आज आधुनिकता के दौर में अभिभावकों के लिए जो सबसे बड़ी परेशानी बन कर उभर रही है वह है बच्चों का ‘गैजेट्स एडिक्शन’। अपने आस पास, आप अक्सर बच्चों को फोन, टैब आदि गैजेट को इस्तेमाल करते हुए देखते होंगे। गैजेट एडिक्श्न यूं तो हर उम्र के व्यक्ति के लिए बेहद खतरनाक है, लेकिन इसका सबसे बुरा प्रभाव बच्चों पर पड़ता है। विशेषज्ञों की माने तो जो बच्चे गैजेट का इस्तेमाल अधिक करते हैं उनकी आंखे तो कमजोर होती ही हैं, साथ ही उनकी क्रिएटिविटी भी कम होती है और यह आदत उनके मानसिक विकास पर भी असर डालती है। ऐसे में यह सवाल उठना वाजिब है कि बच्चों को गैजेट्स से दूर कैसे रखा जाए।
अगर आप भी अपने बच्चों की गैजेट्स इस्तेमाल करने की आदत से परेशान है तो घबराइए मत हम आपके लिए कुछ ऐसे तरीके लाएं है जिससे आप अपने बच्चो की इस आदत को छूड़ा सकते हैं। लेकिन उससे पहले हमारा आपसे एक सवाल है, आप अपने बच्चों को क्या करते हुए देखना चाहते है? अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे गैजेट का इस्तेमाल न करें या फिर कम से कम करें इसके लिए पहले आपको अपनी आदत सुधारनी होगी, क्योंकि बच्चे वह नही सीखते जो आप उन्हे सीखाना चाहते हैं, बच्चे वह सीखते हैं जो आप उनके सामने करते हैं। इसलिए सबसे पहले आप फोन, लेपटॉप, टैब आदि का इस्तेमाल उनके सामने करना बंद कर दें।
टेक्नोलॉजी आज हमारी जिंदगी में कुछ इस तरह आ चुकी है कि इससे पूरी तरह निजाद पाना लगभग असंभव हो गया है लेकिन इसके इस्तेमाल पर रोक लगाना बेहद जरूरी है, तो चलिए जानते हैं कैसे अपने बच्चो को इस टेक्नोलॉजी वर्ल्ड से बाहर निकाले और एक रीयल वर्ल्ड में लाएं।
एक्टिविटी करें प्लान
अगरआपका बच्चा गैजेट का आदि बन चुका है तो आप उसे धीरे धीरे इनसे दूर करें। आप उनके लिए दूसरी एक्टिविटी प्लान करें, जैसे किसी म्यूजिक क्लास या फिर आउट डोर गेम्स खेलने के लिए बाहर ले जाएं, इसे रूटिन में डालें और बाहर जाते समय आप अपना फोन घर पर ही रखें, अगर फोन ले जाना मजबूरी हो तो आप उनके सामने फोन का इस्तेमाल बिलकुल न करें।
घर के कुछ हिस्सो में फोन बैन करें
आप अपने घर के कुछ हिस्से और समय पर गैजेट इस्तेमाल करने पर पूरी तरह बैन लगा दें। घर में डाइनिंग टेबल और परिवार के साथ समय बीताते समय आप फोन आदि गैजेट पर रोक लगा कर रखें, ध्यान रहे घर का कोई भी व्यक्ति उस जगह और समय पर फोन या दूसरे गैजेट का इस्तेमाल न कर रहा हो।
उनकी पहुंच से रखे दूर
बच्चे जब भी किसी गैजेट के आदि हो जाते हैं तो वह उन तक कैसे भी पहुंचने का प्रयास करते हैं, ऐसे में अगर आपका बच्चा छोटा है तो आप अपने फोन और बाकि गैजेट्स जैसे टीवी रिमोट, लेपटॉप को उनकी पहुंच से दूर ऱखें। इसके अलावा फोन पर लोक लगा कर रखे और बच्चों के सामने उसका पिन या पैटर्न न डालें, इससे अगर वह फोन तक पहुंच भी गया तो भी उसका इस्तेमाल नहीं कर पाएगा।
रोने पर ध्यान डाईवर्ट करें
अभिभावक अक्सर बच्चों को रोते हुए या गुस्से में देख उन्हे शांत कराने के लिए अपने फोन में वीडियो दिखाना शुरू कर देते हैं और यही चीज उनकी आदत में शुमार हो जाती है। बच्चों के गुस्सा या रोने पर उन्हे गैजेट्स ना दें बल्कि वह उनका ध्यान किसी दूसरी तरफ डाइवर्ट करें। बच्चों को खाना खिलाने या होमवर्क कराने के लिए फोन का लालच देना बंद कर दें।
उनके सामने किताबे पढ़ें
अगरआप चाहते हैं कि आपका बच्चा फोन की जगह किताबों से प्यार करें तो उनके सामने किताब लेकर पढ़े आपको पढते हुए देख वह भी इस आदत को अपना लेगा। साथ ही आप घर के दूसरे कामों में उनकी क्षमता के अनुसार उनकी मदद लें, ताकि वह गैजेट का इस्तेमाल न कर पाएं
पालतू जानवर लाएं
आपका बच्चा अगर किसी गैजेट का पीछा नहीं छोड़ता तो आप उसे एक पालतू जानवर लाकर दें। इससे वह गैजेट से तो दूर हो ही जाएगा साथ ही वह बेजूबान जानवरों के इमोशंस को भी समझेगा। घर में पालतू जानवर की कुछ जिम्मेदारी आप उन्हे सौंप सकते हैं, इससे वह शुरू से ही थोड़ा समझदार भी हो जाएगा।