Wednesday, April 2, 2025
hi Hindi
संयुक्त परिवार (Joint family) का हमारे जीवन में है ये महत्व

Joint family – संयुक्त परिवार का हमारे जीवन में है ये महत्व

by Nayla Hashmi
418 views

संयुक्त परिवार (Joint family) में है मजा या एकांत परिवार (Nuclear Family) में सीखी जा सकती है जिन्दगी जीने की कला?

दोस्तों, हम जिस समाज में रह रहे हैं उसका आधार है परिवार। आखिर क्या है यह परिवार? जी हां, परिवार बनता है एक घर और उसमें रहने वालों से जैसे दादा-दादी, माता-पिता, चाचा-चाची, बुआ और उनके बच्चे। 

किसी परिवार में एकता, प्रेम, आदर और सम्मान का परिचय देते हुए एक साथ रहना संयुक्त परिवार (Joint family) कहलाता है वहीं टुकड़ों में बंटकर सबसे दूर होकर, कभी मजबूरी वश तो कभी स्वार्थ के कारण, दूसरे प्रकार के परिवार का जन्म होता है जिसे एकल परिवार (Nuclear family) कहते हैं लेकिन परिवार चाहे संयुक्त (Joint family) हो या एकांकी (Nuclear), उनमें कुछ अच्छाई और कुछ बुराई, कुछ फायदे और कुछ नुकसान दोनों ही होते हैं। आज की अपनी चर्चा हम इसी बात पर करने वाले हैं। तो आइए इनके फायदे और नुकसान के बारे में जानें।

हम शुरू करते हैं संयुक्त परिवार के फ़ायदों से- Joint family

संयुक्त परिवार (Joint family) का हमारे जीवन में है ये महत्व

1. समस्या को सुलझाने में सहायक (Joint family)

जैसा कि आप जानते हैं कि संयुक्त परिवार (Joint family) में दादा-दादी, माता-पिता, चाचा-चाची, और बुआ सब मिलजुल कर साथ-साथ रहते हैं यही संयुक्त परिवार है। ये सब लोग परिवार में होने वाली किसी भी तरह की समस्या का निपटारा एक साथ करने में मदद करते हैं।

किसी भी व्यक्ति का जीवन समस्याओं से परे नहीं रहता है। समस्याएं जीवन में आती-जाती रहती हैं। जब हम सब मिलकर साथ रहते (Joint family) हैं तो कोई समस्या बहुत बड़ी नहीं मालूम होती क्योंकि उसको हम सब मिलकर सुलझा लेते हैं। 

हमारे माता-पिता के पास अपनी उम्र के हिसाब से अनुभव होता है जिसके रहते वे हमारी समस्याओं को आसानी से सुलझाने में हमारी मदद करते हैं। हम परेशान तो होते हैं पर निराश नहीं होते क्योंकि कहीं न कहीं हमारे अंदर यह भावना रहती है कि हमारे माता-पिता हमारी समस्याओं को हल कर देंगे।

2. बच्चों के पालन पोषण और शिक्षा

संयुक्त परिवार (Joint family) में इतने लोग होते हैं कि हमें बच्चों के बारे में ज्यादा परेशान नहीं होना पड़ता। यदि हम काम में लगे होते हैं और बच्चा रो रहा होता है तो कभी उसके दादा- दादी संभाल लेते हैं, कभी चाचा बाहर ले कर चले जाते हैं तो कभी बुआ संभाल लेती हैं और हम आराम से काम कर सकते हैं। उनको नहलाना-धुलाना, उसकी सफाई और उनके खानपान को लेकर हमें ज्यादा चिंता नहीं होती। अक्सर देखा जाता है कि भतीजी-भतीजा बुआ की जान होते हैं। बुआ खुद उन्हें खिला-पिला लेती हैं और उनकी देखभाल कर लेती हैं।

पढ़ाई के लिए कोई समस्या नहीं होती। सारे भाई-बहन बैठकर साथ में पढ़ाई करते हैं। एक दूसरे से बातचीत भी होती है। अगर पढ़ाई में कोई समस्या आ रही है तो बड़ा भाई या बड़ी बहन उसको हल कर देते हैं।

इसके अलावा बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ कई और तरह की शिक्षाएं भी हासिल कर सकते हैं। हर व्यक्ति में कोई न कोई हुनर, कोई न कोई काबिलियत जरूर होती है जैसे पेंटिंग, सिंगिंग, म्यूजिक, क्राफ्ट, कैलीग्राफी, योग और साइंस एक्सपेरिमेंट आदि। यह वह शिक्षाएं हैं जो हमारे अंदर देखने भर से आ जाती हैं।

