कोविड-19 की वजह से दुनियाभर की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो चुकी है। वैश्विक अर्थव्यवस्था पर काफी नकारात्मक प्रभाव दिख रहा है। इसका सबसे बड़ा सबूत यह है कि वैश्विक जीडीपी दर भी बेहद कम हो चुकी है। भारत में भी यह आशंका है कि वृद्धि दर काफी कम हो जाएगी जो पहले ही मंदी के दौर में चल रही थी। लेकिन ऐसा भी माना जा रहा है कि भारत विश्व के अन्य देशों से अधिक वृद्धि कर पाएगा। सरकार ने नकारात्मक प्रभाव को दूर करने के लिए आर्थिक राहत पैकेज नाम से 20 लाख करोड़ रुपए की राहत दी है। आपको इस तरह से अपने निवेश को आगे बढ़ाना होगा-
विविधता
निवेश में सबसे ज्यादा जरूरत विविधता की होती है। अगर आप किसी के कैसेट में अपने पैसे को लगा रहे हैं तो आपको उसमें भी अलग विविधताओं को महत्व देना होगा। उदाहरण के तौर पर यदि आप शेयर बाजार को देखी में तू वहां पर अलग सेक्टर और शेयर में पैसा लगाना फायदेमंद माना जाता है। यदि अभी की परिस्थितियों को देखा जाए तो कोई भी नई लहर आए, आपको उससे पहले मिड कैप लार्ज कैप फंड में निवेश कर लेना चाहिए जो फायदेमंद हो सकता है। और यदि आप देश के जोखिम से बचना चाहते हैं तो आप अंतरराष्ट्रीय फंड्स में भी देख सकते हैं। इसके अलावा यदि आप चाहें तो गोल्ड फंड्स में भी निवेश कर सकते हैं।
एसआईपी बंद ना करें
यदि आप वर्तमान परिस्थितियों को देखकर बेहद मुश्किल में है कि एसआईपी को जारी रखना है या नहीं तो आपको इसका जवाब बड़ी आसानी से मिल जाएगा। यदि आप बाजार की अस्थिरता देखें तो आपको समझ आएगा कि बाजार जब भी गिर रहा है निवेशक को निवेश के लिए इतने पैसे में ज्यादा यूनिट्स मिल जाती हैं। यदि आप अधिक समय के लिए निवेश कर रहे हैं तो आपको वर्तमान बाजार इसके लिए काफी अच्छा अवसर दे रहे हैं।
गिरावट का इंतजार मत करें
आपको शेयर बाजार के स्तर काफी आकर्षक लग रहे होंगे क्योंकि इनमें 50% तक गिरावट भी देखी जा चुकी है। हो सकता है कि आप सोच रहे हो कि आप बाजार की चाल पकड़ेंगे किंतु आप ऐसा ना सोचे तो ही अच्छा है। ऐसा इसलिए क्योंकि बाजार का कोई कितना भी अच्छा निवेशक हो वह कभी यह नहीं पता लगा पाते कि बाजार का सबसे निचला स्तर क्या होगा। आपके लिए यही सही है कि आप महीने भर की एसटीपी या सप्ताह एसटीपी को चुने और अधिक गिरावट के भरोसे ना बैठे तो ही अच्छा है।
रणनीति
लोगों की सबसे बड़ी परेशानी यही होती है कि वह बाजार की चाल पकड़ने की कोशिश करते हैं जिसमें वह हमेशा ही असफल रहे हैं। आपको इससे बचके ही रहना चाहिए। इक्विटी में बाहर निकलना हो तो निकासी की योजना काफी जरूरी रहती है। आपको 3 साल पहले ही अपने फंड को इक्विटी से डेट में शिफ्ट करना चाहिए जिससे जोखिम घटने की प्रक्रिया शुरू होती है। जो भी व्यक्ति 2020 में लक्ष्य पूरा करने वाले हैं उन लोगों को जोखिम कम करने के लिए यह रणनीति 2016 में बनाना प्रारंभ कर देना चाहिए था।
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