि ऐसे कई मामले हैं जिनमें तलाक़ (Divorce) का कारण सिर्फ़ और सिर्फ़ सेक्स का न होना है।
5. बॉडी शेमिंग
शादी वैसे तो दो आत्माओं का मिलन है लेकिन जब पार्टनर्स एक दूसरे की खूबियों को न देखकर एक दूसरे की ख़ूबसूरती पर अट्रैक्ट होने लगे तो इसे प्यार नहीं कहा जा सकता। जब शादी शारीरिक ख़ूबसूरती को देखकर की जाती है तो ऐसे में हो सकता है कि पार्टनर्स एक दूसरे से जल्द ही ऊब जाएँ।
शादी के बाद एक चीज़ और देखने को मिलती है। कई बार देखा जाता है कि प्रेग्नेंसी के बाद जब पत्नी थोड़ा सा वेट गेन कर लेती है तो ऐसे में पति ना सिर्फ़ बॉडी शेमिंग करता है बल्कि दूसरी औरतों से राब्ता क़ायम करना भी शुरू कर देता है। कई बार तो पत्नियां इस चीज़ को बर्दाश्त कर लेती है लेकिन आज के ज़माने में ये तलाक़ (Divorce) का एक कारण बन रहा है।
6. आत्मनिर्भर महिलाएँ (Divorce)
महिलाओं का आत्मनिर्भर होना अच्छी बात है तथा ये तलाक़ (Divorce) का कारण नहीं है बल्कि महिलाओं का हद से ज़्यादा आज़ाद ख्याल होना तथा आने वाले भविष्य के बारे में ना सोचना समस्या का कारण बनता है।
हमारे समाज में महिला कितनी भी आत्मनिर्भर क्यों न हो जाए उसे ससुराल में एडजस्ट करना ही पड़ता है। ये कोई बुरी बात नहीं है बल्कि परिवार के साथ रहना तो सम्मान की बात है। किसी महिला का जॉब करना या पैसे कमाना तलाक़ (Divorce) का कारण नहीं बनता है बल्कि जब महिला के अंदर अहंकार की भावना तथा ससुराल वालों के साथ एडजस्ट न होने की भावना घर कर जाती है तो ऐसे में वह महिला अपनी शादी की परवाह नहीं करती। कभी कभी इसका नतीजा है कि तलाक़ (Divorce) के रूप में सामने आता है।
7. हस्तक्षेप (Divorce)
भारतीय समाज में यदि शादी टूटने के कारण की बात करें तो उसमें हस्तक्षेप सबसे वास्तविक कारण है। अक्सर देखा जाता है कि शादी के बाद लड़की न सिर्फ़ अपने मायके वालों को तरजीह देती है बल्कि उसके मायके वाले हद से ज़्यादा उसकी ससुराल में हस्तक्षेप करते हैं। जब लड़की के मायके वाले लड़की को कंट्रोल करने की कोशिश करते हैं और लड़की भी ससुराल से ज़्यादा मायके को तरजीह देती है तो ऐसे में उसके रिश्ते अपने ससुराल वालों और पति के साथ ख़राब होने शुरू हो जाते हैं। कई बार नौबत तलाक़ (Divorce) तक पहुँच जाती है।
8. भावनाओं को अनदेखा करना (Divorce)
एक दूसरे की भावनाओं का ख्याल करना अत्यंत आवश्यक होता है। किसी भी वैवाहिक जोड़े के लिए ये आवश्यक होता है कि वे एक दूसरे की भावनाओं का ना सिर्फ़ सम्मान कर रहे हैं बल्कि उन्हें समझने की कोशिश भी करें। शादी के बाद अगर पार्टनर्स एक दूसरे की भावनाओं को अनदेखा करते हैं या फिर वे एक दूसरे की भावनाओं का मज़ाक उड़ाते हैं तो ऐसे में दोनों में खटास पैदा हो सकती है। ये स्थिति इतनी भयानक है कि यह तलाक़ के लिए ज़िम्मेदार हो सकती है।
Conclusion
जैसा कि शादी दो आत्माओं का मिलन होता है इसी प्रकार तलाक़ तो आत्माओं को अलग करने का कारण बनता है। भले ही तलाक़ के बाद दो लोग एक दूसरे से अलग हो जाते हैं लेकिन उन्हें इस सदमे से उबरने में काफ़ी टाइम लग सकता है। कभी कभी तो तलाक़ (Divorce) के बाद पार्टनर्स को इतना गहरा सदमा पहुँचता है कि वे नॉर्मल लाइफ़ को दोबारा जी ही नहीं पाते हैं। इसलिए बेहतर है कि उन कारणों के बारे में जाना जाए तथा उन्हें समझा जाए जो तलाक़ के लिए ज़िम्मेदार होते हैं।
इस लेख में हमने आपके सामने तलाक़ (Divorce) के कुछ महत्वपूर्ण कारणों को रखा है। उम्मीद है कि यह लेख आपके लिए एक मार्गदर्शक साबित होगा। आप अपने सवालों और सुझावों को कॉमेंट बॉक्स में लिखकर हमसे शेयर कर सकते हैं।