झारखंड विधानसभा चुनाव में जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी भले ही सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी हो, लेकिन किसी एक पार्टी को इस बार भी अपने दम पर बहुमत नहीं मिल सका है. यही नहीं झारखंड में 19 साल के राजनीतिक इतिहास में कोई भी सत्ताधारी पार्टी सत्ता में वापसी नहीं कर सकी है. इस बार भी रघुवर दास के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार की सत्ता से विदाई तय हो गई है. इस तरह से झारखंड ने अपने इतिहास को एक बार फिर दोहराया है.
झारखंड की राजनीति इतनी कॉम्प्लेक्स है कि इस राज्य के गठन को 19 साल हुए हैं और यहां 10 सीएम बन चुके हैं. झारखंड में अब तक रघुवर दास पहले मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने भले ही पांच साल का कार्यकाल पूरा किया कर लिया. लेकिन सरकार की दूसरी बार सत्ता में वापसी नहीं करा सके. झारखंड विधानसभा चुनाव नतीजे के रुझानों को देखें तो साफ है कि बीजेपी 30 सीटों से नीचे सिमटी दिख रही है. जबकि, जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन पूर्व बहुमत के साथ सत्ता में वापसी कर रहा है.
झारखंड का गठन 2000 में हुआ है. कोई भी पार्टी अकेले दम पर बहुमत पाने में कामयाब नहीं हो पाई है. इस बार भी ऐसे ही नतीजे देखने को मिले हैं. झारखंड में बीजेपी भले ही सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, लेकिन बहुमत से दूर है. जेएमएम गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है.
बता दें कि झारखंड बनने के बाद सबसे पहला चुनाव 2005 में हुआ था, जिनमें बीजेपी 30 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. हालांकि बीजेपी बहुमत का आंकड़ा नहीं छू पाई थी. इस चुनाव में जेएमएम 17 सीटें जीतकर दूसरे नंबर पर रही थी. इससे बाद 2009 में हुए विधानसभा चुनाव में भी किसी एक पार्टी को बहुमत नहीं मिला है. बीजेपी और जेएमएम 18-18 सीटें जीतने में कामयाब रही थीं. जबकि, कांग्रेस 14 और जेवीएम 11 सीटें जीत दर्ज की थी.
SOURCE-AAJTAK