प्रेग्नेंसी में महिलाओं को मछली के तेल के प्रयोग की सलाह दी जाती है। मछली के तेल में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड के कारण इसे गर्भावस्था में अच्छा माना जाता है। हालांकि कुछ लोग इसे स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं मानते हैं। आइए आपको बताते हैं कि प्रेग्नेंसी में कितना फायदेमंद है मछली का तेल।
क्या सचमुच फायदेमंद है मछली का तेल
दरअसल मछली का तेल दो प्रकार का होता है। एक प्रेग्नेंसी में फायदेमंद होता है और एक नहीं। मछली का तेल आमतौर पर मछली के मांस से निकाला जाता है, जिसे ओमेगा-3 सप्लीमेंट भी कहते हैं। ये तेल प्रेग्नेंसी में लेना फायदेमंद होता है। हालांकि यह जरूर जांच लेना चाहिए कि जो तेल आप ले रही हैं, उसमें और कुछ न मिला हुआ हो। वहीं मछली के लिवर से बना हुआ तेल, जिसे कॉड लिवर ऑयल कहते हैं, प्रेग्नेंसी में सुरक्षित नहीं माना जाता है।
मछली के तेल के सेवन में सावधानी
प्रेग्नेंसी में ओमेगा-3 फैटी एसिड के सेवन शिशु के मस्तिष्क और आंखों के विकास में बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा ये तेल हार्ट अटैक की आशंका को भी कम करता है। कॉड लिवर ऑयल में भी ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, इसलिए यह भी आपकी सेहत के लिए फायदेमंद है। मगर कॉड लिवर ऑयल में रेटिनॉल होता है, जो विटामिन ए का एक प्रकार है। प्रेग्नेंसी में अगर आप कॉड लिवर ऑयल लेती हैं, तो शरीर में विटामिन ए की मात्रा ज्यादा हो जाती है, जिसके कारण रेटिनॉल आपके शिशु के लिए खतरा हो सकता है।
शिशु की इम्यूनिटी होती है मजबूत
मछली का तेल शिशुओं और गर्भवती महिलाओं की प्रतिरोधक प्रणाली के लिए भी बेहतर पूरक आहार है। ओमेगा-3 मां से बच्चे में प्लेसेंटा के माध्यम से जाता है। जो बच्चों में इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और बाद में एक्जिमा से बच्चों को बचाता है।
नहीं होते शारीरिक विकार
मछली के तेल के उपयोग से गर्भ में पल रहे बच्चे के मस्तिष्क विकास और हाथों और आंखों जैसे अंगों को काफी मजबूती मिलती है। इतना ही नहीं इन बच्चों के रक्त में ओमेगा-3 फैटी एसिड की मात्रा पर्याप्त होती है जो जिससे बच्चे में किसी भी विकार के होने की संभावनाएं खत्म हो जाती है।
हड्डियां होती हैं मजबूत
जो गर्भवती महिलाएं ठीक से खान-पान नहीं कर पाती उनके लिए मछली के तेल का सेवन बहुत जरूरी है। मछली के तेल का न सिर्फ सेवन ही लाभकारी है बल्कि गर्भवती महिला व शिशु की भी इस तेल से मालिश करने से शरीर में और हड्डियों में मजबूती आती है। महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान ओमेगा-3 की अतिरिक्त खुराक लेती हैं उनके बच्चों की त्वचा रूखी नहीं होती।