3. त्योहार और मनोरंजन

जी हां, त्योहारों का मजा तो संयुक्त परिवार (Joint family) में ही आता है जहां पर सब मिलजुल कर, हंस खेलकर होली, दिवाली, ईद, बकरीद और क्रिस्मस खुशी-खुशी मनाते हैं। आपने देखा होगा कि अक्सर एकांत परिवार के लोग भी त्योहारों और छुट्टियों में अपने अपनों की तरफ लौटने लगते हैं क्योंकि जिन्दगी जीने का आनंद तो अपनों के साथ ही आता है।

कभी देवर-भाभी की छेड़छाड़ तो कभी देवरानी जेठानी की नोकझोंक, कभी सास-बहू का छोटा-मोटा झगड़ा, इन सब में समय का पता भी नहीं चलता और मनोरंजन भी होता रहता है। फिर बच्चों का सोचिए जब रात उतरती है वह दादा-दादी के बिस्तर में घुस जाते हैं और नई-नई कहानियां सुनते हैं। इससे अच्छा मनोरंजन और कहां मिलेगा। वास्तव में ये सारी चीज़ें संयुक्त परिवार (Joint family) में ही हो सकती हैं।

4. परिवार में अनुशास

संयुक्त परिवार (Joint family) की एक खूबी यह भी है कि परिवार का मुखिया दादाजी होते हैं जो अपने जिन्दगी भर का अनुभव लिए हुए सबको अनुशासन में रखते हैं। यदि कोई उसका उल्लंघन करता है तो उसको सजा भी मिलती है। इससे बच्चों को अनुशासन सीखने में बहुत मदद मिलती है क्योंकि वह अपने बड़ों को देखते हैं और उनसे सीख जाते हैं।

5. बच्चों के विवाह के समय

संयुक्त परिवार (Joint family) में अगर बेटी है तो उसके विवाह के लिए सिर्फ उसके माता-पिता चिंतित नहीं होते बल्कि चाचा- चाची, ताया- ताई, दादा- दादी सबको उसके विवाह की चिंता रहती है और विवाह के समय सारे कार्य सब मिलजुल कर करते हैं। बेटियों को सब मिलजुल कर ब्याहते हैं।यदि बेटा है तो उसके विवाह के लिए भी सब मिलजुल कर सहयोग करते हैं।

संयुक्त परिवार के नुकसान- Joint Family

  • संयुक्त परिवार (Joint family) में अक्सर देखा गया है कि धन को लेकर मतभेद हो जाता है। किसी की आमदनी कम है तो किसी की ज्यादा। कम आमदनी वाला अपनी आमदनी के मुताबिक मुखिया को घर चलाने के लिए पैसा देता है और ज्यादा आमदनी वाला भाई भी उतना ही पैसा देना चाहता है। इसी को लेकर अक्सर मतभेद होते रहते हैं।
  • संयुक्त परिवार (Joint Family) में औरतें ज्यादातर रसोई के काम और बच्चों के पालन पोषण में ही अपना समय व्यतीत कर देती हैं। यह भी एक बड़ा नुकसान है संयुक्त परिवार का (Joint family)।
  • संयुक्त परिवार (Joint Family) में यदि कोई विधवा औरत है या तलाकशुदा है तो उसके साथ अकसर अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता क्योंकि उसके पास आय का साधन नहीं होता इसलिए काम का अधिकतर बोझ उसी के ऊपर डाल दिया जाता है।
  • संयुक्त परिवार (Joint family) में एकमत न होने के कारण किसी समस्या का हल ढूंढने में बहुत समय लग जाता है। बहुत मुश्किल से सारे लोग किसी एक बात पर सहमत हो पाते हैं।

एकाकी परिवार (Nuclear family) के फायदे-

1. स्वतंत्रता (Joint family)

एकाकी परिवार (Nuclear family) में पति-पत्नी और उनके बच्चे बस यही परिवार होता है और हर कोई अपने आप में स्वतंत्र होता है। अपनी मर्जी से हर कार्य कर सकता है जो वह करना चाहे। किसी की कोई रोक-टोक नहीं होती है।

2. पति पत्नी का मजबूत बंधन (Joint family)

एकल परिवार (Nuclear family) में पति-पत्नी एक दूसरे को ज्यादा समय दे पाते हैं। एक दूसरे को समझ पाते हैं और अपने रिश्ते को ज्यादा मजबूत बना पाते हैं।

3. अधिक गोपनीयता (Joint family)

