इनकम टैक्स भरते वक्त आपकी एक छोटी सी गलती, भरनी पड़ सकती है आपको पेनल्टी. इनकम टैक्स भरते कौन कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए, इसके कुछ प्रमुख पॉइंट्स इस प्रकार हैं.
1.आईटीआर फॉर्म भरते वक्त आय के जितने भी जरिया हो उनका उल्लेख फॉर्म में जरूर किया जाना चाहिए. अन्यथा फॉर्म रिजेक्ट हो सकता है और टैक्स नोटिस भी आपके नाम आ सकती है. जैसे ब्याज और प्रॉपर्टी से होने वाला इनकम.
2.उचित आईटीआर फॉर्म का चुनाव करें. आईटीआर भरने के लिये कुल 7 तरीके के फॉर्म होते है और उन्हें अपने इनकम कैटेगरी के मुताबिक चुनाव करना पड़ता है.
ITR-1 अगर कोई सरकारी नौकरी ,पेंशन ,प्रॉपर्टी के किराए से होने वाले इनकम या ब्याज से होने वाले इनकम के साधन होते है तो ITR-1 का चुनाव किया जाता है.
ITR-2 इस कैटेगरी में वे लोग आते है जिनका कारोबार या किसी पेशे से कोई आमदनी नही होती.
ITR-3 ऐसे व्यक्ति जिनका किसी कंपनी में हिस्सेदारी होती है उनके लिए ITR-3 फार्म उपयोग होता है.
ITR-4 जिनका निजी स्वमित वाला कारोबार होता है उनके लिये ITR-4 का उपयोग किया जाता है.
ITR-5 जिनका अपना खुद का रजिस्टर्ड फर्म होता है उन्हें ITR-5 का चुनाव करना होता है.
ITR-6 यह फॉर्म सेक्शन 11 के तहत टैक्स देने से छूट प्राप्त कंपनियों के लिए है.
ITR-7 सामूहिक नेतृत्व वाली कंपनियों के लिए यह फॉर्म होता है.
3.आयकर छूट मिलने वाले इनकम का भी करे जिक्र
कई ऐसे इनकम होते है जिन पर टैक्स पर छूट होता है, लेकिन उनका जिक्र ITR फॉर्म में करना चाहिए. जैसे पीपीएफ
4.अगर विदेशी संपत्ति से कोई कमाई होती है तो उसका भी उल्लेख ITR फॉर्म किया जाना चाहिये
अगर आपके पास कोई विदेशी सम्पति है जिससे कमाई होती है तो उसका उल्लेख ITR फॉर्म में किया जाना चाहिए. ऐसा नही है कि आयकर विभाग उसे पता नही लगा पायेगा. अगर इसका उल्लेख नही करते तो भारी पेनल्टी भरनी पड़ सकती है आपको.
5.बैंक खातों से मिलने वाले ब्याज का भी जिक्र किया जाना चाहिए.
अब प्रत्येक खातें आधार कार्ड और पैनकार्ड से लिंक है, ऐसे में कोई भी बैंक यूजर आयकर विभाग से नही बच सकता है. किसी व्यक्ति के यदि एक से ज्यादा बैंक एकाउंट है तो उससे मिलने सभी ब्याज का उल्लेख किया जाना चाहिए.
31 जुलाई है इनकम टैक्स भरने की अंतिम तारीख.