साल का पहला महीन धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है| इस माह में कई महत्वपूर्ण पर्व आते है| सकट, लोहड़ी, मकर संक्रांति जैसे पर्व इसी माह में आते हैं| आइए जानते हैं इन पर्वों के बारे में| सकट वाले दिन भगवान गणेश जी की पूजा होती है| माताएं अपने बच्चों के सुखद भविष्य के लिए निर्जला व्रत रखती हैं| संतान की दृष्टि से इस व्रत को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है| इस व्रत को रखने से संतान पर गणेश जी की कृपा सदा बनी रहती है| गणेश जी हर संकट से बचाव करते हैं| इस दिन शाम के समय चंद्रमा को अघ्र्य देकर व्रत को समाप्त करने की परंपरा है| इस दिन चंद्रमा की भी पूजा होती है|
लोहड़ी का पर्व
भारत एक कृषि प्रधान देश है| हमारे देश में बहुत से पर्व और मेले कृषि से जुड़े हुए हैं| यही वजह है कि फसल पकने और कटने के बाद हमारे देश में पर्व मनाने का रिवाज है| लोहड़ी का पर्व भी एक ऐसा ही पर्व है| सर्दी के मौसम में किसानों को इस दिन से राहत मिलने लगती है| मौसम बदलने लगता है| खेतों में फसलें भी तैयार हो जाती हैं| गेंहूं, सरसों और चना की फसलें लहलहाने लगती हैं| लोहड़ी का पर्व हर्षोल्लास का पर्व है| ये पर्व किसानों से जुड़ा है|इस पर्व को शहरों यहां तक की विदेशों में भी मनाया जाता है| इस पर्व को हर साल मकर संक्रांति से एक दिन पहले लोहड़ी के रुप में मनाते हैं| इस साल इस पर्व को 14 जनवरी को मनाया जाएगा|
ऐसे मनाते हैं लोहड़ी का पर्व
इस दिन लकड़ी और उपलों का ढ़ेर लगाते हैं, फिर उसमें आग लगाते हैं| लपटें उठने के बाद आग में मूंगफली, रेवड़ी, मक्के के दाने, गन्ना आदि को डालते हैं| फिर आग के चारों ओर घुमते हैं गीत गाते हैं और बुजुर्गों का आर्शीवाद लेते हैं इस दिन गुड़ तिल से बनी चीजों को खाने की भी परंपरा है| जिस घर में बच्चा पैदा होता है उस घर में विशेष रुप से लोहड़ी मनाई जाती है| इस दिन बच्चों को उपहार भी देते हैं|