एकल परिवार (Nuclear family) में अगर कोई ऊंच-नीच हो जाती है या कोई समस्या (Problem) आ जाती है तो वह परिवार से बाहर नहीं जा पाती है क्योंकि परिवार में दो चार लोग ही होते हैं वे आपस में ही बात को गुपचुप तरीके से हल कर लेते हैं।

4. कम खर्चे (Joint family)

एकल परिवार (Nuclear family) में दो चार लोग होने की वजह से खर्चों के लिए ज्यादा धन नहीं व्यय करना पड़ता। छोटे परिवार में ज्यादा खर्च नहीं होते हैं इसलिए बचत भी आसानी से कर सकते हैं।

एकाकी परिवार (Nuclear family) के नुकसान-

1. धन संबंधी समस्या (Joint family)

यदि हम किसी कार्य के लिए कर्ज लेते हैं तो उसे चुकाने के लिए हमें अकेले ही परेशान होना पड़ता है। जब हम अपने परिवार से दूर अकेले एकाकी परिवार (Nuclear family) में रह रहे होते हैं तो हम अपने भाई या अपनी बहन से अपने कर्ज के बारे में बात करने में अच्छा नहीं समझते हैं इसलिए हमें इस समस्या को अकेले ही सुलझाना होता है।

2. बच्चों को संभालने की समस्या (Joint family)

एकाकी परिवार (Nuclear family) में अक्सर पति-पत्नी दोनों ही जॉब करते हैं। ऐसे में उन्हें बच्चों को संभालने के लिए किसी आया की जरूरत पड़ती है और एक डर भी सदा बना रहता है कि पता नहीं आया ने बच्चे को खाना खिला दिया होगा या नहीं, बच्चों का ध्यान रख रही होगी या नहीं।

कभी-कभी बच्चे मां-बाप की कमी को बहुत महसूस करते हैं, वे डरने लग जाते हैं। ऐसे में बच्चे घर से बाहर निकलने लगते हैं और बाहर अपने लिए दोस्त ढूंढते हैं। अक्सर बच्चे गलत सोहबत में पड़कर बुरी आदतें सीख लेते हैं जो उनके भविष्य के लिए बहुत नुकसानदायक होती है। 

3. अकेलापन (Joint family)

एकाकी परिवार में यदि महिला केवल ग्रहणी है तो घर के कामकाज के बाद उसको अकेले ही रहना पड़ता है। पति नौकरी पर चला जाता है, बच्चे स्कूल चले जाते हैं और वह अकेली घर में रह जाती है। 

अकेलापन उसे काटने को दौड़ता है। अगर बच्चे भी न हों तो इस अकेलेपन के कारण कई बार महिलाएं डिप्रेशन में चली जाती हैं पर मजबूरी है उन्हें यह अकेलापन झेलना ही पड़ता है। यही कुछ कारण हैं कि अब एक लंबे समय तक एकांत परिवार में रहने के बाद अब लोग पुनः संयुक्त परिवार (Joint Family) की ओर बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं।

Conclusion

परिवार चाहे संयुक्त (Joint family) हो या एकांत, जिन्दगी को बेहतर बनाने के लिए हमें कोई न कोई कुर्बानी देनी ही पड़ती है। संयुक्त परिवार (Joint Family) में जिंदगी गुजारने के लिए हमें थोड़ा सब्र और दिल को बड़ा करने की आवश्यकता होती है और यह घर के किसी एक व्यक्ति ही नहीं बल्कि घर के हर सदस्य की जिम्मेदारी है। 

वहीं अगर एकांत परिवार की बात की जाए तो एकांत परिवार में जिन्दगी को आसान बनाने के लिए माता-पिता को बच्चों को समय देने और एक दूसरे की जरूरत से ज्यादा उनकी भावनाओं का ख्याल रखना अनिवार्य है।

कई बार लोगों को हमारे छोटे-बड़े उपहार से ज्यादा उन्हें हमारे समय की जरूरत होती है जो कि हम समझ नहीं पाते और वह थोड़ा-थोड़ा इकट्ठा होकर एक बड़ी परेशानी या चुनौती के रूप में सामने आ जाती है। ये सब परेशानियाँ हमारे साथ न हों इसके लिए हमें हर चीज़ को बैलेंस करके चलना ज़रूरी है। यदि आप एकल परिवार में रहते हैं तो अपने परिवार के अन्य सदस्यों से समय समय पर मिलते ज़रूर रहें। यही हमारी सलाह है।

बेस्ट टूरिस्ट प्लेसेज़, जानें यहाँ।

SAMACHARHUB RECOMMENDS

Leave a Comment